बिहार विधायक खरीद-फरोख्त मामलाः चुनाव से पहले मुश्किल में कई विधायक?, जेल जाने की नौबत!

By एस पी सिन्हा | Updated: August 21, 2025 18:04 IST2025-08-21T18:01:37+5:302025-08-21T18:04:05+5:30

Bihar MLA horse-trading case: विधायकों की खरीद-फरोख्त के पीछे छिपे राज जानने ईओयू पूर्व विधायक और राजद नेत्री बीमा भारती का लाई डिटेक्टिंग टेस्ट करा सकती है।

Bihar MLA horse-trading case Many MLAs trouble before elections EOU targets Bima Bharti, Sanjeev Kumar and Sudarshan Kumar | बिहार विधायक खरीद-फरोख्त मामलाः चुनाव से पहले मुश्किल में कई विधायक?, जेल जाने की नौबत!

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Highlightsकई ऐसे सवाल रहे जिसका संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका। तेजस्वी यादव को समर्थन देने 10 करोड़ रुपए और मंत्री पद का फ्लोर दिया गया था।कोतवाली थाने में 2024 में दर्ज विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में पूछताछ की जा चुकी है।

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा 2024 में पलटी मारते हुए राजद को छोड़कर भाजपा के साथ आने के बाद विधानसभा में विश्वासमत के दौरान विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में कई विधायकों की मुश्किलें बढ़ने वाली है। सूत्रों की मानें तो इस मामले में फंसी पूर्णिया के रुपौली से पूर्व विधायक बीमा भारती की लाई डिटेक्टिंग टेस्ट कराने की तैयारी चल रही है। इससे पहले 31 जुलाई को आर्थिक अपराध इकाई( ईओयू) ने इस मामले में पूर्व विधायक बीमा भारती से पूछताछ की थी। ईओयू ने तब प्रेस ब्रीफ जारी कर कहा था कि भारती से 4 घंटे तक पूछताछ हुई। कई ऐसे सवाल रहे जिसका संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका। ऐसे में विधायकों की खरीद-फरोख्त के पीछे छिपे राज जानने ईओयू पूर्व विधायक और राजद नेत्री बीमा भारती का लाई डिटेक्टिंग टेस्ट करा सकती है।

बता दें कि फरवरी 2024 में एनडीए सरकार की ओर से विश्वास मत जीतने से पहले विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला सुर्खियों में आया था। उस वक्त जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने ईओयू को दिए बयान में बताया था कि उन्हें राजद खेमे में शामिल होने और फ्लोर टेस्ट के दौरान तेजस्वी यादव को समर्थन देने 10 करोड़ रुपए और मंत्री पद का फ्लोर दिया गया था।

बीमा भारती भी फ्लोर टेस्ट के दिन रहस्यमयी ढंग से ग़ायब रहीं, उस समय वे पूर्णिया के रुपौली विधानसभा सीट से लगातार 5 बार की विधायक थीं। इस मामले में इसी साल 2025 के 31 जुलाई को राजद की पूर्व विधायक बीमा भारती से कोतवाली थाने में 2024 में दर्ज विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में पूछताछ की जा चुकी है।

जदयू के विधायक डॉक्टर संजीव कुमार, सुदर्शन कुमार समेत राजद से जुड़े कई ठेकेदार इस मामले में ईओयू के निशाने पर हैं। सूत्रों के अनुसार इनके ऊपर विधायकों को पाला बदलने के लिए प्रलोभन दिया गया। डॉक्टर संजीव पर तो बीमा भारती और उनके पति के अपहरण का केस भी जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने पुलिस में दर्ज कराया था।

लेकिन डॉक्टर संजीव कुमार इन आरोपों को बेबुनियाद बता रहे हैं। उनका कहना है कि उनके खिलाफ झूठा केस दर्ज किये जाने को लेकर हाईकोर्ट पटना पुलिस को नोटिस भी जारी कर चुका है। वहीं, जदयू विधायक संजीव कुमार भी यहीं सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि कई राजद के विधायक पाला बदलकर सरकार के समर्थन में आए।

उन्हें मंत्री बनाने से लेकर बोर्ड ,निगम और आयोग में पद देने का प्रलोभन दिया गया। उनके खिलाफ क्यों जांच नहीं हो रही है? बाहुबली नेता अनंत सिंह की पत्नी राजद विधायक नीलम देवी और राजद विधायक प्रहलाद यादव ने विश्वासमत के दौरान पाला बदला था।

लेकिन इनके खिलाफ कोई जांच नहीं हो रही है। इसके साथ ही विधायकों के खरीद फरोख्त में भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव को भी ईओयू ने पूछताछ के लिए सम्मन जारी किया है। ऐसे में अगर जांच इसी तरह जारी रही तो कई विधायकों को सलाखों के पीछे जाना पड जा सकता है।

Web Title: Bihar MLA horse-trading case Many MLAs trouble before elections EOU targets Bima Bharti, Sanjeev Kumar and Sudarshan Kumar

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