पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने सदन से सडक तक हंगामा मचाते हुए उनके इस्तीफे की मांग का रहा है। शुक्रवार को इसी मुद्दे को लेकर बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों को चलने नही दिया। दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित करनी पडी। ऐसे में राजद के द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के बाद जदयू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बचाव करते हुए लालू यादव और राबड़ी देवी पर राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाया है।
जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं विधान पार्षद नीरज कुमार ने एक तस्वीर दिखाते हुए कहा कि 26 जनवरी 2002 को राष्ट्रगान के समय लालू यादव और राबड़ी देवी अपनी जगह पर बैठे थे। इसे लेकर उनके खिलाफ मामला भी दर्ज हुआ था। उन्होंने कहा कि इसी तरह 15 अगस्त 1997 को लालू यादव ने तिरंगा उल्टा फहरा दिया था। यह भी देश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान था।
उन्होंने एक तस्वीर भी दिखाई, जिसमें लालू यादव और राबड़ी देवी बैठी हैं। ऐसे में राष्ट्रगान के दौरान सम्मानजनक मुद्रा में खड़े रहना जरूरी है। राष्ट्रगान के दौरान व्यक्ति के अंदर देशभक्ति की भावना होनी चाहिए और व्यक्त भी करनी चाहिए। राष्ट्र गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा 3 में अपराध तभी माना गया है जब कोई व्यक्ति राष्ट्रगान के वक्त व्यवधान पैदा करे। यानी अगर किसी व्यक्ति द्वारा राष्ट्रगान बजते रहने के दौरान उनके कृत्य से किसी प्रकार का व्यवधान पैदा होता है तो इसे कानून के तहत 3 साल की सजा दिए जाने का नियम है।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना के पाटलिपुत्र खेल परिसर में सेपक टाकरा वर्ल्ड कप 2025 का उद्घाटन करने पहुंचे थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के मंच पर पहुंचने के बाद राष्ट्रगान बजाया जाना था, लेकिन उन्होंने इसे शुरू होने से पहले ही रुकवा दिया। मुख्यमंत्री ने मंच से इशारे में कहा कि पहले स्टेडियम का चक्कर लगाकर आते हैं, फिर शुरू कीजिएगा।
मुख्यमंत्री का संकेत मिलते ही मंत्री विजय चौधरी ने राष्ट्रगान बंद करा दिया। इसके बाद नीतीश कुमार स्टेडियम का चक्कर लगाने के लिए निकल गए। स्टेडियम का चक्कर लगाने के बाद मुख्यमंत्री वापस मंच पर लौटे और दोबारा राष्ट्रगान बजाया गया। इस दौरान भी नीतीश कुमार हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन करते रहे। प्रधान सचिव दीपक कुमार ने जब यह देखा तो मुख्यमंत्री को सावधान मुद्रा में खड़े होने का इशारा किया, लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे नजरअंदाज करते हुए पत्रकारों की ओर देख प्रणाम करना जारी रखा।