सम्राट चौधरी, दिलीप जायसवाल, संजय जायसवाल और मंगल पांडेय को लेकर नाराजगी?, भाजपा नेता आरके सिंह और अश्विनी चौबे ने कहा- आरोपों का जवाब देना चाहिए

By एस पी सिन्हा | Updated: October 4, 2025 14:37 IST2025-10-04T14:36:25+5:302025-10-04T14:37:10+5:30

बिहार में भाजपा ने सम्राट चौधरी और दिलीप जायसवाल को आगे करके चुनावी जंग जीतने की योजना बना रखी थी ताकि ओबीसी वोटों को साधा जा सके।

Bihar polls Samrat Chaudhary, Dilip Jaiswal, Sanjay Jaiswal and Mangal Pandey BJP leaders RK Singh Ashwini Choubey said allegations answered | सम्राट चौधरी, दिलीप जायसवाल, संजय जायसवाल और मंगल पांडेय को लेकर नाराजगी?, भाजपा नेता आरके सिंह और अश्विनी चौबे ने कहा- आरोपों का जवाब देना चाहिए

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Highlightsभाजपा कशमकश में फंस गई है।सातवीं फेल होने के आरोप लगा रहे हैं।छह महीने जेल में भी रहने की बात कर रहे हैं।

पटनाः जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर(पीके) ने भाजपा के जिन नेताओं पर आरोप लगाए हैं, उनके ख़िलाफ पार्टी से ही आवाज उठने लगी है। दरअसल, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को लेकर मोर्चा खोल रखा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता आरके सिंह और अश्विनी चौबे ने कहा है कि दिलीप जायसवाल और सम्राट चौधरी को आरोपों का जवाब देना चाहिए। इससे सरकार और पार्टी की विश्वसनीयता पर सवाल उठता है। इस तरह साफ है कि भाजपा कशमकश में फंस गई है।

जानकारों की मानें तो बिहार में भाजपा ने सम्राट चौधरी और दिलीप जायसवाल को आगे करके चुनावी जंग जीतने की योजना बना रखी थी ताकि ओबीसी वोटों को साधा जा सके। ऐसे में दोनों ही नेता फ़्रंटफ़ुट पर उतरकर सियासी बैटिंग कर रहे थे, लेकिन पीके ने अब उन्हें अपने निशाने पर ले रखा है। पीके सम्राट चौधरी पर नाम बदलने, हत्या करने और सातवीं फेल होने के आरोप लगा रहे हैं।

इतना ही नहीं, उन्हें छह महीने जेल में भी रहने की बात कर रहे हैं। इसके साथ ही पटना में हुए बहुचर्चित शिल्पी जैन-गौतम हत्याकांड में भी उनकी संलिप्तता की बात कर रहे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर पीके ने किशनगंज में मेडिकल कॉलेज पर क़ब्ज़ा करने के आरोप लगाए हैं। वहीं, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर पीके ने उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।

कोविड महामारी के दौरान मंगल पांडेय ने दिल्ली में 86 लाख रुपये में फ़्लैट ख़रीदा, जिसमें उनकी मदद दिलीप जायसवाल ने की। इसके साथ ही कहा कि पैसा लेते ही मंगल पांडेय ने दिलीप जायसवाल के कॉलेज को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्ज़ा दे दिया। पीके ने भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और सांसद संजय जायसवाल को तेल चोर बता रहे हैं।

संजय जायसवाल भाजपा के दिग्गज नेता माने जाते हैं। इस तरह पीके ने उन्हें भी सियासी कटघरे में खड़ा कर बैकफ़ुट पर ढकेल दिया है। उल्लेखनीय है कि भाजपा ने लोकसभा और विधानसभा की सर्वाधिक सीटें जीतने का रिकार्ड भी अपने नाम किया है। इसके बावजूद बिहार में भाजपा का कोई सर्वमान्य नेता नहीं दिखता।

हाल के वर्षों में भाजपा ने अपने 4 नेताओं को उपमुख्यमंत्री बनाया। लेकिन किसी की पहचान बड़े कद के नेता की नहीं बन पाई। सुशील कुमार मोदी के बाद तार किशोर प्रसाद और रेणु देवी को भाजपा ने आजमाया। फिर सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को भाजपा ने उपमुख्यमंत्री बनाया। इसमें सम्राट चौधरी कई दलों का दर्शन कर भाजपा में आए हैं।

