बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की दिल्ली में होगी शादी, नालंदा जिले के स्वजातीय लडकी का थामेंगे हाथ
By एस पी सिन्हा | Updated: March 21, 2025 17:42 IST2025-03-21T17:40:57+5:302025-03-21T17:42:05+5:30
सूत्रों के अनुसार निशांत की जिस लड़की से शादी होने वाली है वो राजनीतिक घराने से नहीं है और नालंदा जिले के निवासी हैं। परिवार स्वजातीय कुर्मी ही है।

बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की दिल्ली में होगी शादी, नालंदा जिले के स्वजातीय लडकी का थामेंगे हाथ
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की शादी खरमास खत्म होने के बाद दिल्ली में ग्रैंड तरीके से की जाएगी। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार निशांत कुमार की शादी की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। तमाम बड़े नेता शादी समारोह में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार निशांत की जिस लड़की से शादी होने वाली है वो राजनीतिक घराने से नहीं है और नालंदा जिले के निवासी हैं। परिवार स्वजातीय कुर्मी ही है।
चर्चा है कि लड़की केन्द्र सरकार में नौकरी करती है, हालांकि इसे महज कयास बताया जा रहा है। कारण कि निशांत कुमार की उम्र करीब 50 साल है, ऐसे में होने वाली पत्नी भी उम्र में थोड़ी ही कम हो सकती है। ऐसे में जानकारों का कहना है कि केंद्र में नौकरी करने वाली लड़की 15-20 साल बाद शादी क्यों करेगी?
20 जुलाई 1975 को जन्मे निशांत ने अब तक एकांत और शांत जीवन चुन रखा था। पिता के राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के बजाए निशांत ने एक ऐसी जिंदगी चुनी जो उनके परिवार से बेहद अलग है। निशांत की मां और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पत्नी मंजू सिन्हा शिक्षिका थी। बीमारी के कारण 2007 में उनका निधन हो गया, जिसके बाद निशांत और अकेले पड़ गए।
इस बीच निशांत कुमार के जदयू में आने की चर्चा पिछले साल से ही हो रही है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कुछ नेता भी चाह रहे हैं कि वे राजनीति में आएं। हालांकि, पार्टी के बड़े नेता लगातार इस तरह की संभावनाओं को खारिज करते रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भी निशांत की राजनीति में आने की चर्चा ने जोर पकड़ा था, लेकिन 2025 विधानसभा चुनाव से पहले निशांत की पार्टी में एंट्री को लेकर लगातार पोस्टरबाजी हो रही है। निशांत भी अपने पिता के पक्ष में बयानबाजी करते देखे जा रहे हैं।
नीतीश कुमार ने अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 1977 में नालंदा के हरनौत से किया था। उस समय विधानसभा का चुनाव हार गए थे। 1985 में पहली बार यहां से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि निशांत हरनौत से चुनाव भी लड़ सकते हैं। निशांत कुमार अगर राजनीति में आते हैं, तो जदयू को एक नया चेहरा मिलेगा। निशांत कुमार की एंट्री से बिहार की सियासत में नया मोड़ आ सकता है।