पटना हाईकोर्ट से राहुल गांधी को मिली बड़ी राहत, निचली अदालत में पेश होने पर लगाई गई रोक
By एस पी सिन्हा | Published: April 24, 2023 03:51 PM2023-04-24T15:51:08+5:302023-04-24T15:55:05+5:30
राहुल गांधी के ऊपर मोदी सरनेम को लेकर विवादित टिप्पणी करने का आरोप है। राहुल गांधी ने कार्नाटक में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी सरनेम वाले लोगों को चोर बताया था।
पटना: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके निचली अदालत में पेशी के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दिया है।
दरअसल, मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को निचली अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था। राहुल गांधी की तरफ से दायर याचिका पर सोमवार को पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश संदीप कुमार की कोर्ट में सुनवाई।
राहुल गांधी ने पटना हाई कोर्ट में एमपी-एमएलए कोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग की थी लेकिन हाईकोर्ट ने निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी है।
पटना हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 15 मई को निर्धारित की है। राहुल गांधी को मोदी सरनेम को लेकर दिये बयान पर पटना की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 25 अप्रैल को कोर्ट में हाज़िर होने का निर्देश दिया था।
हाईकोर्ट द्वारा लगाये गई रोक के बाद उन्हें 25 अप्रैल को हाजिर नहीं होना पड़ेगा। दरअसल, भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ पटना सिविल कोर्ट स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट में मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
राहुल गांधी के ऊपर मोदी सरनेम को लेकर विवादित टिप्पणी करने का आरोप है। राहुल गांधी ने कार्नाटक में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी सरनेम वाले लोगों को चोर बताया था।
सुशील मोदी की तरफ से दायर मुकदमे पर एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राहुल गांधी को 12 अप्रैल को कोर्ट में उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराने को कहा गया था।
हालांकि, उस दिन राहुल गांधी कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सके। राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट को बताया था कि अत्यधिक व्यस्तता के कारण राहुल गांधी पटना नहीं आ सके, इसपर एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें 25 अप्रैल को कोर्ट में सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया था।
एमपी-एमएलए कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के लिए राहुल गांधी की तरफ से पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसपर आज सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राहुल गांधी को बड़ी राहत देते हुए नीचली अदालत के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दिया है।
इस मामले पर 15 मई को पटना हाई कोर्ट में सुनवाई होगी, तब तक नीचली अदालत की प्रक्रिया पर रोक लगी रहेगी।