पटनाः बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद की बहू, साले और दूसरे परिजनों को सरकारी नल-जल योजना का 58 करोड़ का ठेका दिये जाने का मामला धिरे-धिरे तूल पकड़ता जा रहा है.
इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज जमकर हमला बोला और साक्ष्य को सार्वजनिक किया. उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री पर आरोप लग रहे हैं. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. तेजस्वी ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों के घरों तक जल तो नहीं पहुंचा, लेकिन कुछ नेताओं के बैंक खातों तक धन जरूर पहुंच गया है.
उन्होंने सवाल उठाया कि इस मामले पर आज तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल किया कि वे 50 पंचायतों का नाम बता दें जहां यह नल जल योजना ढंग से काम कर रहा हो? तेजस्वी ने कहा इस घोटाले से कोई पंचायत नहीं बचा है. उन्होंने कहा कि जदयू और भाजपा के नेता और उनके परिजनों को इसकी बागडोर सौंपी गई है.
उन्हें इस योजना का ठेका दिया गया, जबकि नियमावली यह है कि अनुभवी व्यक्ति को ही इसका ठेका दिया जाना है. लेकिन जिनके पास इस काम का कोई अनुभव नहीं है उन्हें यह ठेका दे दिया गया. तारकिशोर प्रसाद के दामाद, पुत्र वधु और साले को यह ठेका दिया गया. कंपनी के डायरेक्टर उप मुख्यमंत्री के साले और दामाद हैं और काम करने के लिए 53 करोड़ का ठेका दिया गया है.
यह पूरा कॉट्रैक्ट मैनेज हुआ. उन्होंने कहा कि लगातार आवाज उठाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. कंपनी खुद मानती है उनका अनुभव नहीं है लेकिन पैसा कैसे उठा रहे हैं. कंपनी खुद स्वीकार कर रही कोई पैसा नहीं उठा रहे, फिर आखिर पैसा कहा जा रहा है? उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पहले 70 घोटाले हो चुके हैं.
नीतीश कुमार भ्रष्टाचार पर सूचिता की बात करें. भ्रष्टाचार की बात पर मुंह में दही जमा रखे हैं. उन्होंने कहा कि इस घोटाले का प्रर्दाफाश राम प्रकाश महतो ने की थी. अगस्त 2020 में पहली बार राम प्रकाश महतो ने इस घोटाले का पर्दाफाश किया, लेकिन उसके बाद कोई जांच नहीं हुई. जांच नहीं होने के बाद फरवरी 2021 को राम प्रकाश महतो ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस संबंध में पत्र लिखा और पूरे मामले को रखा. लेकिन तब भी इस मामले पर संज्ञान नहीं लिया गया. तेजस्वी ने भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाये.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार भ्रष्टाचार को बढावा दे रहे हैं. राजद लगातार इस मामले को उठाती आ रही है. उपमुख्यमंत्री के रिश्तेदारों को नल जल योजना का काम क्यों दिया गया? पीएचईडी विभाग भाजपा के पास है. पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर भी तेजस्वी ने जमकर हमला बोला. तेजस्वी ने कहा कि यह मामला बहुत ही गंभीर मामला है.
नीतीश कुमार जी की आत्मा बंगाल की खाडी में डूब गई है. जब भाजपा के विधायक ने कहा था कि भाजपा के मंत्री बिना पैसे लेकर ट्रासफर पोस्टिंग नहीं करते हैं तब उन्होंने एक्शन क्यों नहीं लिया? नीतीश कुमार उस वक्त भी चुप रहें और आज भी चुप्पी साध रखे हैं. इससे यह पता चलता है कि वे कमजोर हैं और डरे हुए हैं. मुख्यमंत्री पूरी तरीके से थक चुके है, उनकी दिलचस्पी बिहार के कल्याण में नहीं हैं.
उनकी दिलचस्पी सिर्फ कुर्सी को बचाने में हैं. उन्होंने कहा कि व्यवसाय करना गुनाह नहीं है, लेकिन इन लोगों का व्यवसाय ही भ्रष्टाचार करना है. प्रोटोकॉल को तोड़ा गया, यह व्यवसाय नहीं भ्रष्टाचार है. पूरी देश और दुनियां को इनकी चाल और चरित्र के बारे में पता है. सरकार को इस मामले पर कार्रवाई करना चाहिए. विपक्ष का काम आइना दिखाना है.
हम अपना काम बखूबी कर रहे हैं. यदि यही काम गैर भाजपा और गैर जदयू करती तो अब तक तो ईडी और सीबीआई भी पहुंच गई होती. इस दौरान उन्होंने बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जिस कंपनी को सरकारी काम का अनुभव हो, उसे काम नहीं मिलता. उस वक्त भाजपा के विधायक सुशील कुमार मोदी थे. तो क्या सुशील मोदी को पैसा दिया गया?
तभी सुशील मोदी जी ने इनका नाम अनुशंसित किया है. इस दौरान मौजूद राम प्रकाश महतो ने कहा कि इस मामले का खुलासा 2020 में उन्होंने किया था. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. सुशील मोदी और नीतीश जी को इस बात की जानकारी है. राम प्रकाश महतो ने मामले की जांच कराने की मांग की कही थी. लेकिन जो पूरी नहीं हुई. राम प्रकाश महतो ने एक बार फिर कहा कि मामले की जांच करा ली जाए तभी दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा.