पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जारी गहमागहमी के बीच भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के जन सुराज पार्टी से चुनाव लड़ने की चर्चा तेज हो गई है। ज्योति सिंह प्रशांत किशोर से मिलने के लिए शुक्रवार को पटना के शेखपुरा हाउस पहुंची। सूत्रों के अनुसार, ज्योति सिंह पिछले कुछ दिनों से जनसुराज के संपर्क में हैं। हालांकि प्रशांत किशोर ने कहा है कि वह ज्योति सिंह को नहीं जानते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि राजनीति संभावनाओं का खेल है और इसमें कुछ भी हो सकता है। ज्योति सिंह के इस कदम के पीछे पवन सिंह के साथ चल रहे पारिवारिक विवाद को भी एक कारण माना जा रहा है।
हाल ही में पवन सिंह ने भाजपा में शामिल होकर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि ज्योति सिंह अपने पति पवन सिंह के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर सकती हैं। अगर ज्योति सिंह चुनाव में उतरती हैं, तो यह न केवल उनके व्यक्तिगत विवाद को सार्वजनिक मंच पर लाएगा, बल्कि पवन सिंह के राजनीतिक प्रभाव को भी चुनौती देगा। प्रशांत किशोर और ज्योति सिंह की यह मुलाकात अब बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना है।
उधर, मुलाकात से पहले प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि "मैं उनको (ज्योति सिंह को) नहीं जानता हूं। अभी मैं उनसे मिला भी नहीं हूं। मुझे नहीं पता कि उनके साथ क्या हुआ है। पवन सिंह के सामने चुनाव लड़वाने के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा कि किसी के व्यक्तिगत मामलों में मैं नहीं बोलता हूं। अगर वे मिलने आ रही हैं, तो मिल लेंगे। वे क्या कहना चाहती हैं, सुन लेंगे।
भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने की पीके से मुलाकात
भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने शुक्रवार को पटना स्थित शेखपुरा हाउस में जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका मकसद चुनाव लड़ना या टिकट मांगना नहीं है। ज्योति सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वह चाहती हैं कि उनके साथ जो हुआ, वह किसी और महिला के साथ न हो।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी मुलाकात का उद्देश्य चुनाव या टिकट की बात करना नहीं था। ज्योति सिंह ने कहा कि यहां पर मैं फिलहाल इसलिए आई थी कि जो मेरे साथ हो रहा है वो बहुत सारी महिलाओं के साथ हो रहा है... मैं बस इसलिए आई थी कि आए दिन जो महिलाओं के साथ हो रहा वो न हो। आज की तारीख में मेरे पास कुछ नहीं बचा है, लेकिन जो मेरे साथ हुआ वो किसी और महिला के साथ न हो।
जब उनसे आरा से चुनाव लड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और वहां से चली गईं। उधर, प्रशांत किशोर ने भी इस बात की पुष्टि की कि ज्योति सिंह से चुनाव या टिकट को लेकर कोई बात नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि क्या कोई टिकट के लिए अपना घर बर्बाद करेगा? ये कोई बात है? आपके घर की महिला आपकी बेटी-बहन टिकट के लिए झगड़ा करने लगेगी?
पीके ने स्पष्ट किया कि ज्योति सिंह का मसला चुनाव के समय शुरू नहीं हुआ है, बल्कि यह पिछले दो-तीन साल का है। उन्होंने कहा कि अगर ज्योति सिंह ने चुनाव लड़ने का मन बना लिया है तो यह उनका निजी निर्णय है, न कि जन सुराज का। पीके ने बताया कि वह खड़े होकर टिकट नहीं बांटते हैं, इसकी एक प्रक्रिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की कोई महिला आ सकती है, जिसको लगता है मेरे से मदद मिल सकती है... किसी भी महिला-पुरुष को लगता है कि हमारे पास आने से अपनी बात रखने से मदद मिल सकती है तो हम सुनने के लिए बैठे हैं। उन्होंने कहा कि ज्योति सिंह एक बिहारी महिला के रूप में मुझसे मिलीं।
उन्होंने चुनाव लड़ने की न तो बात की और न ही टिकट मांगा। वे एक गंभीर अन्याय का सामना कर रही हैं और चाहती हैं कि बिहार में किसी और महिला को ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े। पीके ने कहा कि जन सुराज उनकी सुरक्षा और लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए उनके साथ है, लेकिन पारिवारिक मामलों में पार्टी कोई भूमिका नहीं निभा सकती।
मैंने उन्हें स्पष्ट रूप से बताया कि उन्हें कानून के दायरे में रहकर अपनी लड़ाई लड़नी चाहिए। पीके ने यह भी स्पष्ट किया कि "पवन सिंह मेरे मित्र हैं और उनके पारिवारिक मामलों पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। लेकिन अगर ज्योति सिंह मुझसे मिलने आई हैं, तो एक सामाजिक ज़िम्मेदारी के तहत उनकी बात सुनना मेरा फर्ज़ बनता है।