आईएएस अधिकारी डॉ. जितेंद्र गुप्ता पिछले दस महीने से हैं लापता, बिहार सरकार ने किया निलंबित, जानिए क्या है पूरा मामला

By एस पी सिन्हा | Updated: December 29, 2021 20:02 IST2021-12-29T20:01:49+5:302021-12-29T20:02:57+5:30

जितेंद्र गुप्ता की गिरफ्तारी का विवाद अदालत पहुंच गया था. पटना हाईकोर्ट ने निगरानी ब्यूरो की प्राथमिकी को ही रद्द कर दिया था.

Bihar IAS officer Dr. Jitendra Gupta missing last ten months Bihar government suspended | आईएएस अधिकारी डॉ. जितेंद्र गुप्ता पिछले दस महीने से हैं लापता, बिहार सरकार ने किया निलंबित, जानिए क्या है पूरा मामला

डॉ जितेंद्र गुप्ता पिछले 10 महीने से बिना किसी जानकारी के ड्यूटी से गैरहाजिर पाए गए.

Highlightsबिहार के डर से उनका समायोजन नागालैंड कैडर में कर दिया गया.15 दिसंबर 2020 को डॉ जितेंद्र गुप्ता नागालैंड कैडर के अधिकारी बन गए.डॉ जितेंद्र गुप्ता ने नागालैंड सरकार में योगदान नहीं दिया है.

पटनाः बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी डॉ. जितेंद्र गुप्ता का पिछले 10 महीने से कोई अता पता नहीं है. सरकार को जब इसकी जानकारी मिली तो उसने सर्विस रोड का उल्लंघन बताते हुए इस मामले में आईएएस अधिकारी को निलंबित कर दिया है.

वह घूसखोरी के आरोप में पकडे़ गये थे. तब वह सुर्खियों में थे. लेकिन अब 10 महीने से गायब चल रहे अधिकारी डॉ. गुप्ता का अभी कोई अतापता नहीं चल पा रहा है. ऐसे में 2013 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी डॉ. जितेंद्र गुप्ता की चर्चा खूब रही है. डॉ. गुप्ता को 1 नवंबर 2021 के प्रभाव से निलंबित किया गया है.

निलंबन की अवधि में उनका मुख्यालय आयुक्त पटना प्रमंडल में रखा गया है. जितेंद्र गुप्ता को 5 साल पहले निगरानी ब्यूरो ने रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था. उस वक्त वह कैमूर जिले के मोहनिया में अनुमंडल पदाधिकारी के पद पर तैनात थे. अवैध वसूली के आरोप के बाद उनके ऊपर निगरानी ने कार्रवाई की थी. उनकी गिरफ्तारी पर विवाद भी हुआ था.

उनके ऊपर आरोप लगा था कि वह ट्रांसपोर्टरों से अवैध वसूली कर रहे थे. उनके खिलाफ कार्रवाई की लेकिन जितेंद्र गुप्ता ने अपने को ट्रांसपोर्ट माफिया की तरफ से बुने गए जाल में फंसाने का आरोप लगाया था. बताया जाता है कि जितेंद्र गुप्ता की गिरफ्तारी का विवाद अदालत पहुंच गया था. पटना हाईकोर्ट ने निगरानी ब्यूरो की प्राथमिकी को ही रद्द कर दिया था.

वहीं मामला हाईकोर्ट होते हुए केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से डॉक्टर जितेंद्र गुप्ता के कैडर में ही बदलाव कर दिया गया. केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने उनका कैडर बदल दिया और बिहार के डर से उनका समायोजन नागालैंड कैडर में कर दिया गया.

15 दिसंबर 2020 को डॉ जितेंद्र गुप्ता नागालैंड कैडर के अधिकारी बन गए. नये आदेश के तहत बिहार कैडर से उनका तबादला नागालैंड कैडर में कर दिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग भारत सरकार की तरफ से इस साल 8 अक्टूबर को यह जानकारी दी गई कि डॉ जितेंद्र गुप्ता ने नागालैंड सरकार में योगदान नहीं दिया है.

डॉ जितेंद्र गुप्ता पिछले 10 महीने से बिना किसी जानकारी के ड्यूटी से गैरहाजिर पाए गए. इसके बाद अब उनके खिलाफ राज्य सरकार ने सेवा नियमावली के तहत कार्रवाई करते हुए निलंबन का आदेश जारी किया है. डॉ. जितेंद्र गुप्ता पिछले 10 महीने से बिना किसी जानकारी के अपनी ड्यूटी से गायब पाए गए है. इसके बाद अब उनके खिलाफ राज्य सरकार ने सेवा नियमावली के तहत कार्रवाई की है और निलंबन का आदेश जारी किया है. निलंबन की अवधि में जितेंद्र गुप्ता का मुख्यालय आयुक्त पटना प्रमंडल में रखा गया है.

Web Title: Bihar IAS officer Dr. Jitendra Gupta missing last ten months Bihar government suspended

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