पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर लागू आदर्श आचार संहिता के बीच केंद्रीय मंत्री ललन सिंह एक बयान से फंस गए हैं। अब चुनाव आयोग ने उनके बयान के खिलाफ संज्ञान लेते हुए नोटिस भेज दिया है। ललन सिंह को 24 घंटे के भीतर इस नोटिस का जवाब देना होगा। जानकारी अनुसार ललन सिंह ने मोकामा में एक बयान दिया था। उस बयान के आलोक में चुनाव आयोग ने ललन सिंह को नोटिस भेजा है। नोटिस बिहार के मुख्य चुनाव आयुक्त की ओर से भेजा गया है। ललन सिंह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। कथित तौर पर वीडियो में ललन सिंह विपक्षी मतदाताओं को वोट देने से रोकने की बात कर रहे हैं। हालांकि इस वीडियो की पुष्टि नहीं की जा रही है।
चुनाव आयोग ने ललन सिंह के बयान को आचार संहिता का संभावित उल्लंघन माना है। उल्लेखनीय है कि दुलारचंद यादव हत्याकांड मामले में मोकामा के जदयू प्रत्याशी पूर्व विधायक बाहुबली नेता अनंत सिंह 14 दिन के न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल में हैं। अनंत सिंह के जेल जाने के बाद अब ललन सिंह ने मोकामा चुनाव का कामान अपने हाथों में ले लिया है। ललन सिंह ने बीते दिन कहा था कि अनंत सिंह की गैरमौजूदगी में हमने मोकामा चुनाव की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली है।
साथ ही उन्होंने जनता से अपील की कि मोकामा के एक एक व्यक्ति अनंत सिंह बनकर चुनाव लड़े। ललन सिंह मोकामा में चुनाव प्रचार कर अनंत सिंह के लिए वोट मांग रहे हैं। दरअसल, ललन सिंह मोकामा में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे वीडियो में ललन सिंह कथित तौर पर कहते हैं कि एक-दो नेता हैं, तो चुनाव के दिन इनको घर से मत निकलने दो। इनको घर में ही बंद कर दीजिए।
वायरल वीडियो में ललन सिंह आगे कहते दिख रहे हैं कि अगर वो बहुत हाथ-पैर जोड़ते हैं तो कहिए कि चलिए हमारे साथ अपना वोट दीजिए और घर आकर सोइए। इसको लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने ललन सिंह को नोटिस भेजा है और 24 घंटा के भीतर जवाब मांगा है। उधर, राजद ने ललन सिंह के वीडियो को एक्स पर शेयर किया है और निशाना साधा है।
राजद ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि “केंद्रीय मंत्री ललन सिंह चुनाव आयोग की छाती पर बुलडोजर चढ़ाते हुए कह रहे हैं कि गरीबों को वोटिंग के दिन घर से निकलने नहीं देना है! घर में बंद कर देना है, अगर ज्यादा हाथ पैर जोड़ेगा तो अपने साथ ले जा कर वोट गिराने देना है। कहां है मरा हुआ आयोग?”