पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्षी महागठबंधन की सहयोगी दलों राजद और कांग्रेस में अब भी सियासी रार चल रही है। स्थिति यह है कि कांग्रेस के तल्ख तेवर देखकर लालू यादव भी हैरान हैं। कभी लालू यादव की हर बात मानने वाली कांग्रेस अब उन्हें ही आंख दिखाने लगी है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस और राजद में जबर्दस्त टकराव की स्थिति बनी हुई है। कांग्रेस 60 से ज्यादा सीटों की मांग पर अड़ी हुई है, लेकिन राजद ने उसके लिए 55 सीटों की लिमिट तय कर रखी है। ऐसे में सवाल यह उठने लगा है कि क्या राजद और कांग्रेस का साथ भी बरकरार रहेगा?
दरअसल, कांग्रेस के पिछले चुनाव के प्रदर्शन को देखते हुए ही राजद अब कांग्रेस की बात मानने को तैयार नहीं है। उधर कांग्रेस राहुल गांधी की यात्रा में उमड़ी भीड़ देखकर अधिक सीटों की मांग पर अड़ी है। कांग्रेस के नेता यह मानते हैं कि महागठबंधन में अगर कोई नया दल जूड़ा है तो सीटों का कुर्बानी अकेले कांग्रेस ही क्यों दे?
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस को क्वांटिटी नहीं, बल्कि क्वालिटी सीट चाहिए। कांग्रेस महागठबंधन में अपने हिस्से जिताऊ सीट चाहती है। लालू यादव और तेजस्वी यादव की राजद ने कांग्रेस को 52 सीटों का ऑफर दिया था, लेकिन कांग्रेस के बड़े नेताओं ने इसे रिजेक्ट कर दिया था। अब राजद 55 सीट देने को तैयार है।
इधर, सूत्रों का कहना है कि पिछले 5 दिनों से तेजस्वी यादव की बिहार के कांग्रेस के नेताओं से बातचीत बंद है। उधर, महागठबंधन में अब तक सीटों का बंटवारा नहीं हुआ, लेकिन वामदलों ने अपने उम्मीदवारों को टिकट बांटना शुरू कर दिया है। भाकपा-माले के कई उम्मीदवारों ने मंगलवार को पर्चा भी भर दिया। अब दिल्ली में बैठक के बाद बिहार कांग्रेस के नेता जो दिल्ली में मौजूद थे।
वे एक बार फिर से पटना का रुख करने जा रहे हैं और उन्होंने कहा है कि पटना में सीटों के बंटवारे को निपटाया जाएगा। अब देखने वाली बात है कि महागठबंधन में राजद और कांग्रेस के बीच बात बनती है या नहीं। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस करीब 65 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस ने राजद के लिए 138 सीटें देने का फार्मूला रखा है।
बाकी बची 40 सीटों में वाम दलों और मुकेश सहनी की वीआईपी को एडजस्ट करने को कहा है। हालांकि हालात यह हैं कि सीट बंटवारे पर तस्वीर साफ होने से पहले ही सहयोगी दलों ने उम्मीदवारों को सिंबल जारी कर दिए हैं। सूत्रों के अनुसार राजद ने अब तक कुल 71 उम्मीदवारों को सिंबल दे दिया है। वहीं, भाकपा माले 18 सीटों पर उम्मीदवारों को सिंबल दे चुकी है।
इसके अलावा, भाकपा ने 6 उम्मीदवारों की सूची जारी की, 4 अन्य सीटों पर सहमति के बाद उम्मीदवार उतारने का दावा किया गया है। माकपा में भी एक उम्मीदवार ने नामांकन किया और गुरुवार, 16 अक्टूबर को दूसरे उम्मीदवार भी नामांकन भरेंगे। मुकेश सहनी अपनी वीआईपी की सीटों की संख्या लगातार कम होते देख बेचैनी में हैं।
उल्लेखनीय है कि महागठबंधन में अब तक के हालात बताते हैं कि सीट शेयरिंग का मामला अगर जल्द नहीं सुलझा, तो कुछ सीटों पर घटक दलों के बीच फ्रेंडली फाइट की स्थिति बनेगी। राहुल गांधी ने साफ शब्दों में यह संदेश लालू प्रसाद तक पहुंचा दिया है कि पार्टी बिहार में अपनी सीटों को लेकर कोई समझौता नहीं करने वाली है।
मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की हुई बैठक में इस बात पर आम सहमति बनी कि पार्टी बिहार में कम से कम 60 सीटों पर लड़ने की तैयारी करे। कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति ने अब तक करीब 60 उम्मीदवारों के नामों की सूची पर मुहर लगा दी है। इसी बीच बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि सामाजिक समीकरण के अनुसार, हमारी जो भी सीटें थीं, उस पर स्थिति साफ हो गई है।
हम कह सकते हैं कि जो हमारी सीटें हैं, उन सीटों पर सीईसी की मुहर लगी। राजेश राम ने कहा कि हमने अपनी सीट का क्वालिटी और क्वांटिटी एनालिसिस किया है। कितनी सीटों पर चर्चा हुई है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि उसके इंतजार का मजा लीजिए।
विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने फोन पर बताया कि हम एलायंस पार्टनर के साथ चर्चा करेंगे। नामांकन के आखिरी दिन से पहले उम्मीदवारों की पूरी सूची आपको मिल जायेगी। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में कोई मनभेद या न मतभेद नहीं है।