Bihar Chunav 2025: बिहार में इस साल अक्टूबर- नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए अभी से ही कमर कसने लगी है। एनडीए के घटक दलों ने यह निर्णय लिया है कि लोकसभा चुनाव में जो गलतियां हुई, उसे विधानसभा में नहीं दोहराया जाएगा। सीट बंटवारे के दौरान 2015 का जो फार्मूला था उसको नज़ीर के तौर पर रखा जाएगा। भाजपा सूत्रों का कहना है कि उस चुनाव में लोजपा, हम और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी ने सीट बंटवारे को लेकर जो ड्रामा किया, उससे गलत संवाद गया था। इस बार फिर सब साथ में हैं और नीतीश कुमार भी साथ हैं। ऐसे में पुरानी नौबत ना आए, इसका खास ख्याल रखा जाएगा। हालांकि इन सबके बीच केंद्रीय मंत्री और हम संरक्षक जीतन राम मांझी एनडीए में अपनी अलग चावल की खिचड़ी पकाने में जुटे हैं।
चुनाव से पहले जीतन राम मांझी के एक बयान ने एनडीए को तनाव में डाल दिया है। दरअसल, मांझी ने एनडीए में हम के साथ धोखा होने की बात कहकर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। उन्होंने कहा कि अब बिहार में वो अपनी औकात दिखाएंगे। वहीं उनके बेटे और बिहार सरकार में मंत्री संतोष सुमन ने एनडीए में अपनी एकजुटता जाहिर की है।
बाप-बेटे के बयान आपस में मेल नहीं खा रहे हैं। सियासत के जानकारों का कहना है कि ये सब कुछ दबाव की राजनीति के लिए हो रहा है। मांझी दबाव बना रहे हैं तो उनके बेटे बैलेंस बनाने में जुटे हैं। वहीं सूत्रों के मुताबिक, एनडीए में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तैयार हो चुका है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. दिलीप जायसवाल ने भी हाल ही में कहा था कि एनडीए में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय हो चुका है। हालांकि इसकी कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि हाल के दिनों में एनडीए के नेताओं की जो भी बैठक हुई थी, उसमें सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा हुई थी।
सूत्रों के मुताबिक, इस बार बिहार में कोई बड़ा या छोटा भाई नहीं होगा। 2020 की तरह इस बार भी भाजपा और जदयू बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेगी। दोनों दल अपने हिस्से से 15-15 सीटें लोजपा के लिए छोड़ेंगे। इसके बाद जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को एडजस्ट किया जाएगा।