पटनाः केन्द्रीय मंत्री एवं लोजपा(रा) प्रमुख चिराग पासवानबिहार की सियासत में एंट्री लेने जा रहे हैं। उनके विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा खूब हो रही है। पिछले दिनों पार्टी की ओर से कार्यकारिणी बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया था कि चिराग पासवान को यह चुनाव लड़ना चाहिए। इस बीच चिराग के जीजा जी व जमुई के सांसद अरुण भारती ने एक पोस्ट शेयर किया है, जिससे सियासी हलचल बढ़ गई है। इस पोस्ट के सामने आने के बाद एक बार फिर से चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। सूत्रों की मानें तो चिराग पासवान पटना, दानापुर या फिर हाजीपुर के किसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
चिराग पासवान के जीजा और जमुई सांसद अरुण भारती ने इसकी जानकारी दी है। अरुण भारती ने कहा कि चिराग पासवान किसी आरक्षित सीट से चुनाव ना लड़कर एक सामान्य सीट से चुनाव लड़ेंगे। अरुण भारती ने एक्स पर लंबा-चौड़ा पोस्ट कर लिखा है कि चिराग पासवान पूरे बिहार की उम्मीद हैं।
उन्होंने लिखा है कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान जी हमेशा कहते हैं कि उनकी राजनीति बिहार केंद्रित है और उनका विजन “बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट” एक विकसित और आत्मनिर्भर बिहार का संकल्प है। यह तभी संभव है जब वे खुद बिहार में रहकर नेतृत्व करें।
जब मैं प्रदेश प्रभारी के रूप में गांव-गांव गया, हर जगह लोगों की एक ही मांग थी कि चिराग जी को अब बिहार में बड़ी भूमिका निभानी चाहिए। हाल ही में पार्टी कार्यकारिणी की बैठक में भी सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास हुआ कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में खुद चुनाव लड़ें।
अरुण भारती ने लिखा है कि साथ ही साथ, कार्यकर्ताओं की यह भी भावना है कि इस बार वे किसी आरक्षित सीट से नहीं, बल्कि एक सामान्य सीट से चुनाव लड़े, ताकि यह संदेश जाए कि वे अब सिर्फ एक वर्ग नहीं, पूरे बिहार का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। चिराग पासवान आज सिर्फ प्रतिनिधि नहीं, पूरे बिहार की उम्मीद हैं।
उनका यह कदम सामाजिक न्याय की राजनीति को एक नई दिशा देगा, जिसमें प्रतिनिधित्व के साथ-साथ सर्वमान्यता की भी लड़ाई लड़ी जाएगी। अंत में उन्होंने लिखा है कि जब नेता पूरे बिहार का है, तो सीट का दायरा क्यों सीमित हो? चिराग पासवान अब सिर्फ़ एक समुदाय की नहीं, पूरे बिहार की उम्मीद हैं।
इधर, इसके इसको लेकर बिहार की सियासत में सरगर्मी बढ़ गई है। खास तौर पर एनडीए खेमे में जहां इसको लेकर कयासों का बाजार गर्म है। वहीं, चिराग पासवान का केंद्र की राजनीति से बिहार के सियासी मैदान में सीधे तौर पर आना महागठबंधन के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के लिए भी एक नई सियासी चुनौती के तौर पर माना जा रहा है।
ऐसे में यह चर्चा का विषय बन गया है कि चिराग पासवान के बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर लोजपा(रा) का यह फैसला बिहार की राजनीति की दृष्टि से कितना बड़ा है? क्या तेजस्वी यादव के लिए यह नया चुनौती है या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नई सिरदर्द?