बिहार विधानसभा चुनाव में बागी मचा रहे बवाल, राजद ने 27, भाजपा ने 6 और जदयू ने 5 को किया बाहर, दल-बदलू उम्मीदवार बोले- 5 साल मेहनत करें हम और टिकट ले जाएं कोई...

By एस पी सिन्हा | Updated: October 28, 2025 14:35 IST2025-10-28T14:29:23+5:302025-10-28T14:35:14+5:30

भाजपा ने कहलगांव से चुनाव लड़ने वाले विधायक पवन यादव को निष्कासित कर दिया है। पवन यादव पर फैसले का उल्लंघन करने का आरोप है।

bihar polls chunav Rebels RJD expelling 27 candidates, BJP 6, and JDU 5 Politicians trouble due defecting candidates | बिहार विधानसभा चुनाव में बागी मचा रहे बवाल, राजद ने 27, भाजपा ने 6 और जदयू ने 5 को किया बाहर, दल-बदलू उम्मीदवार बोले- 5 साल मेहनत करें हम और टिकट ले जाएं कोई...

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Highlightsदल-बदलुओं के आने से चुनावी मुकाबला भी रोचक हुआ है।कार्यकर्ता बीते पांच सालों से चुनाव लड़ने के लिए मेहनत कर रहे थे।कार्यकर्ता टिकट नहीं दिए जाने से नाराज हैं।

पटनाः बिहार में विधानसभा चुनाव में मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, राज्य का सियासी पारा भी चढ़ता जा रहा है। राजग और महागठबंधन जहां चुनाव प्रचार अभियान में पूरी ताकत झोंक रहे हैं, वहीं दोनों गठबंधनों के भीतर बगावत की चिंगारी भी अब खुलकर सामने आने लगी है। बिहार में कम से कम दर्जन भर दल-बदलू उम्मीदवार ऐसी ही मुश्किल का मुकाबला कर रहे हैं। दल-बदलुओं के आने से चुनावी मुकाबला भी रोचक हुआ है। जो कार्यकर्ता बीते पांच सालों से चुनाव लड़ने के लिए मेहनत कर रहे थे वो कार्यकर्ता टिकट नहीं दिए जाने से नाराज हैं।

कहीं-कहीं बागी तेवर अपनाए हैं तो कहीं भीतरघात की भूमिका में हैं। ऐसे भी बागी हैं जो निर्दलीय मैदान में उतरकर ताल ठोक रहे हैं, जो दल-बदलू उम्मीदवारों को परेशान किए है। इसके चलते भाजपा ने चार नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है, उनमें बहादुरगंज से विधानसभा चुनाव लड़ने वाले वरुण सिंह शामिल हैं।

इसके अलावा, गोपालगंज से चुनाव लड़ रहे अनूप कुमार श्रीवास्तव भी निष्कासित किए गए हैं। भाजपा ने कहलगांव से चुनाव लड़ने वाले विधायक पवन यादव को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पवन यादव पर पार्टी के फैसले का उल्लंघन करने का आरोप है। बड़हरा से चुनाव लड़ने वाले सूर्य भान सिंह को भी पार्टी से 6 साल के लिए बाहर कर दिया गया है।

भाजपा ने इन नेताओं को निष्कासित इसलिए किया है क्योंकि ये सभी गठबंधन के उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे। पार्टी के नियमों के मुताबिक, पार्टी या गठबंधन के खिलाफ चुनाव लड़ना अनुशासनहीनता माना जाता है, जिसके परिणामस्वरूप यह बड़ा एक्शन लिया गया है।

वहीं, राजद) ने दो विधायकों, पांच पूर्व विधायकों, विधान परिषद के पूर्व सदस्यों समेत कुल 27 नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने पर छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है। जिन दो विधायकों को निष्कासित किया गया है उनमें छोटे लाल राय और मोहम्मद कामरान शामिल हैं।

निष्कासित किए गए नेताओं में सबसे बड़ा नाम परसा से मौजूदा विधायक छोटेलाल राय का है, जिन्हें राजद का पुराना और प्रभावशाली चेहरा माना जाता है। छोटे लाल राय के अलावा कटिहार के पूर्व विधायक राम प्रकाश महतो, मुजफ्फरपुर के पूर्व विधायक अनिल सहनी, बड़हरा के पूर्व विधायक सरोज यादव, मुजफ्फरपुर से विधान परिषद के पूर्व सदस्य गणेश भारती और परिहार की पूर्व मुखिया रितू जायसवाल हैं।

