बिहार चुनाव: एग्जिट पोल के बाद सूबे में तेज हुई सियासत, NDA खेमे में बढ़ी बेचैनी, कांग्रेस में भी संभावित टूट के खतरे को देख सक्रिय हुई पार्टी
By स्वाति सिंह | Updated: November 8, 2020 22:10 IST2020-11-08T17:53:44+5:302020-11-08T22:10:09+5:30
एग्जिट पोल अनुमानों को देखते हुए स्पष्ट जनादेश आने का अनुमान है. लेकिन अगर मुकाबला बराबरी पर रहा तब जोड़-तोड़ की संभावना बनेगी. इसलिए अगले दो दिन अपने अपने तंत्र से अनुमानों का अध्ययन कर सम्पर्क संवाद के रहेंगे.

बिहार के चुनावी माहौल में रैलियों को देखते हुए एनडीए नेताओं को यह तो अंदाजा था कि इस बार का चुनाव काफी चुनौतीपूर्ण है.
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के लगभग सभी एग्जिट पोल में महागठबंधन को बढ़त मिलती दिख एनडीए खेमे में बेचैनी देखी जाने लगी है. हालांकि यह अनुमान 10 तारीख को होने वाले मतगणना में कितना बदलता है इसपर सभी के निगाहें टिकी हुई हैं. लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल अनुमानों में राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन की बढ़त से एनडीए खेमे की चिंता बढ़ा दी है. असल नतीजे 10 नवंबर को आएंगे. हालांकि, तब तक राजनीतिक दलों में पर्दे के पीछे भावी संभावनाओं को तलाशने का काम होगा.
एग्जिट पोल अनुमानों को देखते हुए स्पष्ट जनादेश आने का अनुमान है. लेकिन अगर मुकाबला बराबरी पर रहा तब जोड़-तोड़ की संभावना बनेगी. इसलिए अगले दो दिन अपने अपने तंत्र से अनुमानों का अध्ययन कर सम्पर्क संवाद के रहेंगे. बिहार के चुनावी माहौल में रैलियों को देखते हुए एनडीए नेताओं को यह तो अंदाजा था कि इस बार का चुनाव काफी चुनौतीपूर्ण है. सबसे ज्यादा दिक्कत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभाओं में सभाओं के माहौल को लेकर रही. यही वजह है कि नीतीश कुमार को आखिरी चरण के मतदान के पहले कहना पड़ा था कि यह उनका आखिरी चुनाव है. भाजपा नेता औपचारिक तौर पर इन नतीजों पर बहुत ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं, हालांकि उनके संकेत हैं कि जनता आमतौर पर स्पष्ट जनादेश देती है. अगर कुछ कमी ज्यादा रहती है तो जोड़-तोड़ की संभावनाएं बनती हैं. पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा कि हम अभी वास्तव में नतीजों का इंतजार करेंगे और उसके बाद जैसी स्थिति बनेगी, उसके अनुसार काम करेंगे.
इधर, एग्जिट पोल के बाद सियासी गहमागहमी तेज हो गई है. एग्जिट पोल में महागठबंधन को बहुमत मिलने के आसार को देखते हुए कांग्रेस के खेमे में उत्साह बढ़ गया है. दूसरी तरफ अपने विधायकों के टूटने का डर भी दिख रहा है. बिहार चुनाव परिणाम से पहले ही कांग्रेस को अपने विधायकों के टूटने का डर सताने लगा हैं. जीत से पहले ही कांग्रेस को अपने विधायकों के टूटने का डर सताने लगा हैं. इसको लेकर ऑब्जर्वर नियुक्त कर दिया है. इसको लेकर ऑब्जर्वर नियुक्त कर दिया है. सोनिया गांधी ने विधायकों के टूट रोकने के लिए रणदीप सुरजेवाला और अविनाश पांडेय को ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया है दोनों पटना भी पहुंच गए. दोनों महागठबंधन की सरकार बनाने तक बिहार में ही कैंप करेंगे. महागठबंधन में शामिल कांग्रेस पार्टी बिहार विधानसभा का चुनाव 70 सीटों पर लड़ी है. इसके साथ ही वाल्मीकिनगर लोकसभा उप चुनाव में भी अपना उम्मीदवार उतारा है. 10 नवंबर को रिजल्ट आएगा को स्पष्ट होगा की कांग्रेस के कितने विधायक चुनाव जीत रहे हैं.