बिहारः एनसीआरबी ने जारी किए आंकड़े, साल 2019 में 3138 हत्या, 15 जिलों में सबसे ज्यादा मर्डर, बलात्कार की 730 घटनाएं, देखें रिपोर्ट
By एस पी सिन्हा | Published: December 2, 2020 04:23 PM2020-12-02T16:23:25+5:302020-12-02T19:30:14+5:30
बिहार के डीजीपी एसके सिंघल ने क्राइम इन बिहार-2019 रिपोर्ट जारी किया. राज्य अपराध ब्यूरो ने रिपोर्ट तैयार किया है। राज्य में दहेज घटना की 1120 घटनाएं हुईं, 15 जिलों में अपराध दर सबसे अधिक हैं.
पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऐसे तो अपराध नियंत्रण के कई दावे करते हैं, लेकिन बिहार में अपराध का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है.
आंकड़ों के अनुसार बिहार के 15 जिलों में सबसे ज्यादा ह्त्याएं होती हैं, बाकी के 25 जिलों के मुकाबले इन्हीं 15 जिलों में अपराधियों का तांडव ज्यादा जारी है. बिहार में साल 2019 में हुई अपराध की घटनाओं के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं. एनसीआरबी की वेबसाइट पर जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2019 में बिहार में 3138 हत्याएं हुई थीं.
इन 15 जिलों में सीवान, मुजफ्फरपुर, वैशाली, भोजपुर, पटना, जहानाबाद, गया, शेखपुरा, नालंदा, लखीसराय, जमुई, बेगूसराय, खगड़िया, मधेपुरा और पूर्णिया के नाम शामिल हैं. ये ऐसे जिले हैं जहां अन्य जिलों के मुकाबले हत्या की वारदात ज्यादा हुई. वहीं, दहेज हत्या के मामलों में मामूली वृद्धि हुई है. वर्ष 2018 में जहां दहेज हत्या की 1107 घटनाएं दर्ज हुईं, वहीं 2019 में यह संख्या 1120 रही.
गोपालगंज, सीवान, सारण और पटना समेत कुल 17 जिले चिह्नित किए गए
पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण और पटना समेत कुल 17 जिले चिह्नित किए गए हैं, जहां दहेज के लिए हत्या की घटनाएं ज्यादा हुईं. वहीं, सरकार ने दहेज प्रथा को रोकने के लिए भी कई सख्त कानून बनाये हैं. लेकिन दहेज हत्याओं की संख्या में भी इजाफा हुआ है.
पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण और पटना समेत कुल 17 जिले ऐसे चिन्हित किये गए हैं जहां सबसे ज्यादा दहेज के लिए हत्याएं हुई हैं. 2018 में जहां दहेज हत्या की 1107 घटनाएं दर्ज हुईं, वहीं 2019 में यह संख्या बढ़कर 1120 हो गईं.
इसके साथ ही एसिड अटैक की राज्य में जितनी भी घटनाएं दर्ज की गई हैं, उनमें सबसे ज्यादा घटनाएं पूर्वी चंपारण, मधुबनी, कैमूर, खगड़िया, मुंगेर और कटिहार से सामने आई हैं. वहीं, अपहरण के ज्यादतर मामले सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, सारण, वैशाली, पटना, रोहतास, जहानाबाद, नालंदा, लखीसराय, भागलपुर समेत 15 जिलों में हुई.
फिरौती हेतु अपहरण के मामले इनमें शामिल नहीं हैं. जबकि साल 2019 में सूबे में बलात्कार की 730 घटनाएं सामने आईं. वहीं वर्ष 2018 में 651 मामले सामने आए थे. अन्य जिलों के मुकाबले दरभंगा, सुपौल, अररिया, किशनगंज, खगड़िया, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, शेखपुरा, नवादा, गया, अरवल, जहानाबाद और पटना में बलात्कार से जुड़ी घटनाएं ज्यादा थीं.
2019 आंकड़े के अनुसार हर रोज 19 से अधिक दंगा
उसी तरह बिहार में साल 2018 में दंगा की 10 हजार 276 घटनाएं हुई थीं, वहीं 2019 में यह संख्या घटकर 7262 हो गई. दंगा के अधिकतर मामले सीवान, सारण, बक्सर, कैमूर, रोहतास, जहानाबाद, गया, पटना, नालंदा, नवादा, शेखपुरा समेत कुल 18 जिलों में सामने आए. चोरी, लूट, डकैती की वर्ष 2019 में हुई वारदातों के भी आंकडे़ जारी किए गए हैं.
वहीं, साल 2019 में सूबे में बलात्कार की 730 घटनाएं सामने आईं. वहीं 2018 में 651 मामले सामने आए थे. अन्य जिलों के मुकाबले दरभंगा, सुपौल, अररिया, किशनगंज, खगड़िया, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, शेखपुरा, नवादा, गया, अरवल, जहानाबाद और पटना में बलात्कार से जुड़ी घटनाएं ज्यादा थीं. आंकड़ों के अनुसार बिहार में 2018 में 30916 चोरियां हुई थीं, जबकि लूट के 1731 मामले सामने आये थे. वहीं 2019 की बात की जाए तो चोरियों की संख्या बढ़कर 34971 हो गई हैं, जबकि लूट के मामले 2398 हो गए हैं.