पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प मोड पर आ गया है। चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने और नाम वापस लेने की तारीखें समाप्त होने के बाद महागठबंधन की बंधी गांठ नही खोली जा सकी है। हालांकि जख्म भरने का प्रयास करते हुए महागठबंधन के सहयोगी दलों के द्वारा राजद नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा मान लिया गया है। इसके साथ ही वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री का योग्य माने जाने के बावजूद मामला आपसी टकराव से दूर नहीं किया जा सका है। ऐसे में राज्य के 11 विधानसभा सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवार आमने-सामने हैं।
चुनाव मैदान में एनडीए (भाजपा, जदयू, लोजपा(रा), हम(से), रालोमो) और महागठबंधन (राजद, कांग्रेस, भाकपा, माकपा, भाकपा-माले, वीआईपी, आईपी गुप्ता की पार्टी) के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। सभी पार्टियों के दिग्गज नेता एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। लेकिन विधानसभा की कुछ सीटों पर चुनाव दिलचस्प हो गया है, क्योंकि महागठबंधन के ही उम्मीदवार एक-दूसरे से भिड़ने के लिए कमर कस रहे हैं।
इसमें वैशाली विधानसभा सीट से राजद ने अजय कुशवाहा को टिकट दिया है। जबकि कांग्रेस ने यहां से इंजीनियर संजीव सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं, वैशाली जिले के ही राजापाकड़ विधानसभा सीट से कांग्रेस की वर्तमान विधायक प्रतिमा दास यहां से उम्मीदवार है और अपना नामांकन कर चुकी है। बावजूद इसके भाकपा से मोहित पासवान ने भी यहां से अपना पर्चा दाखिल किया है।
उसी तरह बिहारशरीफ विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने ओमेर खान को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाकपा प्रत्याशी शिव प्रकाश यादव उर्फ सरदार जी भी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। वहीं, बेगूसराय जिले के बछवाड़ा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के गरीब दास चुनावी मैदान में है। जबकि भाकपा ने अवधेश राय को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया है।
भागलपुर जिले के कहलगांव विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने प्रवीण कुशवाहा को सिंबल दिया है, जबकि राजद ने रजनीश यादव को मैदान में उतारा है। वहीं जमुई जिले के सिकंदरा विधानसभा सीट से राजद ने विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी को टिकट दिया है। जबकि कांग्रेस ने इस सीट से विनोद चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है।
इसी तरह पश्चिम चंपारण जिले के नरकटियागंज विधानसभा सीट से राजद के दीपक यादव और कांग्रेस के शाश्वत केदार पांडे में मुकाबला है। वहीं, भागलपुर जिले के सुल्तानगंज विधानसभा सीट से राजद के चंदन सिंह चुनाव मैदान में है तो कांग्रेस से ललन कुमार चुनाव मैदान में है। रोहतास जिले के करगहर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के संतोष मिश्रा चुनाव मैदान में है तो भाकपा ने महेंद्र गुप्ता को टिकट दिया है।
उधर, सहरसा जिले के चैनपुर विधानसभा सीट से ब्रजकिशोर बिना को चुनाव मैदान में उतारा है तो वीआईपी ने बाल गोविंद को टिकट दिया है। वहीं, खगडिया जिले के बेलदौर विधानसभा सीट से कांग्रेस के मिथिलेश निषाद चुनाव मैदान में है तो वीआईपी ने तनीषा चौहान को यहां से टिकट दिया है। ऐसे में अब चुनावी मैदान में उतरे महागठबंधन के उम्मीदवारों की स्थिति के बारे में चर्चाएं तेज हो गई हैं।
सियासत के जानकारों की मानें तो इन विधानसभा सीटों पर यह देखना दिलचस्प होगा कि किस दल के दिग्गज नेता किसका विरोध करते हैं और किसका समर्थन? अगर राजद के उम्मीदवारों के पक्ष में तेजस्वी यादव सभा करेंगे तो वह क्या संदेश देंगे? वहीं अगर कांग्रेस चुनाव प्रचार में जाएगी को जनता को क्या जवाब देगी। ऐसे में सम्भव है कि सभी एक दूसरे के खिलाफ ही आवाज उठाएंगे।