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यहां इस नई पार्टी ने बढ़ाई कांग्रेस और बीजेपी की धड़कनें, दोनों दलों का बिगाड़ेगी समीकरण!

By रामदीप मिश्रा | Updated: April 25, 2019 07:43 IST

पिछले लोकसभा चुनाव के आंकड़े देखें तो बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर वोटरों की संख्या 16 लाख, 98 हजार, 175 थी, जिसमें से 11 लाख, 68 हजार, 742 लोगों ने मतदान किया था और 68. 82 फीसदी मतदान हुआ था।

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ठळक मुद्देसाल 2017 में गुजरात के विधानसभा चुनावों से पहले बीटीपी अस्तित्व में आई थी। इस पार्टी ने विधानसभा चुनाव में दो सीटों पर कब्जा जमाया था।बीटीपी बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा ताकतवर दिखाई दे रही है। बीटीपी बीजेपी और कांग्रेस पर आदिवासियों को उनके संवैधानिक सुविधाओं से वंचित रखने का आरोप लगा रही है।

लोकसभा चुनाव के लिए राजस्थान में चुनाव प्रचार जोरों पर है और यहां पहले चरण की वोटिंग 29 अप्रैल को करवाई जाएगी। प्रदेश में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के बीच में है लेकिन इस बार एक नई पार्टी आदिवासी बहुल्य क्षेत्र में इन दोनों दलों का समीकरण बिगाड़ सकती है। इस पार्टी के आने से बीजेपी-कांग्रेस की धड़कनें बढ़ गई हैं। 

विधानसभा चुनाव में जीती दो सीट

दरअसल, हम बात भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) की कर रहे हैं। साल 2017 में गुजरात के विधानसभा चुनावों से पहले बीटीपी अस्तित्व में आई थी। इस पार्टी ने विधानसभा चुनाव में दो सीटों पर कब्जा जमाया था। बीते साल दिसंबर में हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव में राज्य की 200 सीटों में से बीटीपी ने सागवाड़ा और चौरासी विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की थी।

बांसवाड़ा सीट पर फंसा पेच

बीटीपी बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा ताकतवर दिखाई दे रही है। यहां पार्टी ने कांतिलाल रोट पर भरोसा जताया है, जबकि कांग्रेस ने ताराचंद भगोरा और बीजेपी ने कनकमल कटारा को मैदान में उतारा है। सबसे बड़ी बात यह है कि राजस्थान के इस क्षेत्र करीब अस्सी फीसदी मतदाता आदिवासी हैं और बीटीपी इन्हीं मतदाताओं को भरोसे चुनाव लड़ रही है। यही वजह है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों में खलबली मची हुई है। 

बीटीपी की यह है मांग

बीटीपी बीजेपी और कांग्रेस पर आदिवासियों को उनके संवैधानिक सुविधाओं से वंचित रखने का आरोप लगा रही है। पार्टी का कहना है कि दोनों ही पार्टियों ने वादाखिलाफी की और आदिवासियों को अंधेरे में रखा। साथ ही साथ बीटीपी की मांग है कि अलग भील प्रदेश बनाया जाए। यह प्रदेश राजस्थान के मेवाड़ और इससे सटे गुजरात व मध्य प्रदेश के आदिवासी इलाकों को मिलाकर बनाने की बात पार्टी कर रही है। इससे साफ-साफ जाहिर हो रहा है कि बीटीपी आदिवासियों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए भरसक प्रियास कर रही है। 

पिछले चुनाव के बांसवाड़ा सीट के आंकड़े

पिछले लोकसभा चुनाव के आंकड़े देखें तो बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर वोटरों की संख्या 16 लाख, 98 हजार, 175 थी, जिसमें से 11 लाख, 68 हजार, 742 लोगों ने मतदान किया था और 68. 82 फीसदी मतदान हुआ था। बीजेपी के उम्मीदवार मानशंकर निनामा के खाते में 5 लाख, 77 हजार, 433 वोट गए थे, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार रेशम मालवीय को 4 लाख, 85 हजार, 517 वोट मिले थे। हालांकि, उनकी हार 91 हजार, 916 वोटों के अंतर से हुई थी।

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