सूत्रों के अनुसार, टिकट न मिलने से नाराज कई नेताओं ने निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़ने या विरोधी दलों के उम्मीदवारों का समर्थन करने का रास्ता अख्तियार कर लिया था, जिसके बाद लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई। पार्टी की सूची में गोविंदपुर के विधायक मोहम्मद कामरान, नरपतगंज के पूर्व विधायक अनिल यादव, भागलपुर के अवनीश कुमार हैं।

चेरिया बरियारपुर के राम रखा महतो, शेरघाटी के भगत यादव, वैशाली के संजय राय, संदेश के मुकेश यादव, दरभंगा के कुमार गौरव और राजीव कुशवाहा समेत कई अन्य नाम शामिल हैं। ये सभी अपने क्षेत्र में चुनावी ताल ठोक रहे हैं। उधर, भाजपा ने विधायक पवन यादव, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सूर्यभान सिंह, गोपालगंज के पूर्व जिलाध्यक्ष अनूप कुमार श्रीवास्तव और वरुण सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।

जिन नेताओं को पार्टी से बाहर निकाला गया उनमें कहलगांव विधानसभा सीट से पवन यादव, बहादुरगंज सीट से वरुण सिंह, गोपालगंज से अनूप कुमार श्रीवास्तव और बड़हरा सीट से सूर्य भान सिंह शामिल हैं। वहीं, जदयू ने भी बाग‍ियों पर एक्शन लिया है। पार्टी ने अपने विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल सहित पांच लोगों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।

गोपाल मंडल के अलावा जिन अन्य चार लोगों को जदयू ने दल से निकाला है उनमें पूर्व मंत्री हिमराज सिंह, पूर्व विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह, पूर्व विधायक महेश्वर प्रसाद यादव व गायघाट के प्रभात किरण शामिल हैं। इनके निष्कासन आदेश में कहा गया है कि ये लोग पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त थे।

इस बार के चुनाव में ये बागी हैं जो दलीय उम्‍मीदवारों के लिए मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। पार्टी से टिकट नहीं मिलने के बाद ये जनता की अदालत में पहुंच गए हैं। इनमें सभी दलों का हाल एक जैसा ही है। विधायक गोपाल मंडल, इरफान आलम, पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह जैसे प्रमुख नेता बागी बनकर मैदान में उतर चुके हैं। ऐसे बाग‍ियों की वजह से दलीय उम्मीदवारों को वोट बंटने और हार का डर सता रहा।

बता दें कि गोपाल मंडल भागलपुर जिले के गोपालपुर सीट से लगातार तीन बार जदयू के टिकट पर निर्वाचित होते रहे। इस बार पार्टी ने उनकी जगह शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल को टिकट दे दिया। इससे गोपाल मंडल नाराज होकर निर्दलीय मैदान में उतर गए हैं। इसी तरह पूर्व मंत्री जयकुमार सिंह ने भी बागी तेवर अपना लिया है।

रोहतास की दिनारा सीट उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को जाने पर उन्होंने निर्दलीय ही ताल ठोक दी है। उधर शेखपुरा जिले के बरबीघा से सुदर्शन कुमार की जगह जदयू ने कुमार पुष्‍पंजय को उम्मीदवार बना दिया तो सुदर्शन कुमार भी मैदान में उतर गए। इसी तरह पूर्व विधान पार्षद संजय प्रसाद ने जमुई सीट पर ताल ठोक दिया है।

पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह बड़हरिया में, पूर्व विधान पार्षद रणविजय सिंह, साहेबपुर कमाल के अमर कुमार सिंह, जदयू के टिकट पर 2020 में महुआ से चुनाव लड़ी आस्मां परवीन, नवीनगर के लव कुमार, मोतिहारी के दिव्यांशु भारद्वाज, कदवा का आशा सुमन व जीरादेई के विवेक शुक्ला शामिल हैं। ये सभी दलीय नेता अपने-अपने दल के उम्मीदवारों के लिए मुसीबत बन गए हैं। बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे। पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा 11 नवंबर को। मतगणना 14 नवंबर को होगी।

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