Azam Khan Interview: राजनीतिक सफर सपा के साथ जारी, अखिलेश के साथ थे और आगे भी रहेंगे, जेल से निकलने के बाद आजम खान ने लोकमत हिन्दी से की बातचीत

By राजेंद्र कुमार | Updated: October 7, 2025 15:39 IST2025-10-07T15:37:10+5:302025-10-07T15:39:28+5:30

Azam Khan Interview: भाई जो शख्स ऐसी बातें कर रहे हैं, आप उनसे यह सवाल पूछें. हमने तो कभी भी अखिलेश को लेकर कोई खटास भरी बात कभी कही ही नहीं. फिर हमसे इस बारे में सफाई क्यों मांगी जा रही है.

Azam Khan Interview Political journey continues SP Akhilesh remain future too Khan spoke Lokmat Hindi after coming out of jail | Azam Khan Interview: राजनीतिक सफर सपा के साथ जारी, अखिलेश के साथ थे और आगे भी रहेंगे, जेल से निकलने के बाद आजम खान ने लोकमत हिन्दी से की बातचीत

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HighlightsAzam Khan Interview: खिलेश के वालिद से मेरा प्यार और मोहब्बत का रिश्ता रहा है.Azam Khan Interview: अखिलेश के साथ थे, और आगे भी साथ रहेंगे.Azam Khan Interview: परिवार में हुई चर्चा को कोई बाहर नहीं बताता. 

रामपुरः उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में जेल रोड के नजदीक समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री आजम खान के मोहल्ले में रौनक है. इसकी वजह है, सपा मुखिया अखिलेश यादव का बुधवार को आजम खान से मिलने के लिए उनके घर आना. इस कारण से ना सिर्फ आजम खान के घर पर अखिलेश यादव के स्वागत की तैयारी ही जा रही है. ऐसे माहौल में आजम खान ने साथ बीते आठ वर्षों में उनके साथ घटित तमाम राजनीतिक घटनाओं को लेकर लोकमत के साथ चर्चा की. जेल में बिताए समय और अखिलेश यादव के साथ उनके रिश्तों को लेकर लगाई जा अटकलों को लेकर भी आजम खान ने बेबाकी से बात खुलकर कहीं. और यह दावा किया कि उनका राजनीतिक सफर सपा के साथ जारी रहेगा. वह अखिलेश के साथ थे, और आगे भी साथ रहेंगे.

देश और उत्तर प्रदेश की राजनीतिक को लेकर आजम खान से हुई बातचीत के कुछ अंश:

> अखिलेश यादव आपसे मिलने का रहे हैं. आप दोनों में क्या बातचीत होगी? 

अभी यह बता पाना तो मेरे लिए संभव की हम दोनों में क्या बात होगी. हमारा और अखिलेश का रिश्ता राजनीतिक ही नहीं पारिवारिक भी है. अखिलेश हमसे मिलने के लिए कभी भी बिना सूचना दिए आ सकते हैं. यह उनका अधिकार है. अखिलेश के वालिद से मेरा प्यार और मोहब्बत का रिश्ता रहा है.

अखिलेश से भी मेरे रिश्ते में कोई कमी नहीं है. वह बेहद ज़हीन हैं और मैं उनका हमेशा ही भला चाहता हूं. उन्हे भी मेरी फिक्र है. पिछली बार जेल में भी वे उनसे मिलने आए थे. अब हम कल आपस में क्या बता करेगे? इसका खुलासा करना मैं जरूरी नहीं समझता. परिवार में हुई चर्चा को कोई बाहर नहीं बताता. 

फिर ऐसे अखिलेश यादव से अपने रिश्ते में खटास की बात क्यों हो रही है?

भाई जो शख्स ऐसी बातें कर रहे हैं, आप उनसे यह सवाल पूछें. हमने तो कभी भी अखिलेश को लेकर कोई खटास भरी बात कभी कही ही नहीं. फिर हमसे इस बारे में सफाई क्यों मांगी जा रही है. यह क्यों पूछा जा रहा है कि हम आपस में मिलेंगे तो क्या बात करेंगे. अरे भाई सरकार ही मेहरबानी से मैं लंबे समय तक जेल में रहकर बाहर आया हूं तो अपने लोग मेरी खैरियत को जानने के लिए हमारे घर आएंगे ही.

