राजा भोज के नाम पर ‘भोज मेट्रो’ होगा भोपाल मेट्रो का नाम, कांग्रेस विधायक ने ही जताई आपत्ति
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: September 27, 2019 06:15 AM2019-09-27T06:15:58+5:302019-09-27T06:15:58+5:30
मुख्यमंत्री कमलनाथ की घोषणा पर कांग्रेस विधायक को आपत्ति। विधायक के विरोध पर भाजपा ने जताई आपत्ति। भोपाल में मेट्रो परियोजना का शिलान्यास करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भोपाल को एक्सीलेंस सीटी बनाने की बात कही.
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मेट्रो परियोजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज कर दिया. इस मौके पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि भोपाल मेट्रो का नाम राजा भोज के नाम से भोज मेट्रो होगा. मुख्यमंत्री की घोषणा का विधायक आरिफ मसूद ने विरोध कर दिया, वहीं विधायक के विरोध पर भाजपा ने आपत्ति जताई.
भोपाल में मेट्रो परियोजना का शिलान्यास करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भोपाल को एक्सीलेंस सीटी बनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजाधानी भोपाल के बारे में अगले 10 सालों के हिसाब से सोचकर योजनाए तैयार की जाएगी. आने वाले समय में मेट्रो रूट को बढ़ाया जाएगा. देश की राजधानी दिल्ली की तर्ज पर भोपाल को मंडीदीप और सिहोर से जोड़ने की योजना है. ताकि प्रदेश की राजधानी पर जनसंख्या और ट्रेफिक का दवाब कम हो सकें और लोगों से राजधानी भोपाल की कनेक्टविटी बढ़ सके.
इस मौके पर प्रदेश के आवास एवं नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह ने मेट्रो योजना के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ की विकासवादी सोच को धन्यवाद कहा. भोज मेट्रो शिलान्यास के मौके पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और भोपाल महापौर आलोक शर्मा ने भोपाल मेट्रो का नाम भोज मेट्रो करने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया.
उल्लेखनीय है कि राजधानी में 2023 तक मेट्रो शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें 6941.40 करोड़ रूपए की लागत आएगी. भोपाल में दो रुट मेट्रो के लिए निर्धारित किए गए है. पहला रूट भोपाल के करोंद से एम्स जो 14.99 किलो मीटर का होगा वही दूसरा रूट भदभदा से रत्नागिरी जो 12.88 किलो मीटर का होगा. कुल 27.87 किलो मीटर के इन दो रूटो पर भोज मेट्रो दौड़ सकेगी. राजधानी भोपाल में चलने वाली मेट्रो जयपुर में चलने वाली मेट्रो जैसी होगी, जिसमें शुरूआत में छह की जगह तीन कोच लगाए जाएंगे, जो भोपाल के दो रूटों पर दौड़ेगी.
भोज मेट्रो के लिए यात्रियों को स्टेशन पर ज्यादा इंतजार नहीं करना पडेÞगा हर पांच मिनट में स्टेशन पर मेट्रो रेल हाजिर होगी और यह स्टेशन पर 30 सेकेंड तक रूकेगी. इसके बाद अलगी मेट्रो पांच मिनट बाद आएगी. मेट्रो रेल कार्पोरेशन के अधिकारियों का दावा है कि भोपाल में दोनों रूटों पर 2023 तक मेट्रो रेल का संचालन शुरू हो जाएगा. मेट्रो रूट पर कुल 27 मेट्रो दौड़ेगी. जिसके लिए भोपाल में 30 मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे, जिसमें 2 भूमिगत मेट्रो स्टेशन भी शामिल होगें.
ऐसी हुई थी मेट्रो परियोजना की शुरुआत
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने भोपाल मेट्रो रेल परियोजना के शिलान्यास समारोह में परियोजना की शुरूआत कैसे हुई, इस बारे में विस्तार से बताया. मुख्यमंत्री ने बताया कि जब वे शहरी विकास मंत्री थे, तब जयपुर में शुरू हुई मेट्रो रेल परियोजना के शुभारंभ समारोह में गए थे. उसके पहले वह बैंगलौर, हैदराबाद में भी मेट्रो रेल शुभारंभ समारोह में शामिल हुए थे. तब उन्हें लगा था कि यह मेट्रो रेल हमारे प्रदेश के भोपाल और इन्दौर जैसे शहरों में क्यों शुरू नहीं हो सकती. मुख्यमंत्री ने बताया कि तब उन्होंने दिल्ली से प्रदेश के तत्कालीन मंत्री बाबूलाल गौर को फोन लगाया और उनसे कहा कि वे मेट्रो रेल परियोजना की शुरूआत क्यों नहीं कर रहे हैं. गौर ने उन्हें बताया कि पैसा ही नहीं है. डीपीआर बनाने के लिए भी हमारे पास पैसा नहीं है. मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने गौर से कहा था कि वे प्रस्ताव बनाकर भेजें. कमल नाथ ने बताया कि प्रस्ताव आने पर केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री होने के नाते मैने मेट्रो रेल की डीपीआर बनाने के लिए उस समय मध्यप्रदेश को 5 करोड़ रुपए स्वीकृत किये थे.
कांग्रेस विधायक ने जताया विरोध
मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा मेट्रो का नाम राजा भोज के नाम पर भोज मेट्रो रखने की घोषणा की गई. मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर कई लोगों ने आपत्ति जताई, जिसमें कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद भी शामिल हैं. विधायक मसूद जब धन्यवाद भाषण के लिए मंच पर आए तब उन्होंने मुख्यमंत्री की ओर देखते हुए कहा कि दादा भाई, राजा भोज के नाम से कई काम हो चुके हैं और हो रहे हैं, इसलिए मेट्रो प्रोजेक्ट का नाम भोपाल मेट्रो ही रहने दिया जाए. इतना सुनते ही मुख्यमंत्री कमलनाथ विधायक आरिफ मसूद की तरफ असहज नजर से देखने लगे.
भाजपा ने जताई आपत्ति
राजा भोज पर मेट्रो के नाम पर मसूद की आपत्ति पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राहुल कोठारी ने निशाना साधा है. उन्होंने तत्काल ट्वीट करते हुए कहा है कि राजा भोज के नाम से अगर विधायक आरिफ मसूद को इतनी एलर्जी है तो कल से राजा भोज की देन बड़े तालाब का पानी पीना छोड़ दें और उसके किनारे अतिक्रमण किए हुए अपने कॉलेज को भी हटाएं. कोठारी ने भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर को कार्यक्रम में नहीं बुलाने का भी विरोध किया. उन्होंने कहा कि भोपाल में इस प्रोजेक्ट का काम पहले ही शुरू हो गया था. कांग्रेस सरकार जनता को धोखा दे रही है.