बेंगलुरु: घरेलू एयरलाइन गो फर्स्ट सोमवार को बेंगलुरु-दिल्ली उड़ान पर 50 से अधिक यात्रियों को सवार करना भूल गई थी, जिसके बाद अब नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयरलाइन से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि 55 में से 53 यात्रियों को दिल्ली के लिए दूसरी एयरलाइन में स्थानांतरित किया गया, जबकि शेष 2 ने रिफंड मांगा जो एयरलाइन द्वारा भुगतान किया गया था।
नियामक ने कहा कि वह मामले को देख रहा है, जबकि ट्विटर पर कई लोगों ने सबसे भयानक अनुभव के लिए एयरलाइन की आलोचना की है। डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि एक रिपोर्ट मांगी गई थी और 'उचित कार्रवाई' की जाएगी। रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि एयरलाइन को अपनी गलती का एहसास होने के बाद भूले हुए यात्रियों के लिए एक अलग उड़ान की व्यवस्था की गई।
कई यात्रियों ने सोमवार को सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि विमान में चढ़ने के लिए शटल बस में इंतजार करने के कारण उन्हें पीछे छोड़ दिया गया। एक यात्री सतीश कुमार ने ट्विटर पर लिखा, "उड़ान G8 116 (BLR-DEL) ने यात्रियों को छोड़कर उड़ान भरी! 1 बस में 50 से अधिक यात्रियों को छोड़ दिया गया और केवल 1 बस के यात्रियों के साथ उड़ान भरी। गो फर्स्ट एयरवेज नींद में है? कोई बुनियादी जांच नहीं!"
वहीं, एक अन्य यात्री ने ट्वीट करते हुए लिखा, "गो फर्स्ट एयरवेज के साथ सबसे भयानक अनुभव सुबह 5:35 बजे। सुबह 6:30 बजे विमान के लिए बस में चढ़ा। फिर भी 50 से अधिक सवारियों से भरी बस में चालक ने मजबूर होकर बस रोक दी। फ्लाइट G8 116 ने 50 यात्रियों को छोड़कर उड़ान भरी। लापरवाही की पराकाष्ठा!"