बिहार विधानसभा चुनावः 70 सीट पर चुनाव, पांच-पांच सदस्यीय सोशल मीडिया टीमें तैनात, नारा दिया-‘13 साल से तड़पता बिहार’
By भाषा | Published: October 22, 2020 05:29 PM2020-10-22T17:29:20+5:302020-10-22T17:29:20+5:30
भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और सोशल मीडिया प्रभारी वैभव वालिया के मुताबिक, युवा कांग्रेस महागठबंधन के दूसरे सहयोगी दलों के उम्मीदवारों की भी हरसंभव मदद कर रही है।
नई दिल्लीः कांग्रेस की युवा इकाई ने बिहार विधानसभा चुनाव में 70 सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों की मदद के लिए पांच-पांच सदस्यीय सोशल मीडिया टीमें तैनात की हैं तथा महागठबंधन के रोजगार संबंधी चुनावी वादों को लोगों तक पहुंचाने के लिए वह सोशल मीडिया मंचों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रही है।
भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और सोशल मीडिया प्रभारी वैभव वालिया के मुताबिक, युवा कांग्रेस महागठबंधन के दूसरे सहयोगी दलों के उम्मीदवारों की भी हरसंभव मदद कर रही है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘जिन 70 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं वहां युवा कांग्रेस का एक सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर एवं 4-4 सहयोगी लगाए गए हैं।
जहां महागठबंधन के अन्य दलों के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं वहां हम उनकी हरसंभव मदद कर रहे हैं।’’ वालिया ने यह भी कहा, ‘‘बिहार में युवा कांग्रेस ने अब तक ‘बिहार बोले रोजगार दो’, ‘सुशासन तैर रहा है’, ‘कांग्रेस फॉर बिहार’, ‘एनडीए हटाओ-बिहार बचाओ’, ‘13 साल से तड़पता बिहार’, ‘नीतीश हटाओ-बिहार बचाओ’ जैसे कई अभियान चलाएं हैं।’’
उनका कहना है, ‘‘ वायरस के कारण पहली बार बिहार विधानसभा चुनाव में सोशल मीडिया की अहमियत बहुत ज्यादा है। जनता तक पहुंचने का यह मुख्य जरिया है। यह हमारे लिए एक अवसर है। हम बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाने के लिए हर मंच का इस्तेमाल कर के लोगों तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं।’’
भाजपा का घोषणापत्र ‘झूठ का संकल्प पत्र’, नीतीश ने बिहार को पिछड़ेपन के गर्त में पहुंचाया : कांग्रेस
कांग्रेस ने भाजपा के घोषणा पत्र को ‘झूठ का संकल्प पत्र’करार देते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि पिछले 15 साल में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार की जदयू-भाजपा सरकार के नाकारापन ने राज्य को सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन के गर्त में पहुंचा दिया है। कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के तहत नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्य से संबंधित रिपोर्ट इस बात की गवाह है कि नीतीश कुमार सरकार ने बिहार को सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन के गर्त में पहुंचा दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ सुशासन के नाम पर सत्ता की सरपरस्ती में बेरोजगारी, निकम्मापन और नाकारापन परोसा गया और बिहार को बदहाली की कगार पर ला खड़ा किया। क्या ‘फिसड्डी बाबू’जवाब देंगे?’’ कांग्रेस नेता ने भाजपा के घोषणा पत्र को ‘झूठ का संकल्प पत्र’ करार दिया और कहा कि इसे कूड़ेदान में डाल देना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो करोड़ नौकरियों का वादा किया था, उसका क्या हुआ? बिहार को विशेष राज्य के दर्जे का क्या हुआ? सुरजेवाला ने एक सवाल के जवाब में कहा कि एक केंद्रीय मंत्री ने बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की बात को खारिज कर दिया है, यह अपमानजनक है और नीतीश कुमार को वोट मांगने का कोई अधिकार नहीं है।
गौरतलब है कि बिहार चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)ने बृहस्पतिवार को संकल्प पत्र ‘आत्मनिर्भर बिहार का रोडमैप 2020-25' जारी किया जिसमें तीन लाख शिक्षकों की नियुक्ति करने सहित शिक्षा, चिकित्सा एवं अन्य क्षेत्रों में 19 लाख नये रोजगार देने, कोरोना वायरस से बचाव के लिए नि:शुल्क टीका लगाने, महिलाओं के लिये माइक्रो फाइनेंस की नयी योजना लाने और बिहार को आईटी हब बनाने सहित 11 संकल्प व्यक्त किये गए हैं। नौकरी देने के भाजपा के संकल्प पत्र के वादे पर तंज करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि सुशील मोदी-नीतीश कुमार कहते हैं नौकरी के लिए पैसा है ही नहीं है और नौकरियां देने के लिये 58,000 करोड़ रुपये चाहिये, तब फिर इतने लोगों को रोज़गार कहां से देंगे?