अधिकारी ने जनता की गाढ़ी कमाई का 47 लाख बहाया, राजद ने सीएम नीतीश को घेरा, क्या है पूरा मामला
By एस पी सिन्हा | Published: January 8, 2022 06:54 PM2022-01-08T18:54:06+5:302022-01-08T18:55:08+5:30
राजद ने प्रधान सचिव के चेंबर पर पानी की तरह पैसा बहाने वाले अधिकारी को नीतीश कुमार का प्रिय अधिकारी करार दिया है.
पटनाः बिहार के गरीबी और पिछड़ेपन का रोना रोने वाली नीतीश सरकार में अधिकारियों के द्वारा फिजूलखर्ची किये जाने का मामला सामने आने के बाद सियासत गर्मा गई है. दरअसल, नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव के कक्ष(चेंबर) के साज-सजजा एवं जीर्णोद्धार पर करीब 47 लाख रुपया खर्च किये जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है.
सवाल यह उठाया जा रहा है कि आखिर इतना खर्च कहां से हो रहा है? इस मुद्दे पर राज्य की मुख्य विपक्षी दल राजद ने सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा है. राजद ने प्रधान सचिव के चेंबर पर पानी की तरह पैसा बहाने वाले अधिकारी को नीतीश कुमार का प्रिय अधिकारी करार दिया है. राजद ने अपने ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते है कि बिहार गरीब राज्य है.
इसी से प्रेरणा लेते हुए उनके प्रिय अधिकारी अपना कक्ष सजाने पर गरीब जनता की गाढ़ी कमाई का 50 लाख रुपया पानी की तरह बहा देते हैं. ये अधिकारी कई विभागों का जिम्मा संभाल रहे हैं. इसलिए इनके पास कई कक्ष भी हैं. बताया जाता है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में विकास भवन स्थित नगर विकास एवं आवास विभाग के कमरा संख्या 119ए का जीर्णोद्धार किया गया.
इसमें एक कमरे के जीर्णोद्धार के लिए 47 लाख 22653 रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी. यह स्वीकृति 11 जून 2020 को दी गई. इस वित्तीय वर्ष में 47 लाख रुपए में सरकार ने 19 लाख 22, 653 की राशि स्वीकृत कर दी है. इसके बाद भी 28 लाख रुपए शेष रह गया है. नगर विकास विभाग के विशेष सचिव सतीश कुमार सिंह ने इस संबंध में महालेखाकार को पत्र लिखा है.
महालेखाकार को भेजे गए पत्र में विशेष सचिव ने कहा है कि विकास भवन स्थित नगर विकास एवं आवास विभाग के कमरा संख्या 119ए के जीर्णोद्धार के कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी. केंद्रीय भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने राशि आवंटित करने का अनुरोध किया था. वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 19 लाख 22653 की स्वीकृति प्रदान की गई है.
नगर विकास विभाग के कमरा संख्या 119ए के जीर्णोद्धार पर जो 47 लाख से अधिक रुपए खर्च हुए हैं, उसमें फर्नीचर वर्क पर 12, 71 हजार रुपये की स्वीकृति दी गई. वहीं सिविल वर्क पर 11 लाख 60,200 रूपया. जबकि बिजली एवं एसी वर्क पर 6 लाख 74, 500 रुपया, पार्टिशन वर्क पर 14 लाख 79, 400 एवं कंसल्टेंसी व जीएसटी में 1 लाख 37 हजार 553 रुपये का बजट है.
यहां उल्लेखनीय है कि आनंद किशोर को नगर विकास विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया है. आनंद किशोर के प्रधान सचिव बनने के बाद कमरा संख्या-119ए में 47 लाख रुपये से साज-सज्जा व जीर्णोद्धार किया गया है. बताया जाता है कि जितने बडा कक्ष में आनंद किशोर बैठते हैं, उतना बड़ा कक्ष पूरे सचिवालय में किसी अधिकारी का नहीं है.
यहां तक कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी उतना बड़ा कक्ष(चेंबर) नहीं है. ऐसे में राजद ने तंज कसते हुए कहा है कि जब एक अधिकारी के कक्ष पर जनता की कमाई की इतनी बडी राशि खर्च की जा सकती है तो फिर बिहार गरीब राज्य कैसे है?