Bihar Election 2025: महागठबंधन में सीटों के बंटवारे के लिए घमासान शुरू, सहयोगी दल बना रहे दबाव

By एस पी सिन्हा | Updated: July 30, 2025 14:20 IST2025-07-30T14:17:24+5:302025-07-30T14:20:02+5:30

Bihar Election 2025:हाल ही में एनडीए से अलग हुए अगर पशुपति पारस भी महागठबंधन में आते हैं तो उनको एडजस्ट करके 4-5 सीटें दी जा सकती है।

Bihar assembly elections allies have started putting pressure on Mahagathbandhan for seat sharing | Bihar Election 2025: महागठबंधन में सीटों के बंटवारे के लिए घमासान शुरू, सहयोगी दल बना रहे दबाव

Bihar Election 2025: महागठबंधन में सीटों के बंटवारे के लिए घमासान शुरू, सहयोगी दल बना रहे दबाव

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर सभी दलों ने राजद पर दबाव डालना शुरू कर दिया है। एक ओर जहां कांग्रेस 70 सीटों की मांग पर अड़ी है तो वीआईपी ने 60 सीटों की मांग कर संकट को और गहरा दिया है। जबकि वामपंथी दलों ने 45 सीटों पर दावेदारी पेश की है। ऐसे में कांग्रेस, वीआईपी और वाम दल की मांग को जोड़ा जाये तो मिलाकर 174 होता है और बिहार में विधानसभा की टोटल सीटें 243 है। बिहार के सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की भी है कि पशुपति पारस एनडीए से निकाले जाने के बाद महागठबंधन में आने को बेकरार है।

ऐसे में वो भी कम से कम 5 सीट की मांग कर सकते हैं। ऐसे में महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर माथापच्ची जोरों पर है। 

हालांकि राजद ‘बड़े भाई’ की भूमिका में ड्राइविंग सीट पर ही रहेगा। सीट साझेदारी को लेकर महागठबंधन के नेताओं के बीच कई दौर की अनौपचारिक बैठकें हो चुकी हैं। बुधवार को भी महागठबंधन के नेताओं ने बैठक आगे की रणनीति पर चर्चा किया।महागठबंधन की राजनीति से करीब से जुड़े सियासी जानकारों का कहना है कि कुछ ही दिनों में सीट बंटवारे का फार्मूला सामने आ सकता है।

इस पर सहमति अंतिम दौर में है। सीट साझेदारी का फार्मूला 2024 का लोकसभा सीटों के आधार पर तय हो सकता है। जानकारों का कहना है कि जिन लोकसभा सीटों पर जो दल लड़ा था, उसे उसी लोकसभा क्षेत्र के दायरे में आने वाली विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़या जा सकता है। महागठबंधन के बीच यह समझ प्राथमिक स्तर पर ही है। इस फार्मूले में जमीनी आधार पर विजेता प्रत्याशी का नाम सामने आने पर इसमें जरूरी बदलाव किये जा सकते हैं।

यह बदलाव वाम दल के पक्ष में संभव हैं। इससे पहले पिछले विधानसभा चुनाव के फार्मूले पर विचार चल रहा था, लेकिन फिलहाल उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। सूत्रों की मानें तो बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में राजद 140, कांग्रेस 52, वामपंथी दल 35, भाकपा-माले, भाकपा, माकपा को दी जा सकती है। जबकि मुकेश सहनी की वीआईपी 15 सीटों पर लड़ सकती है। हाल ही में एनडीए से अलग हुए अगर पशुपति पारस भी महागठबंधन में आते हैं तो उनको एडजस्ट करके 4-5 सीटें दी जा सकती है। हालांकि जानकारों का कहना है कि लोकसभा सीटों के आधार पर तय किये जा रहे फार्मूले में वाम दलों को संतुष्ठ किया जाना बाकी है, क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में जमीनी तौर पर उनकी ताकत कांग्रेस से भी अधिक थी।

इसलिए उन्हें इस फार्मूले में नुकसान हो सकता है। लिहाजा राजद और कांग्रेस दोनों वाम दलों के पक्ष में इस फार्मूले से बाहर जा कर उनकी प्रतिष्ठा के अनुरूप सीट देने की मन स्थिति बना चुके हैं। वाम दलों के शीर्ष नेताओं पर इस पर काफी हद तक सहमति भी बन चुकी है। वैसे वर्तमान स्थिति यह है कि सभी दल बदलते फार्मूले के दौर में सीट तय करने में नये सिरे से लगे हैं।

पिछले लोकसभा चुनाव में राजद 26, कांग्रेस नौ और वाम दल पांच सीटों पर चुनाव लड़े थे। बाद में वीआईपी को राजद के कोटे से तीन सीटें मिली थीं। सामान्य तौर प्रत्येक लोकसभा सीट के दायरे में छह विधानसभा सीटें आती हैं। वाम दलों को छोड़कर अन्य घटक दलों को ‘आउट आफ वे’ जाकर अतिरिक्त सीटें दी जायेंगी।

वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद ने 140, कांग्रेस ने 70 और बाकी सीटों पर वाम दलों ने चुनाव लड़ा था। राजद और वाम दलों का प्रदर्शन ठीक रहा था, लेकिन कांग्रेस 70 में से सिर्फ 19 सीट जीत पाई थी। इस वजह से महागठबंधन सरकार बनाने से चूक गई थी। इस बार भी महागठबंधन में तीनों दल शामिल है और वीआईपी का भी साथ मिला है। इस बार मांगने वालों की कतार लंबी है।

ऐसे में तेजस्वी यादव सीट शेयरिंग को लेकर जारी घमासान को कैसे मैनेज करेंगे इस पर सबकी नजर है। विधानसभा चुनाव में अब 3 महीने का ही वक्त बचा है। ऐसे में महागठबंधन के साथी दल जिस तरह से तेजस्वी पर प्रेशर बना रहे हैं उसे देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि सीट शेयरिंग का फार्मूला बनाना आसान नहीं रहने वाला है।

कुछ दिन पहले सीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा ने नेता विपक्ष तेजस्वी यादव से उनके आवास पर मुलाकात की थी। इसमें उन्होंने 24 सीटों की मांग रखी थी। उधर, कांग्रेस की वकालत करते हुए पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने 90 सीटों की मांग कर महागठबंधन में नई अडचन खडा कर दी है।

Web Title: Bihar assembly elections allies have started putting pressure on Mahagathbandhan for seat sharing

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