विश्वविद्यालयों में जारी भ्रष्टाचार, मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति मो. कुद्दुस ने दिया इस्तीफा
By एस पी सिन्हा | Updated: December 17, 2021 20:55 IST2021-12-17T20:55:09+5:302021-12-17T20:55:53+5:30
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हस्तक्षेप का भी कोई असर नहीं हुआ और मो. कुद्दुस को परेशान किया जाता रहा. उन्होंने राजभवन के चहेते वीसी एसपी सिंह के कारनामों की पोल खोल दी थी.

अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति मो. कुद्दुस ने पिछले महीने बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति को पत्र लिखकर विश्वविद्यालयों में जारी घोटालों की पोल खोल दी थी.
पटनाः बिहार के विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार की पोल खोलने वाले मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति मो. कुद्दुस को आखिरकार इस्तीफा देना पड़ा. राजभवन को निशाने पर लेते हुए विश्वविद्यालयों में जारी भ्रष्टाचार के खुले खेल के खिलाफ आवाज उठाकर कुलपति परेशान हो गये थे.
उन्होंने भ्रष्टाचार की पोले तो खोल दी, लेकिन उनकी किसी ने नही सुनी. सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हस्तक्षेप का भी कोई असर नहीं हुआ और मो. कुद्दुस को परेशान किया जाता रहा. उन्होंने राजभवन के चहेते वीसी एसपी सिंह के कारनामों की पोल खोल दी थी. व्यवस्था से कुपित होकर कुलपति मो. कुद्दुस ने आज राजभवन को अपना इस्तीफा भेज दिया है.
बताया जाता है कि उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा है कि यहां काम करने का माहौल नहीं है. मौजूदा परिस्थिति में वे काम नहीं कर सकते लिहाजा पद से इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने भ्रष्टाचार के उन मामलों का भी जिक्र किया है, जो उन्होंने उठाया था. उल्लेखनीय है कि अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति मो. कुद्दुस ने पिछले महीने बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति को पत्र लिखकर विश्वविद्यालयों में जारी घोटालों की पोल खोल दी थी. मो. कुद्दुस ने अपने पत्र में विस्तार से बताया था कि उनसे पहले अरबी फारसी विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति रहे एसपी सिंह ने कैसे भ्रष्टाचार का खुला खेल खेला.
दोगुने से भी ज्यादा दर पर उत्तर पुस्तिकायें छपने के लिए दी गईं. आउटसोर्सिंग पर कर्मचारियों को रखने समेत विश्वविद्यालय के दूसरे काम में किस तरह से लूट मचाया गया. उन्होंने अपने पत्र में खुलकर यह बताया था कि उन पर राजभवन से जुडे लोगों के द्वारा उनपर यह दबाव बनाया जा रहा है कि वह गलत तरीके से टेंडर लेने वालों के पैसे का भुगतान कर दें.
उन्होंने इस खेल में संलिप्त लोगों का नाम और मोबाइल नंबर तक का जिक्र किया था. उन्होंने अपने पत्र की कॉपी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी भेजी थी. वहीं कुलपति का पत्र मिलने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरोपी कुलपति एसपी सिंह के खिलाफ जांच कराने के लिए राज्यपाल को पत्र लिखा था. लेकिन राजभवन ने कोई जांच नहीं कराई.
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पत्र राजभवन में पड़ा रह गया और उलटे मो. कुद्दुस को राजभवन से कई तरह की नोटिस भेज दी गयी. यही नहीं राजभवन ने आरोपी कुलपति एसपी सिंह को बेस्ट कुलपति का अवार्ड दे दिया गया. वहीं, मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति एसपी सिंह ने भी मो. कुद्दुस को मानहानि की नोटिस भेज दी थी.
सूत्रों के अनुसार एसपी सिंह राजभवन के सबसे करीबी कुलपति बताये जाते हैं. वे अभी तो केवल मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति हैं, लेकिन राजभवन ने उन्हें एक समय में चार-चार विश्वविद्यालयों का प्रभार सौंप रखा था. उन सभी विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार की कहानियां धिरे-धिरे सामने आ रही हैं. बावजूद इसके कुलपति एसपी सिंह पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.