बिहार में चमकी बुखार से 100 से ज्यादा बच्चों की मौत, तेजस्वी यादव की चुप्पी पर उठ रहे हैं सवाल

By निखिल वर्मा | Published: June 17, 2019 09:22 AM2019-06-17T09:22:40+5:302019-06-17T12:49:19+5:30

सिर्फ नीतीश सरकार ही नहीं राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस और तेजस्वी यादव भी सवालों के घेरे में हैं। संसदीय व्यवस्था में विपक्ष की जिम्मेदारी होती है कि जहां सरकार विफल है वहां विपक्षी पार्टियां उसे जिम्मेदारी का एहसास दिलाए। शायद ये बात महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव भूल रहे है।

Bihar Death toll due to AES in Muzaffarpur rises to 96 where is tejashwi yadav | बिहार में चमकी बुखार से 100 से ज्यादा बच्चों की मौत, तेजस्वी यादव की चुप्पी पर उठ रहे हैं सवाल

आरजेडी बिहार की सबसे बड़ी पार्टी और उसके 80 विधायक हैं लेकिन पार्टी इस मामले में अब तक चुप क्यों हैं?

Highlightsबिहार में मस्तिष्क ज्वर सहित अन्य अज्ञात बीमारी से अबतक 100 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के सामने ही एक बच्चे ने दम तोड़ दिया।

बिहार में मस्तिष्क ज्वर सहित अन्य अज्ञात बीमारी से अबतक 100 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। मुजफ्फरपुर और सहित अन्य जिलों में पिछले 10 दिनों से बच्चों की मौतों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बिहार में एनडीए सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मामले आलोचनाओं के घेरे में हैं। बिहार में स्थिति इतनी खतरनाक हो चुकी है कि रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के सामने ही एक बच्चे ने दम तोड़ दिया।

विपक्ष  भी सवाल के घेरे में

सिर्फ नीतीश सरकार ही नहीं राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस और तेजस्वी यादव भी सवालों के घेरे में हैं। संसदीय व्यवस्था में विपक्ष की जिम्मेदारी होती है कि जहां सरकार विफल है वहां विपक्षी पार्टियां उसे जिम्मेदारी का एहसास दिलाए। शायद ये बात महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव भूल रहे है। लोकसभा चुनाव 2019 में मिली करारी हार के बाद तेजस्वी यादव सार्वजनिक कार्यक्रमों से गायब हैं। 

मीडिया सहित बिहार के लोगों के मन भी ये सवाल बना हुआ है कि तेजस्वी कहां गायब हैं? तेजस्वी यादव के इस अज्ञातवास पर न सिर्फ उनके राजनीतिक विरोधी हमलावर हैं बल्कि सहयोगी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी तंज कस रहे हैं। जीतन राम मांझी ने तेजस्वी के गायब होने पर चुटकी लेते हुए कहा कि लोकसभा में शून्य मिलने से तेजस्वी यादव सदमे में हैं।

मांझी ने कहा है कि चुनाव हारने के बाद कुछ लोगों का सेटबैक होता है। उन्होंने कहा कि सभी लोग एक मेंटालिटी के नहीं होते हैं। इसलिए अभी चुनाव हारे हुए एक महीना भी नहीं हो रहा है। हो सकता है तेजस्वी यादव अपने रिश्तेदार के पास रिफ्रेश हो रहे होंगे, इसलिए अभी वह सामने नहीं आ रहे हैं। जीतन राम मांझी ने कहा कि चुनाव हारने के बाद नेता प्रतिपक्ष को सभी लोग ढूंढ रहे हैं। लेकिन किसी के पर्सनल जीवन में देखना कोई उचित काम नहीं है।

25 दिन में सिर्फ नौ ट्वीट

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और वर्तमान में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव सोशल मीडिया में सक्रिय रहने वाले नेता के तौर पर जाने जाते हैं। 29 वर्षीय तेजस्वी लालू प्रसाद यादव और आरजेडी के उत्तराधिकारी भी हैं। 23 मई को लोकसभा नतीजे आने के बाद उन्होंने अब तक सिर्फ नौ ट्वीट किए हैं। उन्होंने आखिरी ट्वीट 11 जून को लालू यादव के जन्मदिन पर किया था। इस बीच उन्होंने जगह मोहन रेड्डी को सीएम बनने पर और देशवासियों को ईद की बधाई दी। हालांकि बिहार में बच्चों की मौतों पर मचे कोहराम पर वो चुप्पी साधे हुए हैं।

लोकमत ने इस मसले पर तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव से बातचीत की। आरजेडी बिहार की सबसे बड़ी पार्टी और उसके 80 विधायक हैं लेकिन पार्टी इस मामले में अब तक चुप क्यों हैं? इस सवाल पर संजय यादव कहते हैं, पार्टी की एक कमिटी मुजफ्फरपुर गई थी, जल्द ही वो इसकी रिपोर्ट तेजस्वी यादव को सौपेंगी। इसके बाद तेजस्वी इस मसले पर कुछ कहेंगे। क्या तेजस्वी देश से बाहर हैं, इस सवाल पर संजय यादव ने कहा, हमारे नेता देश में ही है और वह मीडिया को बताकर कोई व्यक्तिगत काम नहीं करेंगे।

तेज प्रताप ने तोड़ी चुप्पी 

इस मसले पर सबसे पहले आरजेडी की तरफ से अगर लालू परिवार की बात की जाए तो तेज प्रताप यादव ने इस मामले को उठाया। उन्होंने रविवार को ट्वीट किया,  "सुशासन बाबू, माना कि ये 5-10 वर्ष के मासूम बच्चे किसी दल के वोटर नहीं हैं लेकिन क्या इन सैकड़ो मासूमों की जान आपके सुशासन की जिम्मेदारी नहीं हैं ? नीतीश बाबू हम राजनीति बाद में कर लेंगे अभी इन मासूमों की जिंदगी ज्यादा जरूरी है. कुछ भी कीजिए इन बच्चों को बचा लीजिए..." दिलचस्प बात यह है कि लोकसभा चुनावों के दौरान मोदी-नीतीश पर हमलावर रहे तेज प्रताप ने भी चुप्पी ही साध रखी है। उन्होंने भी पिछले 25 दिनों में सिर्फ नौ ट्वीट ही किया है। 

एक महीने बाद मीसा का दनादन रिट्वीट

लोकमत न्यूज ने सबसे पहले 18 मई को "बिहारः बच्चों के लिए जानलेवा बनी एक्यूट इंसेफेलाइटिस, एक बच्चे की मौत और कई गंभीर रूप में अस्पताल में भर्ती" इस विषय पर खबर की थी। पिछले एक महीने से मौतों का आंकड़ा बढ़ते जा रहा है। इस मसले पर राज्यसभा सांसद और लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती ने सिर्फ मौतों से जुड़ी खबरों का रि-ट्वीट किया है।  15 जून को पहला रि-ट्वीट करने वाली मीसा ने पिछले 48 घंटों में दनादन 13 रि-ट्वीट किए हैं लेकिन अपने ट्विटर हैंडल पर एक शब्द भी नहीं लिखा है।

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