Bihar assembly elections 2020: रिस्क लेकर आगे बढ़ रहे हैं चिराग, रामविलास पासवान के सियासी साम्राज्य को संभाल पाएंगे?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: October 6, 2020 08:59 PM2020-10-06T20:59:24+5:302020-10-06T20:59:24+5:30
जब सीएम नीतीश कुमार को चिराग पासवान को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने अपने राजनीतिक अंदाज के अनुरूप जवाब दिया, उन्होंने याद दिलाया कि रामविलास पासवान राज्यसभा पहुंचे हैं, वो बिना जेडीयू की मदद के हुआ है क्या?
भारतीय राजनीति में रामविलास पासवान ऐसा नाम है, जिन्होंने अपने दम पर सियासी बुलंदियाँ हांसिल की हैं, लेकिन जिस तरह से उनके बेटे चिराग पासवान बिहार विधानसभा चुनाव में पाॅलिटिकल रिस्क लेकर आगे बढ़ रहे हैं, उसके बाद यह सवाल महत्वपूर्ण हो जाता है कि क्या चिराग पासवान, रामविलास पासवान के सियासी साम्राज्य को संभाल पाएंगे?
चिराग पासवान बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर तो सीधा राजनीतिक हमला कर ही रहे हैं, विरोधाभासी बयान भी लगातार दे रहे हैं. उधर, खबर है कि लंबे इंतजार के बाद बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में सीटों का बंटवारा हो गया है और जैसा कि पहले से ही स्पष्ट था, चिराग पासवान की पार्टी को इसमें कुछ खास हांसिल नहीं हुआ है, जाहिर है, अब उन्हें अपने दम पर बिहार में अपनी सियासी ताकत दिखानी होगी. हो सकता है वे कुछ हांसिल करके अपनी सियासी हैसियत दिखाने में कामयाब हो जाएं और यह भी हो सकता है कि रामविलास पासवान का सजाया हुआ सियासी साम्राज्य ढह जाए.
प्रेस की ओर से जब सीएम नीतीश कुमार को चिराग पासवान को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने अपने राजनीतिक अंदाज के अनुरूप जवाब दिया, उन्होंने याद दिलाया कि रामविलास पासवान राज्यसभा पहुंचे हैं, वो बिना जेडीयू की मदद के हुआ है क्या?
दिलचस्प बात यह है कि चिराग पासवान नीतीश कुमार के जितने खिलाफ
दिलचस्प बात यह है कि चिराग पासवान नीतीश कुमार के जितने खिलाफ हैं, उतनी ही मजबूती से पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ खड़े होने का दावा कर रहे हैं, यह बात अलग है कि तेजस्वी यादव को लेकर जो कुछ उन्होंने कहा है, उसने नया विवाद खड़ा कर दिया है. खबरों की माने तो उन्होंने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को लेकर कहा कि वो उनके छोटे भाई के समान हैं और मेरी शुभकामना उनके साथ है.
चिराग पासवान के ऐसे राजनीतिक विचारों के बाद जेडीयू को उन पर हमला करने का अवसर मिल गया है. जनता दल यूनाइटेड के नेताओं का कहना है कि एक ओर तो चिराग पासवान नरेंद्र मोदी जिंदाबाद कर रहे हैं और दूसरी ओर तेजस्वी यादव को शुभकामनाएं दे रहे हैं. ऐसे में बीजेपी को अब तय करना चाहिए कि वो क्या एनडीए में रह सकते हैं.
हालांकि, चिराग प्रकरण पर लंबी चुप्पी के बावजूद अब बीजेपी के लिए खामोश रहना इसलिए मुश्किल होता जा रहा है कि सहयोगी दलों के बीच बीजेपी की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लग रहे हैं.
इसलिए, अब अगर लोक जनशक्ति पार्टी पीएम मोदी के फोटो या पोस्टर लगाती है, तो उस पर बीजेपी एक्शन ले सकती है.
अभी परेशानी यह है कि केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का अस्पताल में इलाज चल रहा है, ऐसे में चिराग के खिलाफ कोई सख्त निर्णय लेना बीजेपी के लिए थोड़ा मुश्किल है.बीसवीं सदी के उतरार्ध में भारतीय राजनीति में उभरे रामविलास पासवान प्रमुख नेता हैं और इस वक्त केन्द्रीय मंत्री हैं. रामविलास पासवान करीब एक दर्जन चुनाव लड़ चुके हैं और बहुत कम हारे हैं. इतना ही नहीं, छह प्रधान मंत्रियों के साथ काम करने का उनका अनुभव भी अपने आप में खास है.