बिहारः जबलपुर-मुंगेर एके-47 तस्करी मामले में पुलिस को मिली बड़ी सफलता, मुख्य आरोपी गिरफ्तार
By एस पी सिन्हा | Published: October 10, 2018 05:01 AM2018-10-10T05:01:03+5:302018-10-10T05:01:03+5:30
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंजर की गिरफ्तार बुद्धा कॉलिनी के एक लॉज से हुई है। पटना पुलिस की विशेष टीम ने रेड कर एक मुंगेरी पिस्टल के साथ छह जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं।
जबलपुर-मुंगेर एके-47 तस्करी मामले में पटना पुलिस को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। पटना पुलिस ने इस मामले के मुख्य आरोपी मंजर आलम को गिरफ्तार कर लिया है। पटना पुलिस ने मंजर आलम को पटना शहर के बुद्धा कॉलोनी इलाके से गिरफ्तार किया। एसएसपी मनु महाराज ने बुद्धा कॉलोनी इलाके में छापेमारी कर कुख्यात मंजर आलम को गिरफ्तार कर लिया है। मंजर के अन्य सहयोगियों की तलाश में पटना के कई इलाकों में छापेमारी अभियान जारी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंजर की गिरफ्तार बुद्धा कॉलिनी के एक लॉज से हुई है। पटना पुलिस की विशेष टीम ने रेड कर एक मुंगेरी पिस्टल के साथ छह जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं।
बताया जाता है कि मुंगेर में मीले एक-47 से इसका सीधा कनेक्सन है। मंजर के पास से पुलिस ने पिस्टल भी जब्त की है, जो कि मुंगेर में ही बनी है। पटना एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर बुद्धा कॉलोनी से अवैध हथियार तस्कर मंजर आलम को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार मंजर की तलाश एके-47 मामले में भी थी। 2014 में इस पर पटना के जक्कनपुर थाना क्षेत्र में भी मामला दर्ज हुआ था। उस मामले में भी ये फरार चल रहा था। ये पटना में कुछ दिनों से अपना ठिकाना बनाए हुए था। एसएसपी ने ये भी बताया कि मंजर पटना में नाम बदलकर बुद्धकोलिनी थाना क्षेत्र में रह रहा था।
वहीं, मुंगेर कनेक्शन पर बोलते हुए एसएसपी ने कहा कि गिरफ्तार अपराधी मंजर ने इस बाबत स्वीकार किया है कि उसने भी कई एके-47 अपराधियों के पास खपाई है। उसकी जांच सरगर्मी से की जा रही है। वहीं, इस कुख्यात की गिरफ्तारी की जानकारी मुंगेर पुलिस को दे दी गई है। गिरफ्तार अपराधी मंजर से पूछताछ करने के लिए मुंगेर एसपी पटना आ रहे हैं।
मंजर की गिरफ्तारी के बाद एसएसपी मनु महाराज के नेतृत्व में पूछताछ जारी है। मंजर एके-47 की तस्करी का मास्टरमाइंड है। उसका साला मोनाजिर हजारीबाग से पकड़ा गया था, जो कि नक्सलियों को एके-47 पहुंचाने में लॉजिस्टिकल सपोर्ट देता था। पटना पुलिस ने मुख्य आरोपी मंजर आलम के पकड़े जाने की सूचना मुंगेर पुलिस को दे दी है। बिहार के मुंगेर में अब तक 20 से ज्यादा एके-47 बरामद की जा चुकी हैं।
उल्लेखनीय है कि गुप्त सूचना के आधार पर मुंगेर पुलिस की टीम ने बरदह गांव से 12 एके-47 रायफल बरामद किया था, जो एक कुएं में छिपाकर रखी गई थी। इससे पहले भी आठ एके-47 बरामद की जा चुकी हैं। कुल मिलाकर अब तक 20 एके-47 रायफलों की बरामदगी ने पुलिस प्रशासन की नींद उडा दी थी। जब 29 अगस्त को जमालपुर रेलवे स्टेशन के बाहर मोहम्मद इमरान को संदिग्ध अवस्था में दो बाइक सवार जवानों ने पकड़ा, तब तक कतई ये अंदेशा नहीं था कि ये मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुडा हो जाएगा।
इमरान के सूटकेस से तीन एके-47 मिले और उसके बाद मामला परत दर परत उजागर हुआ तो जांच एजेंसियों के होश उड़ गए। जबलपुर डिपो से 2012 से 2018 के बीच 100 से ज्यादा एके-47 रायफल गायब किए गए। इसमें वहां से रिटायर पुरुषोत्तम रजक और ऑर्डनेंस डिपो के सिविल कर्मचारी सुरेश ठाकुर की मिलीभगत ने अहम भूमिका निभाई।
पुरुषोत्तम अपनी पत्नी चंद्रावती के साथ एके-47 जमालपुर स्टेशन लाता था और यहां से मुंगेर सिंडिकेट उसे रिसीव करता था। जबलपुर पुलिस पुरुषोत्तम, चंद्रावती और सुरेश को गिरफ्तार कर चुकी है। मुंगेर से इमरान की निशानदेही के बाद शमसेर के पास से तीन एके-47 मिली। मामले की संवेदनशीलता तब सामने आई, जब शमसेर के भाई और भारतीय सेना के जवान रियाजुल की भूमिका भी इसमें सामने आई और उसे बागडोगरा कैंप से गिरफ्तार किया गया।