बाबरी फैसला: दिल्ली सहित पूरे देश में कड़ी निगरानी, लखनऊ और अयोध्या सहित कई शहर में हाई अलर्ट
By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 30, 2020 13:38 IST2020-09-30T13:38:23+5:302020-09-30T13:38:52+5:30
लखनऊ से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी जिला पुलिस प्रमुखों को फैसले के बाद उत्पन्न होने वाली किसी भी प्रकार की कानून-व्यवस्था की स्थिति का सामना करने के लिए बल सतर्क और सतर्क मोड में रखने के लिए कहा गया है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा,‘‘ हम शहर भर में सुरक्षा की दृष्टि से नजर बनाए हुए हैं।’’ (file [photo)
नई दिल्लीः अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए पर फैसला आ गया है। देश के कई शहर में सुरक्षा मजबूत कर दी गई है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यूपी पुलिस ने फैसले के मद्देनजर बुधवार को लखनऊ में विशेष सीबीआई अदालत (अयोध्या मामले) द्वारा दिया जाने वाला बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फैसले के मद्देनजर राज्य भर में हाई अलर्ट जारी किया है।
लखनऊ से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी जिला पुलिस प्रमुखों को फैसले के बाद उत्पन्न होने वाली किसी भी प्रकार की कानून-व्यवस्था की स्थिति का सामना करने के लिए बल सतर्क और सतर्क मोड में रखने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि लखनऊ और अयोध्या सहित अन्य संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल आरक्षित रखा गया है।
घटनाक्रम से अवगत पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे लखनऊ के साथ-साथ अयोध्या में भी लोगों की आवाजाही पर निगरानी रखें और फैसले से पहले और बाद में सभा की अनुमति न दें। उन्होंने कहा, "लखनऊ में सिविल पुलिस के साथ-साथ सीआरपीएफ के जवान भी हाई कोर्ट कैंपस के बाहर तैनात हैं।"
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बुधवार को फैसले के मद्देनजर वह राष्ट्रीय राजधानी में कड़ी निगरानी
दिल्ली पुलिस ने कहा कि बहुचर्चित बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बुधवार को फैसले के मद्देनजर वह राष्ट्रीय राजधानी में कड़ी निगरानी रख रही है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा,‘‘ हम शहर भर में सुरक्षा की दृष्टि से नजर बनाए हुए हैं।’’
गौरतलब है कि अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया। मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती समेत 32 लोगों को आरोपी बनाया गया था।
बाबरी फैसला : कड़े सुरक्षा घेरे में लिया गया अदालत परिसर
अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने से पहले अदालत परिसर को त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में ले लिया गया। उच्च न्यायालय के कैसरबाग स्थित पुराने परिसर में विशेष सीबीआई अदालत के आसपास ज्यादातर चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई और कैसरबाग बस अड्डे की तरफ जाने वाली बसों का रास्ता भी बदला गया। अदालत परिसर की ओर जाने वाली सड़कों पर भी यातायात को बेहद नियंत्रित रखा गया है।
मामले के अभियुक्तों ने अदालत परिसर में पहुंचना शुरू किया तो मुस्तैद पुलिस कर्मियों ने उनकी समुचित जांच करने के बाद ही उन्हें दाखिल होने दिया। अभियुक्तों के समर्थकों को बैरिकेडिंग के दूसरी ओर ही रोक लिया गया। मीडिया को भी उच्च न्यायालय परिसर में जाने की इजाजत नहीं दी गई।
आसपास की ज्यादातर दुकानें बंद रहीं। लखनऊ के पुलिस आयुक्त सुजीत पांडे ने भी मौके पर पहुंच कर सुरक्षा बंदोबस्त का जायजा लिया। पुलिसकर्मी जन संबोधन प्रणाली के जरिए मीडिया कर्मियों को बैरिकेड के पीछे रहने की हिदायत देते रहे।
अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में विशेष सीबीआई अदालत बुधवार को फैसला सुनाने जा रही है। मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती समेत 32 अभियुक्त हैं।