Bengaluru: दिल की बीमारी से जूझ रही एक सात साल की बच्ची की जान बचाने में बेंगलुरु पुलिस ने अपना योगदान दिया है। यहां की पुलिस द्वारा महज 13 मिनट में जीवित हृदय अस्पताल में पहुंचाया गया है। जिसके बाद मरीज की जान बचाई जा सकी है।
यहां बताते चले कि बेंगलुरु में सात साल की एक लड़की को डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी नामक एक प्रकार की हृदय की मांसपेशियों की बीमारी का पता चला, जिसके कारण हृदय कक्ष पतले और खिंचने लगते हैं, बड़े हो जाते हैं और दिल की विफलता बढ़ जाती है। इसी स्थिति से जूझ रही इस सात साल की बच्ची की बड़ी बहन की 2019 में मृत्यु हुई थी।
तेजी से बिगड़ रही थी मरीज की तबियत
दिल की बीमारी से जूझ रही इस बच्ची की तबियत लगातर खराब हो रही थी। मात्र 17 किलोग्राम वजनी, ओ नेगेटिव ब्लड ग्रुप वाली इस युवा मरीज को तत्काल रूप से नए दिल की जरूरत थी। यह लड़की हार्ट इजेक्शन फ्रैक्शन से 15 प्रतिशत की गंभीर गिरावट से पीड़ित थी। उसकी गंभीर हालत के कारण काफी प्रयास के बावजूद कोई उपयुक्त दानकर्ता नहीं मिल रहा था।
लेकिन किस्मत में कुछ अच्छा था और आखिरकार, एक 14 वर्षीय लड़का एक उपयुक्त दाता का दिल मैच कर गया। अब लड़के का दिल इस छोटी लड़की में प्रत्यारोपित किया जा रहा है।
13 मिनट 17 सेकंड में पहुंचाया गया जिंदा दिल
डोनर के हृदय को 14 किमी दूर बेंगलुरु के शेषाद्रिपुरम क्षेत्र से शहर के स्पर्श अस्पताल तक केवल 13 मिनट और 17 सेकंड में पहुंचाया गया। बेंगलुरु पुलिस ने रविवार को जीवित हृदय ले जाने वाली एम्बुलेंस के लिए सबसे तेज़ ग्रीन कॉरिडोर की सुविधा प्रदान की। यह उल्लेख करना उचित है कि महीनों की दवा और उपचार के बाद नवंबर 2022 में इस नन्ही बच्ची को आधिकारिक तौर पर हृदय प्रत्यारोपण के लिए योग्य घोषित किया गया था।