Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन की स्थिति नाजुक देख कांग्रेस ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सियासी ‘डॉक्टर’ बनाकर इलाज में लगाया है। बिहार चुनाव को लेकर कांग्रेस के पर्यवेक्षक अशोक गहलोत और एआईसीसी के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने राजद नेता तेजस्वी यादव के आवास का दौरा किया। मुलाकात करने से पहले अशोक गहलोत ने कहा कि चुनावी कामकाज सुचारू रूप से चल रहा है और सभी भ्रम जल्द स्पष्ट हो जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ सीटों पर मैत्रीपूर्ण मुकाबला कोई बड़ी बात नहीं है और महागठबंधन बिहार के भविष्य के लिए पूरी तरह एकजुट है।
पटना में अशोक गहलोत और कृष्णा अल्लावरू, ने राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ-साथ राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के साथ बैठक कर स्थिति पर चर्चा की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य कांग्रेस और राजद के बीच चल रहे गतिरोध को दूर करना था ताकि दोनों दल एकजुट होकर कल (गुरुवार) साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकें और गठबंधन की एकजुटता प्रदर्शित की जा सकें। इस दौरान साझा चुनाव प्रचार की रणनीति पर भी चर्चा हुई। इस दौरान दोनों दलों ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के संयुक्त चुनाव प्रचार का भी रूपरेखा तैयार किया। बैठक के बाद अशोक गहलोत ने बताया कि लालू प्रसाद यादव ने स्पष्ट कहा है कि महागठबंधन एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा। चुनाव प्रचार का नेतृत्व राहुल गांधी और तेजस्वी यादव करेंगे और दोनों ही नेताओं के मार्गदर्शन में महागठबंधन की प्रचार रणनीति आगे बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि 23 अक्टूबर को महागठबंधन की ओर से साझा प्रेसवार्ता कर मीडिया को चुनाव की अगली रणनीति की जानकारी दी जाएगी।
इससे पहले पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में अशोक गहलोत ने कहा कि इतने बड़े महागठबंधन में 5-10 सीटों पर विवाद कोई बड़ी बात नहीं है। अशोक गहलोत ने कहा कि तमाम काम बहुत अच्छे से चल रहे हैं। एक दो दिन में जो भी भ्रम है वो स्पष्ट हो जाएगा। 243 सीटें हैं उनमें 5-6 सीटों पर कार्यकर्ता भी उत्साह में होते हैं। लोकल परिस्थितियां होती हैं, फ्रेंडली फाइट मानी जाती है। इसे बहुत बड़े रूप में नहीं देखना चाहिए। अशोक गहलोत ने कहा कि किसी भी प्रदेश में अगर ऐसा गठबंधन होगा तो कुछ सीटों पर ऐसी बातें होती हैं। मीडिया में कुछ ज्यादा ही आ गया और ऐसा लग रहा था कि पता नहीं क्या हो गया? जबकि ऐसी स्थिति है नहीं। तमाम काम बहुत आराम से चल रहे हैं। 1-2 दिन के अंदर जो भी कंफ्यूजन है वो खत्म हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि बिहार में मतदान के दिन अब बेहद करीब आ चुके हैं। लेकिन महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर अब तक कुछ साफ नहीं है। इस बीच अशोक गहलोत सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन में डैमेज कंट्रोल करने के लिए ही यहां आए हैं। सीटों के तालमेल पर महागठबंधन में इस कदर टशन है कि बिहार की कई विधानसभा सीटों पर कांग्रेस, राजद और वामदल कई सीटों पर फ्रेंडली फाइट की स्थिति में आ गए हैं। आलम यह हो गया कि महागठबंधन के 243 सीटों पर 255 उम्मीदवार मैदान में हैं।
राजद-कांग्रेस और अन्य दलों में खींचातानी सार्वजनिक रुप से देखा जा रहा है। राजद ने 143 उम्मीदवारों को उतारा है, कांग्रेस ने 61, वामदलों में भाकपा माले ने 20, भाकपा ने 9 और माकपा ने चार सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। वीआईपी ने 15 सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा की है। इंडियन इन्क्लूसिव पार्टी (आईआईपी) 3 सीटों, बेल्दौर, जमालपुर और सहरसा से चुनाव लड़ रही है। ऐसे में महागठबंधन के 255 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। 11 प्रत्याशी आमने सामने हैं। सियासी विश्लेषकों का मानना है कि अशोक गहलोत की मध्यस्थता से गठबंधन में चल रही खींचतान पर विराम लग सकता है और सीट बंटवारे पर जल्द सहमति बनने की उम्मीद है।