लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के राजनीति छोड़ने और चप्पल से पीटने जाने की खबर पर गरमायी बिहार की सियासत

By एस पी सिन्हा | Updated: November 16, 2025 17:06 IST2025-11-16T17:06:43+5:302025-11-16T17:06:49+5:30

कई राजनीतिक नेताओं की तरफ से इस मामले में प्रतिक्रिया आ रहे हैं। जदयू ने इस संवेदनशील पारिवारिक विवाद पर लालू यादव और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव दोनों पर तीखा हमला बोला है। 

Bihar politics heated up with the news of Lalu Prasad Yadav's daughter Rohini Acharya quitting politics and being beaten with slippers | लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के राजनीति छोड़ने और चप्पल से पीटने जाने की खबर पर गरमायी बिहार की सियासत

लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के राजनीति छोड़ने और चप्पल से पीटने जाने की खबर पर गरमायी बिहार की सियासत

पटना: राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के राजनीति छोड़ने और चप्पल से पीटने के आरोप ने बिहार की राजनीति में खलबली मचा दी है। एनडीए नेताओं ने राजद नेता और रोहिणी के भाई तेजस्वी यादव को निशाने पर लिया। उनका कहना है कि जो परिवार नहीं संभाल सकता है, वह बिहार संभालने की बात कर रहा था। कई राजनीतिक नेताओं की तरफ से इस मामले में प्रतिक्रिया आ रहे हैं। जदयू ने इस संवेदनशील पारिवारिक विवाद पर लालू यादव और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव दोनों पर तीखा हमला बोला है। 

जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने लालू परिवार को सीधे-सीधे नसीहत देते हुए उन्हें 10 सर्कुलर रोड स्थित सरकारी राबड़ी आवास (पूर्व मुख्यमंत्री आवास) को खाली कर महुआबाग स्थित निर्माणाधीन मॉल में तुरंत 'शिफ्ट' होने के लिए कहा है, जिसे वे 'भ्रष्टाचार का किला' बताते हैं। नीरज कुमार ने लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के पक्ष में बयान देते हुए कहा कि वह 'बिहार की बेटी' हैं और उनकी आंखों से निकले आंसू परिवार और राज्य के लिए 'अशुभ' संकेत हैं। 

उन्होंने लालू यादव के मौन पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस बेटी ने अपनी किडनी दान करके पिता के प्राणों की रक्षा की, उसके साथ हो रहे अन्याय पर लालू जी की चुप्पी आश्चर्यजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी आवास में रोहिणी के साथ 'भाषाई हिंसा' को अंजाम दिया गया, जो बिहार की परंपराओं के विपरीत है। 

उन्होंने मांग की कि लालू यादव इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ें। नीरज कुमार ने लालू यादव के 'मौन' पर सवाल उठाते हुए उन्हें 'नजरबंदी' से मुक्त कराने का भी प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि अगर लालू यादव को किसी ने नजरबंद कर दिया है, तो वह तत्काल पटना के जिलाधिकारी को आवेदन दें। उन्होंने दावा किया कि बिहार में माता-पिता के संरक्षण के लिए कानून लागू है, जिसके तहत उन्हें मदद दी जाएगी। 

उन्होंने तंज कसते हुए यह भी पूछा कि लालू यादव भागलपुर जेल में बंद कुख्यात अपराधी के लिए चुनावी प्रचार कर सकते हैं और भ्रष्टाचार के किले (मॉल) को देखने जा सकते हैं, तो फिर बेटी की कराह पर मौन क्यों हैं? नीरज कुमार ने परिवार की आंतरिक सुरक्षा का हवाला देते हुए लालू यादव को शीघ्र आवास खाली करने की सलाह दी। 

उन्होंने कहा कि जल्दी से परिवार की रक्षा के लिए लालू यादव राबड़ी आवास को खाली कर निकल जाएं और भ्रष्टाचार के किला महुआबाग वाले मॉल में शिफ्ट हो जाएं। उन्होंने तंज कसते हुए यह भी जोड़ा कि इस कार्य के लिए किसी शुभ दिन या मुहूर्त का इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है।

इस बीच लोजपा(रा) प्रमुख एवं केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इस मामले में कहा कि मैं प्रार्थना करता हूं कि यह पारिवारिक विवाद जल्द से जल्द सुलझे। उन्होंने कहा कि मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। क्योंकि जब एक परिवार ऐसी कठिन परिस्थितियों से गुजरता है तो वो किस मानसिक दबाव में रहता है, इसका अंदाजा मुझे है। क्योंकि मैं भी इस दौर से गुजरा हूं। हमारे राजनैतिक मतभेद जरूर हैं, लेकिन मैंने हमेशा लालू प्रसाद यादव के परिवार को अपना परिवार माना है। 

उन्होंने कहा कि तेजस्वी, तेज, मीसा दी या फिर रोहिणी हो, सबको मैंने अपना भाई-बहन ही माना है। मैं प्रार्थना करता हूं कि यह पारिवारिक विवाद जल्द से जल्द सुलझे। घर में एकता बनी रहती है तो इंसान बाहर कठिन परिस्थितियों से लड़ लेता है। लेकिन आज की तारीख में उनकी पार्टी जिस दौर से गुजर रही है और उसके बाद घर में ऐसी कलह मैं समझ सकता हूं कि परिवार काफी कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा होगा।

उधर, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि राजद की अराजकता जो बाहर झलकती थी, अब वह घर के अंदर भी झलक रही है। इस मानसिकता के लोग, जो अपने परिवार को समेटकर नहीं रख सकते, वे बिहार को कैसे चला सकते हैं? पहले भाई, अब बहन। 

हालांकि उन्होंने कहा कि यह उनका पारिवारिक मामला है, इस पर हम बहुत कुछ नहीं कहेंगे, लेकिन यह मानसिकता उनके भविष्य को तय करेगी। जबकि भाजपा नेता एवं मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू ने तेजस्वी यादव को निशाने पर लेते हुए कहा कि पहले पोस्टर में माता-पिता का फोटो गायब हुआ, उसके बाद भाई ने घर छोड़ा, और अब बहन। तेजस्वी पहले परिवार संभालें फिर बिहार संभालने की बात करें। 

वहीं, जदयू नेता एवं मंत्री मदन सहनी ने कहा कि लालू परिवार ने किसे नहीं अपमानित किया? उन्होंने बिहार में 15 साल के शासन में भय का माहौल बनाया था। अब बेटी का अपमान कर रहे हैं, जिसने उनकी जान बचाई। उन्हें भी रोते हुए घर से निकलना पड़ रहा है, तो इससे बड़ा दुर्भाग्य नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि राजनीति में हार का असर नहीं पड़ना चाहिए, मिल-जुलकर रहना चाहिए।

Web Title: Bihar politics heated up with the news of Lalu Prasad Yadav's daughter Rohini Acharya quitting politics and being beaten with slippers

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