लिहाजा उन पर बाहरी होने का भी आरोप लगता रहा है। फिर उनकी पृष्ठभूमि भी संघ परिवार से नही रही है। इस बीच भाजपा के शीर्षस्थ नेता भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिर गए हैं। पीके के द्वारा लगाए गए आरोपों पर इन नेताओं ने अभी तक कायदे से ऐसी सफाई भी नहीं दी है, जिससे चुनावी मौसम में पार्टी जनता को संतुष्ट कर सके।

इस बीच अब तो पार्टी को अंदरूनी कलह का भी सामना करना पड़ रहा है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी अपने नेताओं के निशाने पर भी आ गए हैं। प्रशांत किशोर ने उनकी उम्र में गड़बड़ी, डिग्री में फर्जीवाड़ा, एक से अधिक नाम और कई हत्याओं का आरोप लगाया है। ये इतने संगीन आरोप हैं कि भाजपा के लोग भी इसे सियासी खुन्नस मानने को तैयार नहीं। उन्हें भी सम्राट चौधरी में गड़बड़ियां नजर आती हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने पहले सम्राट पर हमला बोला। अब तो अश्विनी चौबे ने भी मोर्चा खोल दिया है। लोकसभा चुनाव में हार के बाद से ही आरके सिंह पार्टी के प्रति नाराजगी जाहिर करते रहे हैं। वे अपनी हार के पीछे सम्राट चौधरी की भूमिका मानते हैं। सम्राट से तो अब अश्विनी चौबे भी खफा दिख रहे हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों पर सम्राट चौधरी को लालकृष्ण आडवाणी जैसे आचरण की सलाह दे डाली है।

आडवाणी पर जब जैन हवाला कांड में 1996 में भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।  हालांकि बाद में अदालत ने उन्हें मामले से बरी कर दिया था। आरके सिंह ने सम्राट चौधरी से सफाई देने की मांग कर दी है। उन्होंने कहा है कि सम्राट चौधरी अगर इन आरोपों का जवाब नहीं देते हैं तो उन्हें अपने पद से हट जाना चाहिए। उनके चुप रहने से पार्टी की छवि खराब हो रही है।

आरके सिंह ने सलाह दी है कि सम्राट चौधरी को मैट्रिक या स्नातक का सनद दिखाना चाहिए। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो इससे सरकार और पार्टी की की छवि पर बुरा असर पड़ेगा। सम्राट को खुद सामने आना चाहिए और अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। यदि आरोप गलत हैं, तो सम्राट चौधरी को प्रशांत किशोर के खिलाफ मुकदमा दायर करना चाहिए।

अश्विनी चौबे भी आरोपों के मद्देनजर तल्ख टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग पार्टी में पिछले दरवाजे से आते हैं। इनमें कुछ लोग तो सुधर जाते हैं, लेकिन जो नहीं सुधरते, उन्हें जनता सुधार देती है। बता दें कि सम्राट चौधरी कई दलों से होकर भाजपा में पहुंचे हैं। भाजपा ने उन पर आंख मूंद कर भरोसा किया और उन्हें पहले प्रदेश अध्यक्ष और बाद में उपमुख्यमंत्री बना दिया। 

उधर, पीके के द्वारा सम्राट चौधरी पर शिल्पी जैन-गौतम दुष्कर्म और हत्याकांड मामले के निराकरण करने के लिए बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद ने सम्राट चौधरी की बोन टेस्ट और डीएनए टेस्ट करना की मांग की है। उन्होंने कहा है कि राजनीति की शुचिता और राजनेता की विश्वसनीयता के लिए जरूरी भी है क्योंकि बोन टेस्ट से उम्र स्पष्ट हो जाएगा और डीएनए टेस्ट से स्पष्ट हो जाएगा कि शिल्पी गौतम के साथ अन्याय करने वाला कौन था? ऐसे में उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या सीबीआई सम्राट चौधरी का डीएनए टेस्ट कराएगी?

अभयानंद ने कहा कि दोषी कौन है इसका तय तो पारदर्शी और विश्वसनीय आधुनिक जांच और अनुसंधान से ही तय होगा। आज भी लोग शिल्पी गौतम हत्या कांड की जांच से संतुष्ट नहीं हैं। सीबीआई पर उंगली उठती है।

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