Unnao Rape Case: कुलदीप सेंगर को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के जमानत आदेश पर रोक लगाई
By रुस्तम राणा | Updated: December 29, 2025 13:22 IST2025-12-29T13:22:41+5:302025-12-29T13:22:41+5:30
चीफ जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस जे के माहेश्वरी और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की वेकेशन बेंच ने सेंगर को नोटिस जारी कर हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) की याचिका पर जवाब मांगा है।

Unnao Rape Case: कुलदीप सेंगर को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के जमानत आदेश पर रोक लगाई
नई दिल्ली: 2017 के उन्नाव रेप केस में बीजेपी से निकाले गए नेता कुलदीप सिंह सेंगर को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (29 दिसंबर) को दिल्ली हाई कोर्ट के जमानत के आदेश पर रोक लगा दी। चीफ जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस जे के माहेश्वरी और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की वेकेशन बेंच ने सेंगर को नोटिस जारी कर हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) की याचिका पर जवाब मांगा है।
सीबीआई की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बेंच से हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की अपील की। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट बेंच ने कहा कि वह इस मामले की जांच करेगी क्योंकि इस पर विचार करने की ज़रूरत है। कोर्ट ने यह भी कहा कि हाई कोर्ट के 23 दिसंबर के आदेश के बाद सेंगर को हिरासत से रिहा नहीं किया जाना चाहिए।
23 दिसंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने रेप केस में बीजेपी के निकाले गए नेता को शर्तिया ज़मानत दे दी। यह आदेश जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और हरीश वैद्यनाथन शंकर की बेंच ने दिया। हाई कोर्ट ने सेंगर पर कड़ी शर्तें लगाई हैं। उन्हें पीड़िता के पांच किलोमीटर के दायरे में न जाने और ज़मानत की पूरी अवधि के दौरान दिल्ली में रहने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने उन्हें हर सोमवार को पुलिस को रिपोर्ट करने का भी आदेश दिया, और चेतावनी दी कि किसी भी शर्त का उल्लंघन करने पर ज़मानत रद्द कर दी जाएगी।
दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद, पीड़िता और उसके परिवार ने इस आदेश का विरोध किया। पीड़िता ने तो सेंगर की जेल की सज़ा को सस्पेंड करने को अपने परिवार के लिए "काल (मौत)" बताया। बीजेपी से निकाले गए नेता को पीड़िता के पिता की कस्टडी में मौत के मामले में भी 10 साल की जेल की सज़ा हुई है और उस मामले में उन्हें ज़मानत मिल गई थी।
जब 2017 में सेंगर ने पीड़िता को किडनैप और रेप किया था, तब वह नाबालिग थी। उसने दिल्ली से फोन पर पीटीआई को बताया था कि उसके परिवार के सदस्यों, वकीलों और गवाहों की सुरक्षा पहले ही हटा ली गई है और कोर्ट के फैसले से उसका डर और बढ़ गया है। उसने कहा था, "अगर ऐसे मामलों में दोषी को बेल मिल जाती है, तो देश की बेटियां कैसे सुरक्षित रहेंगी? हमारे लिए यह फैसला 'काल' (मौत) से कम नहीं है।"