लखनऊ, 15 नवंबर समाजवादी पार्टी (सपा) की अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में उत्तर प्रदेश जल निगम में 1300 पदों पर हुई नियुक्तियों में गड़बड़ी के आरोपी पूर्व मंत्री तथा रामपुर के सांसद आजम खान को सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत में पेश किया गया।
आजम खान को आरोपपत्र की प्रति सौंपी गई ताकि मामले की सुनवाई शुरू हो सके। खान वर्तमान में सीतापुर जेल में बंद हैं, जहां से उन्हें अदालत के आदेश पर लखनऊ लाया गया था।
सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश मनोज पांडेय ने मामले में अगली तारीख 29 नवंबर तय की।
इस मामले में 25 अप्रैल, 2018 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जांच के बाद, विशेष जांच दल (एसआईटी) ने खान और कुछ अन्य आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दायर किया था। एसआईटी अभी भी कुछ अन्य आरोपियों के खिलाफ मामले की जांच कर रही है। अदालत ने आजम खान और कुछ अन्य आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 201 (अपराध के साक्ष्यों को मिटाना), 204 (साक्ष्य के रूप में पेश किये गये इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों को नष्ट करना), 420 (धोखाधड़ी) 467 (दस्तावेजों की हेराफेरी) 468 (फर्जी दस्तावेजों का छल सहित प्रयोग), 471 (बेईमानी से जाली दस्तावेज को असली के रूप में इस्तेमाल करना) और भ्रष्टाचार निषेध अधिनियम की धारा 13 के तहत दर्ज मामले का संज्ञान लिया था। अदालत ने इसी के तहत आरोपी को समन जारी किया था।
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