Bihar Politics: "नीतीश 'सिद्धांतहीन राजनीति' करके पापी बनना पसंद करेंगे?", राजद नेता शिवानंद तिवारी ने 'पाला बदलने' की संभावना पर सवाल उठाते हुए कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 28, 2024 10:12 AM2024-01-28T10:12:47+5:302024-01-28T10:15:37+5:30
राजद नेता शिवानंद तिवारी ने जदयू प्रमुख नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि उन्हें बेहद आश्चर्य है कि वे 'सिद्धांतहीन राजनीति' करके पापी बनना पसंद करेंगे।
पटना: बिहार में सत्ता की अगुवाई कर रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मौजूदा कार्यकाल में दूसरी बार 'पाला बदलने' के कयास के बीच सियासी बयानबाजी का घमासान भी चल पड़ा है।
बिहार में बेहद नाटकीय तरीके से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में राजद नेता शिवानंद तिवारी ने बीते शनिवार को जदयू प्रमुख नीतीश कुमार पर सीधा हमला करते हुए कहा कि उन्हें बेहद आश्चर्य है कि नीतीश कुमार 'सिद्धांतहीन राजनीति' करके पापी बनना पसंद करेंगे।
समाचार वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार उन्होंने कहा, "राजनीतिक बदवलाव के बीच कई बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फोन करके मिलने का समय मांगा हालांकि नीतीश कुमार ने मुझे मिलने या समय देने से इनकार कर दिया।”
राजद नेता तिवारी ने कहा, "नीतीश कुमार महात्मा गांधी के अनुयायी होने का दावा करते हैं। उन्हें गांधीजी के बताए सात प्रकार के कामों से बचना चाहिए जिन्हें बापू ने "पाप" कहा था।"
उन्होंने आगे कहा, "महात्मा गांधी सात प्रकार के कर्मों को पाप मानते थे। जीवन में सबसे पहले जिन कामों से बचना चाहिए उनमें से एक है 'सिद्धांतहीन राजनीति' और मुझे नहीं लगता कि नीतीश जी उसका पापी बनना पसंद नहीं करेंगे।''
शिवानंद तिवारी के अलावा राजद के अन्य वरिष्ठ नेता और दिनारा विधायक विजय कुमार मंडल ने भी नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्हें ऐसा नेता बताया, जो किसी का नहीं हो सकताय़
राजद विधायक विजय कुमार मंडल ने कहा, “अगर कोई नेता ईबीसी का विरोध करता है, तो वह नीतीश हैं। मुख्यमंत्री कहते हैं कि वह कर्पूरी ठाकुर के अनुयायी हैं, लेकिन तथ्य यह है कि उन्होंने 1978 में एक बैठक की अध्यक्षता की थी, जो ईबीसी आरक्षण पर कर्पूरीजी के फैसले के खिलाफ बुलाई गई थी।”
वहीं राजद की ओर से किये जा रहे इन हमलों पर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि राजद नेता नीतीश कुमार के खिलाफ ''हताशा में'' ऐसी टिप्पणी और आलोचना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “ये वे नेता थे जो ‘नौकरी के बदले ज़मीन’ में विश्वास करते थे लेकिन नीतीश जी ने इतनी सारी नियुक्तियाँ कीं और उन्हें कभी भी इन सबका अनुचित लाभ उठाने का अवसर नहीं दिया, न तो नियुक्तियों में और न ही पोस्टिंग में।”