पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को सुबह-सुबह अचानक राजभवन पहुंचकर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात की। मुख्यमंत्री और राज्यपाल की मुलाकात की वजह अभी सामने नहीं आई है। हालांकि इसे औपचारिक मुलाकात बताया जा रहा है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से बिहार की सियासत को लेकर जो सियासी कानाफूसी चल रही है उस बीच में इस मुलाकात से राजनीति गलियारे का तापमान भी बढ़ा हुआ है। वैसे चर्चा है कि बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार होने जा रहा है और इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री की मुलाकात राज्यपाल से हो सकती है।
दरअसल, बिहार में मकर संक्रांति यानी 15 जनवरी के बाद नीतीश सरकार में मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। सूत्रों की मानें तो 30 जनवरी के पहले मंत्रिमंडल विस्तार का काम पूरा हो जाएगा। फिलहाल नीतीश कैबिनेट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा सहित 30 मंत्री हैं। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार होने वाला है। ऐसे में सबकी निगाहें नीतीश कैबिनेट के विस्तार पर टिकी हुई हैं।
माना जा रहा है कि भाजपा के 4 नए चेहरे नीतीश कैबिनेट में शामिल होंगे। नीतीश कैबिनेट में 6 मंत्री पद खाली पडे हैं। वर्तमान में भाजपा के जिन मंत्रियों के पास कई विभाग हैं, उनके विभागों का पुनर्वितरण किया जाएगा। ये विभाग कैबिनेट में शामिल होने वाले नए मंत्रियों के बीच बांटे जाएंगे। मंत्रिमंडल विस्तार में पटना, तिरहुत और सारण प्रमंडल के विधायकों को प्राथमिकता दी जाएगी। बिहार विधानसभा की सदस्य संख्या के अनुसार अधिकतम 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं।
सूत्रों की मानें तो कैबिनेट विस्तार में 3-4 विभागों के मंत्रियों को बदला जाएगा। जिन जातियों का प्रतिनिधित्व वर्तमान मंत्री कर रहे हैं, उसी जाति के विधायक या एमएलसी उनकी जगह लेंगे। जिन मंत्रियों के पास एक से अधिक विभाग हैं, उनके विभाग नए चेहरों में बांटे जाएंगे। इधर, नीतीश कुमार की इस मुलाकात ने पटना समेत बिहार के सियासी पारे को चढ़ा दिया है। इसकी बड़ी वजह पिछले कुछ दिनों से लगाए जा रही अटकलें हैं। जिसे खुद नीतीश कुमार ने भी खारिज किया है।
बता दें कि पिछले दिनों राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार को ऑफर तक दे दिया था। जिस पर खुद नीतीश कुमार ने बयान देते हुए साफ किया कि वो एनडीए के साथ ही सरकार में रहेंगे। इस बीच मुख्यमंत्री और राज्यपाल की इस मुलाकात से पहले जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा से जब मीडिया ने 14 जनवरी के बाद कुछ होने को लेकर सवाल किया तो उन्होंने चुटकी ली। संजय झा ने कहा कि ‘हां हम निकलने वाले हैं। 15 जनवरी से एनडीए की यात्रा शुरू होगी। संजय झा ने साफ शब्दों में कहा कि बिहार चुनाव जदयू एनडीए में रहकर ही लड़ेगा।