बालासोर ट्रेन हादसा: अब भी नहीं हो पाई है 41 शवों की पहचान, एम्स भुवनेश्वर में DNA नमूनों से किया जा रहा है मिलान
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 22, 2023 09:16 PM2023-07-22T21:16:02+5:302023-07-22T21:17:29+5:30
ये दुर्घटना तब हुई थी जब शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841) एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई और उसके डिब्बे बगल की पटरी पर गिर गए और विपरीत दिशा से आ रही बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट से टकरा गए।
नई दिल्ली: ओडिशा के बालासोर जिले में भयानक रेल हादसा 2 जून 2023 को हुआ था। इस हादसे में जान गंवाने वाले 41 शवों की पहचान अभी तक नहीं की जा सकी है। ये शव अब भी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भुवनेश्वर में अपनों की बाट जोह रहे हैं।
एम्स भुवनेश्वर, ओडिशा के निदेशक डॉ. (प्रोफेसर) आशुतोष विश्वास ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, "हमारे पास 41 लावारिस शव हैं। लोग हमारे पास आ रहे हैं और हम डीएनए नमूनों के मिलान के बाद शव सौंप रहे हैं।"
उन्होंने बताया कि शवों को सौंपने की प्रक्रिया चल रही है और अन्य शवों के रिश्तेदार/दावेदार शव लेने आ रहे हैं। आशुतोष विश्वास ने बताया कि शवों को सौंपने की प्रक्रिया दावेदारों के आने तक जारी रहेगी।
बता दें कि ओडिशा के बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना ने पूरे देश को हिला दिया था। इस हादसे में अब तक 292 लोगों की जान जा चुकी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस भयानक रेल हादसे की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश भी की थी जो जारी है।
बालासोर ट्रेन दुर्घटना की जांच कर रहे रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे। सिग्नलिंग और दूरसंचार विभाग (एसएंडटी) की खामियों की ओर इशारा किया गया है।
सीबीआई को भी इस हादसे के पीछे मानवीय चूक का निशान मिला था। सीबीआई को इस हादसे के पीछे इंसानी साजिश का अंदेशा भी है। सामने आया है कि दुर्घटना सिग्नलिंग सिस्टम से छेड़छाड़ के कारण हुई।
ये दुर्घटना तब हुई थी जब शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841) एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई और उसके डिब्बे बगल की पटरी पर गिर गए और विपरीत दिशा से आ रही बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट से टकरा गए। संसद के मानसून सत्र में इस हादसे के जानकारी देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक लिखित जवाब में कहा कि दुर्घटना सिग्नलिंग-सर्किट में बदलाव में खामियों के कारण हुई थी। लेवल-क्रॉसिंग गेट के लिए इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर के रिप्लेसमेंट से संबंधित सिग्नलिंग कार्य के निष्पादन के दौरान हुई थी।