Bihar: डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के दो वोटर कार्ड! तेजस्वी यादव का दावा, राजद और कांग्रेस ने खोला मोर्चा
By एस पी सिन्हा | Updated: August 10, 2025 13:38 IST2025-08-10T13:36:49+5:302025-08-10T13:38:25+5:30
Bihar:राजद नेता तेजस्वी यादव का कहना है, "बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के पास दो EPIC नंबर हैं। वो भी दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों के। एक में उनकी उम्र 57 साल है और दूसरे में 60 साल। यह चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।"

Bihar: डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के दो वोटर कार्ड! तेजस्वी यादव का दावा, राजद और कांग्रेस ने खोला मोर्चा
Bihar: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर दो मतदाता पहचान पत्र (इपिक) रखने का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि अब बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा भी ऐसे मामले में फंसते नजर आ रहे हैं। यह मामला बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। कांग्रेस और राजद ने विजय सिन्हा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्राथमिकी दर्ज करने और उनके इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि यह दोहरा पंजीकरण न केवल व्यक्तिगत फ्रॉड है, बल्कि पूरे देश में भाजपा की ओर से मतदाता सूची में हेरफेर का हिस्सा है।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया है कि सिन्हा लखीसराय और पटना के बांकीपुर में मतदाता के रूप में पंजीकृत (रजिस्टर्ड) हैं जिसमें उनकी उम्र क्रमशः 57 और 60 वर्ष दर्ज है।
#WATCH | Patna, Bihar: RJD leader Tejashwi Yadav says, "Bihar's Deputy Chief Minister Vijay Kumar Sinha have two EPIC numbers. That too in two different assembly constituencies. In one, the age is 57, and in the other, the age is 60. This is also online on the Election… pic.twitter.com/QhJq7PJEwx
— ANI (@ANI) August 10, 2025
उन्होंने उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर दोहरे ईपिक कार्ड और उम्र में हेरफेर का गंभीर आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। लखीसराय और पटना के बांकीपुर में अलग-अलग उम्र और मतदाता पंजीकरण के दस्तावेज पेश कर तेजस्वी ने दावा किया कि यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम का सीधा उल्लंघन है।
तेजस्वी यादव ने बताया कि लखीसराय का ईपिक नंबर-आईएएफ3939337 में उम्र 57 वर्ष, पिता का नाम शारदा रमन सिंह दर्ज है। जबकि बांकीपुर का ईपिक नंबर-एएफएस0853341 में उम्र 60 वर्ष दर्ज है। तेजस्वी ने कहा कि यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 17 और 18 का सीधा उल्लंघन है, जिसके तहत एक व्यक्ति का नाम केवल एक ही मतदाता सूची में हो सकता है। हाल ही में बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के तहत 65 लाख डुप्लिकेट मतदाताओं के नाम हटाए गए।
STORY | VIDEO | Responding to RJD leader Tejashwi Yadav alleging he has two EPIC numbers, Bihar Deputy CM Vijay Kumar Sinha (@VijayKrSinhaBih) clarifies, "I want to tell you that our whole family had voter ids when we used to live in Bankipur, in April 2024, I applied to add my… pic.twitter.com/9xwycwXd9X
— Press Trust of India (@PTI_News) August 10, 2025
तेजस्वी ने सवाल किया कि इतनी सख्ती के बावजूद विजय सिन्हा का नाम दो जिलों की सूची में कैसे रह गया? उन्होंने कहा कि हमारे खिलाफ तो तुरंत कार्रवाई की बात की गई थी, तो अब इनको भी नोटिस क्यों नहीं? देखते हैं चुनाव आयोग कितनी तेजी दिखाता है।
तेजस्वी यादव ने यह भी आरोप लगाया कि विजय सिन्हा “मोदी जी के खास” हैं और उन्होंने न केवल ईपिक का फर्जीवाड़ा किया है बल्कि उम्र में भी हेरफेर की है। उन्होंने कहा कि जनता को यह जानना चाहिए कि असली फर्जीवाड़ा कौन कर रहा है?
तेजस्वी यादव ने कहा कि हम चुनाव आयोग से पूछना चाहते है की ईसी क्या छुपाना चाहती है? आखिर नाम हटाने का कारण क्यों नहीं दे रहा ईसी? सम्राट चौधरी उम्र घोटाला किए तो ये कहा से पीछे रहते इन्होंने भी किया। भाजपा के दोनों उप मुख्यमंत्री गजब हैं। चुनाव आयोग की करनी और कथनी में पूरी तरह भेद है।
वहीं, बिहार प्रदेश कांग्रेस का आरोप है कि विजय कुमार सिन्हा ने लखीसराय और बांकीपुर विधानसभा से एसआईआर फॉर्म भरा है, जिसके बाद दोनों जगह ड्राफ्ट में उनका नाम भी आ गया है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है।
पार्टी का दावा है कि निर्वाचन आयोग ने सिन्हा के दोहरे पंजीकरण को न केवल अनदेखा किया, बल्कि उनके एसआईआर फॉर्म को भी स्वीकार किया।
हाल ही में आयोग ने बिहार में 65 लाख मतदाताओं को सूची से हटाया जिनमें डुप्लिकेट नाम शामिल थे। फिर सिन्हा का मामला कैसे छूट गया? कांग्रेस ने पूछा, क्या नियम सिर्फ आम लोगों के लिए हैं, और भाजपा नेताओं को छूट दी जा रही है? कांग्रेस नेताओं ने इसे ‘चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर खतरा’ बताते हुए आयोग से कार्रवाई की मांग की है।
बता दें कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 17 और 18 के तहत एक व्यक्ति का नाम केवल एक मतदाता सूची में हो सकता है। दोहरे पंजीकरण को गंभीर उल्लंघन माना जाता है। तेजस्वी यादव के बाद अब बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा का मामला सामने आने के बाद चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वैसे जानकारों का मानना है कि यह तकनीकी त्रुटि या जानबूझकर हेरफेर हो सकती है।
वहीं, अगर सिद्ध हुआ तो यह कानूनी कार्रवाई का आधार बन सकता है। दूसरी ओर अब इस मामले को लेकर तेजस्वी यादव फ्रंट फुट पर आ गए हैं और कहा है कि जितनी जल्दी हमारे ऊपर कार्रवाई करने की बात कही गई ऐसे में इनको तो दोनों जिले से नोटिस जाना चाहिए।
हालांकि, विजय सिन्हा ने अभी तक इन आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। ऐसे में तेजस्वी यादव पर उठ रहे सवालों के बीच विजय सिन्हा से जुड़े इस विवाद ने बिहार की राजनीति को गर्म कर दिया है। वहीं, विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची की प्रक्रिया को और सख्त करने की जरूरत को भी बता रहा है।