बिहारः कांग्रेस नेताओं की जाति बताने वाले पोस्टर से बना मज़ाक, विपक्ष ने तंज में कही ये बातें

By एस पी सिन्हा | Updated: September 27, 2018 15:55 IST2018-09-27T15:55:31+5:302018-09-27T15:55:31+5:30

पटना के सदाकत आश्रम के बाहर लगी तस्वीर के आगे कांग्रेसी नेताओं ने खुद अपनी जाति बताकर मजाक बना दिया है।

Bihar: Congress leaders caste posters mock | बिहारः कांग्रेस नेताओं की जाति बताने वाले पोस्टर से बना मज़ाक, विपक्ष ने तंज में कही ये बातें

बिहारः कांग्रेस नेताओं की जाति बताने वाले पोस्टर से बना मज़ाक, विपक्ष ने तंज में कही ये बातें

पटना, 27 सितंबरः बिहार की राजनीति में जाति एक बडा फैक्टर रहा है। राजनीतिक पार्टियां जातिगत सम्मेलन करती रही हैं, लेकिन बिहार के राजनैतिक इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि पोस्टरों में नेताओं की लगाई गई होर्डिंग में नेताओं की तस्वीर पर उनके नाम की जगह जाति या समुदाय बताया गया है। पटना के सदाकत आश्रम के बाहर लगी तस्वीर के आगे कांग्रेसी नेताओं ने खुद अपनी जाति बताकर मजाक बना दिया है। सदाकत आश्रम ही नहीं बल्कि पटना में कई जगह यह तस्वीर लगी है।

पटना शहर में कई जगहों पर लगाए गए इस होर्डिंग में बताया जा रहा है कि कौन नेता किस जाति का है। मदन मोहन झा ब्राह्मण हैं तो अखिलेश सिंह भूमिहार। वहीं, गुजरात के रहने वाले शक्ति सिंह गोहिल की जाति बताई गई है कि वे राजपूत हैं। गुजरात के ही नेता और बिहार के सह प्रभारी अल्पेश ठाकोर की भी जाति होर्डिंग लगाकर बताई जा रही है। ऐसे में कांग्रेस की नई प्रदेश कार्यसमिति की ओर से जाति और समुदाय आधारित पोस्टर लगाये जाने के बाद बिहार में विवाद शुरू हो गया है।

एक ओर जहां कांग्रेस के नेता पोस्टर पर जाति और समुदाय को दिखाये जाने को पार्टी की सामाजिक समरसता की बात कहते हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष के नेता कांग्रेस की मानसिकता बताते हुए इसे समाज के लिए खतरा बताया है। पटना  शहर में कांग्रेस के सिद्धार्थ क्षत्रिय की ओर से लगाई गई होर्डिंग में पार्टी की नई प्रदेश कमेटी में शामिल नेताओं की जाति दिखाई गई है। होर्डिंग में कहा गया है कि नयी प्रदेश कार्यसमिति सामाजिक समरसता की मिसाल है। 

वहीं, कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि कांग्रेस जातिवाद में भरोसा नहीं करती है। बैनर में सामाजिक समरसता की बात की गयी है। इसे उसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए।

वहीं, कांग्रेस की ओर से जाति और समुदाय का पोस्टर का बचाव करते हुए कांग्रेस नेता कौकब कादरी ने कहा है कि जाति के आधार पर ही हमारी सामाजिक व्यवस्था है। जाति को नकारा नहीं जा सकता है। सरकारी नौकरी में भी जाति बतानी पडती है। वहीं, जदयू नेता श्याम रजक ने कहा है कि 'जाति और गोत्र बतानेवाले समाज का भला नहीं कर सकते। गोत्र और जाति बतानेवाले समाज के लिए खतरनाक हैं।'
 
हाल ही में भाजपा नेता नेता गिरिराज सिंह ने नाम के आगे अपना गोत्र लगाते हुए लोगों से गोत्र लगाने का आह्वान किया था। उनके द्वारा नाम में गोत्र लगाये जाने को पार्टी नेता डॉ प्रेम कुमार ने सही ठहराते हुए कहा है कि नाम में गोत्र लगाने में कोई हर्ज नहीं है, लेकिन कांग्रेस के पोस्टर में पार्टी की मानसिकता दिखती है। बिहार में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तस्वीर पर ब्राह्मण समुदाय, बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल की फोटो पर राजपूत समुदाय, अल्पेश ठाकुर की तस्वीर पर पिछडा समुदाय, बिहार प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष व सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह की तस्वीर पर भूमिहार समुदाय, प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा की तस्वीर पर ब्राह्मण समुदाय लिखा हुआ है।

वहीं, कार्यकारी अध्यक्ष अशोक राम की तस्वीर पर दलित समुदाय, कौकब कादरी की तस्वीर पर मुस्लिम समुदाय, समीर सिंह की तस्वीर पर राजपूत समुदाय और श्याम सुंदर सिंह धीरज की तस्वीर पर भूमिहार समुदाय लिखा गया है। पोस्टर में सदानंद सिंह की तस्वीर पर पिछडा समुदाय का बताया गया है। दरअसल, लंबे समय के बाद बिहार कांग्रेस की नई कमेटी का गठन किया गया है। प्रदेश अध्यक्ष, अभियान समिति के अध्यक्ष समेत चार कार्यकारी अध्यक्ष और जंबोजेट कार्यसमिति का गठन किया गया है। हालांकि ज्यादातर नेताओं की जाति का ढिढोरा पहले ही पीटा जा रहा था। लेकिन लोगों के मन में शक ना रहे इसके लिए अब पोस्टर लगाया जा रहा है। 

Web Title: Bihar: Congress leaders caste posters mock

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