भागवत का बयान: विपक्षी और मुस्लिम नेताओं ने बात पर अमल की पैरवी की, नकवी ने विपक्ष पर साधा निशाना

By भाषा | Published: July 5, 2021 10:15 PM2021-07-05T22:15:13+5:302021-07-05T22:15:13+5:30

Bhagwat's statement: Opposition and Muslim leaders advocated the implementation of the matter, Naqvi targeted the opposition | भागवत का बयान: विपक्षी और मुस्लिम नेताओं ने बात पर अमल की पैरवी की, नकवी ने विपक्ष पर साधा निशाना

भागवत का बयान: विपक्षी और मुस्लिम नेताओं ने बात पर अमल की पैरवी की, नकवी ने विपक्ष पर साधा निशाना

नयी दिल्ली, पांच जुलाई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की ओर से मुस्लिम समुदाय के संदर्भ में दिए ताजा बयान को लेकर विपक्ष और मुस्लिम समाज के कई नेताओं ने सोमवार को कहा कि संघ प्रमुख की बात का उसी स्थिति में महत्व होगा, जब उनकी कथनी के मुताबिक जमीन पर अमल भी दिखे।

दूसरी तरफ, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि संघ का हमेशा यही विचार रहा है, लेकिन पहले ‘गुमराही गैंग’ का दुष्प्रचार हावी था और अब संघ की सकारात्मक छवि बनती देख यह ‘गैंग’ बौखला गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि भागवत के बयान से समाज में जहां कहीं भी भ्रम की स्थिति होगी, वहां स्पष्टता का रास्ता साफ होगा। गौरतलब है कि भागवत ने रविवार को कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है और मुसलमानों को ‘‘डर के इस चक्र में’’ नहीं फंसना चाहिए कि भारत में इस्लाम खतरे में है। उन्होंने यह भी कहा था कि जो लोग मुसलमानों से देश छोड़ने को कहते हैं, वे खुद को हिन्दू नहीं कह सकते।

वह राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा यहां ‘हिन्दुस्तानी प्रथम, हिन्दुस्तान प्रथम’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा था कि लोगों में इस आधार पर अंतर नहीं किया जा सकता कि उनका पूजा करने का तरीका क्या है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भागवत की टिप्पणी को लेकर सोमवार को कहा कि अगर संघ प्रमुख अपने विचारों के प्रति ईमानदार हैं, तो उन्हें पहले उन लोगों को पद से हटाने का निर्देश देना चाहिए जिन्होंने मुसलमानों को ‘प्रताड़ित किया है।’

सिंह ने यह दावा भी किया कि भागवत ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि उनकी कथनी-करनी में अंतर है। सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘यदि आप अपने व्यक्त किए गए विचारों के प्रति ईमानदार हैं तो भाजपा में उन सभी नेताओं को उनके पदों से तत्काल हटाने का आदेश दें जिन्होंने निर्दोष मुसलमानों को प्रताड़ित किया है । शुरूआत नरेंद्र मोदी व योगी आदित्यनाथ से करें।’’

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने 'सभी भारतीयों का डीएनए एक होने' के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान को किसी के गले ना उतरने वाला करार देते हुए मंगलवार को कहा कि संघ और भाजपा की कथनी और करनी में अंतर जगजाहिर है।

मायावती ने एक बयान में कहा, "संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा कल गाजियाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत में सभी धर्मों के लोगों का डीएनए एक होने और हिंसा के हिंदुत्व के खिलाफ होने की जो बात कही गई है, वह किसी के भी गले से नहीं उतर रही है, क्योंकि संघ, भाजपा एंड कंपनी के लोगों तथा सरकार की कथनी और करनी में अंतर सभी देख रहे हैं।"

एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘‘ आरएसएस के भागवत ने कहा "लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी"। इन अपराधियों को गाय और भैंस में फ़र्क़ नहीं पता होगा लेकिन क़त्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक़, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे। यह नफ़रत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार का संरक्षण हासिल है।’’

भागवत के बयान पर नकवी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘संघ का जो विचार है और जो संघ की सोच है, वह हमेशा ऐसी ही रही है। उसकी सोच सद्भाव, भाईचारा और राष्ट्रवाद से भरपूर है, लेकिन पहले उनके विचार एक तरफ थे और उनके विरोधियों के दुष्प्रचार दूसरी तरफ थे। उनके विचारों पर विरोधियों के दुष्प्रचार हावी होते रहे। उसका प्रमुख कारण यह था कि संघ के लोगों ने प्रचार करने पर ध्यान नहीं दिया।’’

नकवी ने विरोधी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ पहले भी संघ के लोगों ने सेवा के माध्यम से समाज के तानेबाने को एकजुट करने के लिए बहुत काम किए है, लेकिन ‘भारत बैशिंग ब्रिगेड’ और ‘गुमराही गैंग’ ने न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया में संघ का हौवा खड़ा करके भाईचारे और सामाजिक तानेबाने को छिन्न-भिन्न करने का षड्यंत्र किया।’’

कुछ नेताओं ने भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या की घटनाओं पर रोकथाम के लिए कानून की मांग की। बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने कहा कि इस तरह की घटनाओं के खिलाफ कानून बनना चाहिए और उसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित होना चाहिए।

कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी ने भी कानून की मांग की। भागवत के बयान पर दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता से जुड़ा यह बयान स्वागतयोग्य है, लेकिन इस पर जमीन पर अमल भी होना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि मुसलमानों को निशाना बनाना बंद होना चाहिए। जो भी ऐसा कर रहा है, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।’’

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कमाल फारूकी ने भी कहा कि भागवत के बयान को उसी स्थिति में संजीदा माना जाएगा, जब इस पर जमीन पर अमल होगा।

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Web Title: Bhagwat's statement: Opposition and Muslim leaders advocated the implementation of the matter, Naqvi targeted the opposition

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