पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के चुनाव के साथ ही राज्य की सियासी तस्वीर साफ हो जाएगी. इसमें महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे व राजद के नेता तेजस्वी यादव की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.
वह वैशाली के राघोपुर से चुनाव मैदान में हैं. पहले और दूसरे चरण में मिलाकर दो तिहाई सीटों पर मतदान हो जाएगा. दूसरे चरण में राज्य के चार मंत्रियों के कामकाज भी जनता की कसौटी पर है. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के समधी चंद्रिका राय भी इसी चरण में जदयू से परसा विधानसभा सीट पर भाग्य आजमा रहे हैं. इसी चरण में कई बाहुबलियों के नाते-रिश्तेदार भी विधायक बनने की होड़ में हैं.
दूसरे चरण में 17 जिलों की 94 सीटों के लिए दूसरे चरण में होने वाले मतदान में 1514 प्रत्याशी मैदान में हैं. सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और विपक्षी महागठबंधन, दोनों के बीच हार-जीत के खेल का यह बड़ा प्लेटफार्म साबित होने वाला है. पहले और दूसरे चरण को मिलाकर दो तिहाई से ज्यादा सीटों पर प्रत्याशियों की किस्मत लिख दी जाएगी. तीसरे और अंतिम चरण में सत्ता के खेल में संख्या के फर्क को घटाने-बढ़ाने की औपचारिकता भर रह जाएगी.
2015 के चुनाव परिणाम की बात करें तो कुल सीटों में से 30 पर जदयू और 33 पर राजद को जीत मिली थी
2015 के चुनाव परिणाम की बात करें तो कुल सीटों में से 30 पर जदयू और 33 पर राजद को जीत मिली थी. भाजपा को 20 और कांग्रेस के खाते में सात सीटें आई थीं. जबकि लोजपा को दो तथा एक-एक पर माले और निर्दलीय को जीत मिली थी. तब राजद, जदयू और कांग्रेस एक साथ थे. उस हिसाब से 70 सीटों पर महागठबंधन और लोजपा समेत 22 पर एनडीए को कामयाबी मिली थी.
अब महागठबंधन के बिखरने के बाद यह समीकरण बदल गया है. लोजपा के रास्ते अलग होने के बावजूद जदयू व भाजपा के साथ से एनडीए मजबूत हुआ है. दोनों का दायरा बढ़कर 50 हो गया है. इस बार महागठबंधन में राजद 56, कांग्रेस 24, माकपा 4, भाकपा 4 और भाकपा-माले 6 सीटों पर मैदान में है. वहीं, एनडीए में भाजपा 45, जदयू 43, वीआईपी 6 सीटों पर मुकाबले में है.
दो सीटों राघोपुर और हसनपुर पर सबसे ज्यादा टिकी रहेंगी
दूसरे दौर में सबकी नजर दो सीटों राघोपुर और हसनपुर पर सबसे ज्यादा टिकी रहेंगी. राघोपुर से नेता प्रतिपक्ष एवं महागठबंधन के मुख्यमंत्री के प्रत्याशी तेजस्वी यादव और हसनपुर सीट से उनके बडे़ भाई तेजप्रताप यादव का फैसला होना है. तेजस्वी अपनी पुरानी सीट से ही चुनाव मैदान में हैं, जबकि तेजप्रताप ने इस बार महुआ के बदले हसनपुर को चुना है.
उनका मुकाबला जदयू के राजकुमार राय से होगा, जो पिछली दो बार से विधायक हैं. वहीं, लालू परिवार के लिए राघोपुर को सुरक्षित दुर्ग माना जाता है. यहां से 1995 में पहली बार लालू प्रसाद चुनाव जीते थे. 2005 में राबड़ी देवी ने भी लालू की विरासत को बरकरार रखा. लालू परिवार के आधिपत्य को वर्ष 2010 में जदयू के टिकट पर सतीश राय ने राबड़ी देवी को हराकर खत्म किया. अबकी सतीश भाजपा के टिकट पर तेजस्वी के रास्ते में खडे़ हैं.
राज्य सरकार के चार मंत्रियों का कामकाज जनता की कसौटी पर
इस चरण में राज्य सरकार के चार मंत्रियों का कामकाज जनता की कसौटी पर है. इन चारों में से दो भाजपा और दो जदयू के हैं. पटना साहिब से भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री नंद किशोर यादव और मधुबन से मंत्री राणा रणधीर सिंह हैं तो नालंदा से जदयू के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री श्रवण कुमार और हथुआ से मंत्री रामसेवक सिंह.
लालू प्रसाद के समधी चंद्रिका राय को जदयू ने परसा से उतारा है. वे पिछली बार राजद के टिकट पर जीते थे, लेकिन पारिवारिक झगडे़ ने पार्टी बदलने पर विवश किया. लालू ने अपने समधी के खिलाफ छोटेलाल राय को टिकट दिया है. वहीं, बाहुबलियों को तरजीह देने के लिहाज से भी दूसरे चरण की खूब चर्चा हो रही है.
दबंग को टिकट देना मुनासिब नहीं माना गया तो उनके नाते-रिश्तेदारों को सिंबल थमा दिया गया
किसी वजह से अगर दबंग को टिकट देना मुनासिब नहीं माना गया तो उनके नाते-रिश्तेदारों को सिंबल थमा दिया गया. जदयू ने बोगो सिंह को मटिहानी, धूमल सिंह की पत्नी सीता देवी को एकमा, रणवीर यादव की पत्नी पूनम देवी को खगडिया और अमरेंद्र पांडेय को कुचायकोट से मैदान में उतारा है. जबकि राजद ने शिवहर से आनंद मोहन के पुत्र चेतन आनंद को उपकृत किया है. वहीं पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला लालगंज से निर्दलीय ही किस्मत आजमा रहे हैं.
इस दौर में भाई-भतीजावाद भी जमकर हुआ है. कई बडे़ नेताओं ने बेटे-बेटियों और भतीजों को भी टिकट दिलाया है. कांग्रेस के चार प्रत्याशी ऐसे ही हैं. पटना के बांकीपुर से सिने अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा के पुत्र लव सिन्हा, बिहारीगंज से समाजवादी नेता शरद यादव की पुत्री सुभाषिनी, लालगंज से पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार के भतीजे पप्पू सिंह कांग्रेस के टिकट पर भाग्य आजमा रहे हैं. जबकि लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज के भाई रोसड़ा से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, जदयू ने हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव आर्य के पुत्र कौशल किशोर को राजगीर से चुनावी मैदान में उतारा है.