ऐसे में अखिलेश के मेरे घर आने को लेकर क्यों सवाल खड़े किए जा रहे है. जो लोग ऐसे सवाल खड़े कर रहे हैं, वह लोग यह जान ले, मैं अखिलेश के साथ था, साथ हूं और साथ रहूंगा. पार्टी के मामलों में मैं उनको सलाह देता रहा हूं और देता रहूंगा. मैं उनका भला चाहता हूं और चाहता रहूंगा. 

> कांग्रेस के साथ अखिलेश यादव द्वारा किए गए गठबंधन पर आपका क्या कहना है?

कांग्रेस के साथ किया गया गठबंधन एक सही फैसला है. इसे और मजबूत किया जाना चाहिए. पुराने मसलों को भूल कर गठबंधन की मजबूती के लिए जुटाना चाहिए, मुल्क की बेहतरी के लिए यह जरूरी है. गठबंधन में शिकवे-शिकायतों पर ध्यान देने के बजाए मिलकर काम करने की जरूरत है.

अपनी सदस्यता खत्म होने के मामले में आपने राहुल गांधी का उल्लेख क्यों किया?

भाई और क्या करता? मेरी सदस्यता खत्म किए जाने को लेकर यह कहा गया था कि हेट स्पीच दी थी. इस कारण मेरे सदस्यता चंद घंटे में ही चली गई. मेरा वोट का अधिकार खत्म हुआ और अगले साठे घंटे के अंदर नए इलेक्शन का अनाउंसमेंट हो गया. जबकि राहुल गांधी के साथ हेट स्पीच के मामले में ऐसी तेजी नहीं दिखाई गई.

हेट स्पीच के मामले में जो धाराएं हम पर लगी उससे एक दो ज्यादा धाराएं राहुल गांधी पर भी लगीं, लेकिन मेरी सदस्यता कुछ घंटों में खत्म कर दी गई, जबकि चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. इसलिए मैंने हेड स्पीच के मामले में यह कहा कि मेरे साथ जो व्यवहार किया गया, वह राहुल गांधी के साथ नहीं हुआ. यह तो सच्चाई है. इसका ही जिक्र मैंने किया. 

>जेल में बिताए गए समय को लेकर क्या कहना

जेल तो मैं इमरजेंसी में भी गया था. तब सरकार ने हम पर और हमारे लोगों पर मुकदमे नहीं लादे थे. इमरजेंसी से लेकर अब तक 47 वर्षों में जो परिवर्तन समाज में आया है, उसके चलते वर्ष 2017 के बाद से अब तक हम पर 114 मुकदमे लाद दिए गए हैं. मैं अब 114 मुकदमों का मुजरिम हूं. मेरे परिवार पर करीब 400 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. मेरी पत्नी पर, बेटे के खिलाफ केस दर्ज किए गए. यह सब तब किया गया जबकि में दस बार विधायक रहा, सांसद रहा और राज्यसभा का सदस्य रहा.

मेरे पत्नी भी राज्यसभा की सदस्य रही और बेटा भी विधायक रहा. सबके सब इसी सरकार में जेल गए. ऐसा राजनीतिक परिवार देश में हमारा ही है. रही बात जेल में बिताए समय की तो जेल में रहना कष्ट भरा ही होता है. मेरे साथ जेल में जो व्यवहार हुआ, उसके लिए किसी से उन्हे कोई शिकवा नहीं है.

>अपने राजनीतिक सफर को कैसे आगे बढ़ाएंगे?

अभी तक पहले मैं अपने स्वास्थ्य की फिक्र कर रहा हूं. राजनीति में हूं और राजनीति करूंगा. चुनाव मैदान में उतरूँगा या नहीं अभी इस बारे में सोचा नहीं हैं. अब तक पार्टी के निर्णय का सम्मान किया आगे भी करूंगा. पार्टी का फैसला सर्वोपरि रहा है. इस मामले में अभी इससे ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा,

लेकिन राजनीति के साथ जौहर विश्वविद्यालय के मसले को जनता के बीच जरूर ले जाऊंगा. रामपुर को दी गई अपनी इस सौगात को अब पूरे देश में बताने का कार्य करूंगा. लोगों को बताऊंगा कि रामपुर की शहर की पहचान को जौहर विश्वविद्यालय का निर्माण कर उन्हें बदलने का कार्य किया है. फिर भी उन पर साथ इस सरकार ने आठ वर्षों में 114 मुकदमे लाद कर उन्हें रोकने का कार्य किया है.

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