नयी दिल्ली, 18 मार्च उच्चतम न्यायालय ने भूमि विवाद के एक मामले में एक मेजर जनरल और एक रक्षा संपदा अधिकारी को दो महीने की कैद की सजा सुनाने वाली सिकंदराबाद की एक दीवानी अदालत के आदेश के क्रियान्वयन पर बृहस्पतिवार को रोक लगा दी।
निचली अदालत ने भूमि विवाद में कार्यवाही की तामील करने में अदालती आदेश का उल्लंघन करने को लेकर दोनों सैन्य अधिकारियों को दो महीने की कैद की सजा सुनाई थी।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र की याचिका पर एक नोटिस जारी किया। दरअसल, उच्च न्यायालय ने आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन भी शामिल हैं।
शीर्ष न्यायालय ने कहा, ‘‘नोटिस जारी किया जाए। इस बीच, नगर दीवानी अदालत, सिकंदराबाद द्वारा 27 जनवरी 2021 को जारी आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाई जाए। ’’
केंद्र की ओर पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने इस मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने की जरूरत बताई और कहा कि आदेश पर रोक लगाये जाने की जरूरत है।
गौरतलब है कि आनंद बाला नाम के व्यक्ति ने दीवानी अदालत में एक अर्जी दायर कर आरोप लगाया था कि सेना के क्वार्टर के नजदीक स्थित उनकी छह एकड़ जमीन पर उन्हें नहीं जाने दिया जा रहा है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।