बिहार चुनाव: बाहुबली नेता एवं पूर्व सांसद आनंद मोहन छोटे बेटे और बेटी को उतारना चाहते हैं चुनावी मैदान में, परिवार संग जाकर की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात
By एस पी सिन्हा | Updated: August 10, 2025 16:38 IST2025-08-10T16:38:25+5:302025-08-10T16:38:25+5:30
वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के कारणों पर आनंद मोहन ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। आनंद मोहन से मीडिया ने जब पूछा कि बिहार में इस बार तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनने का दावा किया जा रहा है, तो उन्होंने कहा कि आप जाकर मिठाई बांट दीजिए।

बिहार चुनाव: बाहुबली नेता एवं पूर्व सांसद आनंद मोहन छोटे बेटे और बेटी को उतारना चाहते हैं चुनावी मैदान में, परिवार संग जाकर की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने रविवार को पूर्व सांसद आनंद मोहन अपनी पत्नी सांसद लवली आनंद और विधायक बेटे चेतन आनंद के साथ मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और इनके बीच काफी देर तक बातचीत हुई। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हुई इस मुलाकात को खास माना जा रहा है। मुलाकात के बाद उन्होंने तेजस्वी यादव पर तीखा तंज कसा। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के कारणों पर आनंद मोहन ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। आनंद मोहन से मीडिया ने जब पूछा कि बिहार में इस बार तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनने का दावा किया जा रहा है, तो उन्होंने कहा कि आप जाकर मिठाई बांट दीजिए।
उन्होंने कहा कि बिहार के सीतामढ़ी में मां सीता के मंदिर का शिलान्यास होना देश और मिथिला के लिए बहुत बड़ी और गौरवपूर्ण बात है। वहीं, तेजस्वी यादव के द्वारा युवाओं को नौकरी देने के वादे और यह दावा करने पर कि युवा उनके साथ हैं, आनंद मोहन ने कहा कि उनके माता-पिता के राज्य में तो किसी को नौकरी नहीं मिली, आगे देखना होगा क्या होता है? जब तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि उनकी योजनाओं की कॉपी की जा रही है, तो आनंद मोहन ने कहा कि “ठीक है, तेजस्वी यादव थिंक टैंक हैं।
उल्लेखनीय है कि आनंद मोहन इसबार के चुनाव में अपने दोनों बेटे और एक बेटी को मैदान में उतारना चाहते हैं। उन्होंने इस बात का संकेत दिया है कि उनके दूसरे बेटे और एकलौती बिटिया को विधान सभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उनके बच्चों ने उनकी गैर-मौजूदगी में उनकी राजनीतिक विरासत को संभाल कर दुनिया को दिखा दिया है। उनका राजनीति में आना परिवारवाद नहीं कहा जा सकता। बता दें कि महागठबंधन से अलग होकर एनडीए के साथ सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार के विश्वास मत हासिल करने के दौरानआनंद मोहन ने बड़ी भूमिका निभाई थी।
उन्होंने अपने बेटे राजद विधायक चेतन आनंद को नीतीश कुमार के पीछे खड़ा कर माहौल बदल दिया था। चेतन आनंद के जदयू के साथ आने के साथ ही तेजस्वी यादव का खेला खराब हो गया था। उनके तीन विधायकों ने पाला बदल लिया था। राजद विधायक प्रहलाद यादव और अनंत सिंह की पत्नी पूनम देवी ने राजद छोड़कर सरकार का साथ दिया था। आनंद मोहन और अनंत सिंह ने पूरी बाजी पलट कर रख दी थी। चेतन आनंद को मंत्री का बंगला तो मिल गया, लेकिन मंत्री नहीं बनाए गये। अनंत सिंह को इनाम में एके-47 मामले में राहत मिली।