Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha: आज शुभ मुहूर्त पर होगी राम लला की प्राण प्रतिष्ठा, जानें भव्य कार्यक्रम का पूरा शेड्यूल

By अंजली चौहान | Published: January 22, 2024 07:00 AM2024-01-22T07:00:26+5:302024-01-22T07:00:26+5:30

22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. इस कार्यक्रम में 7,500 से अधिक प्रतिष्ठित अतिथि शामिल होंगे।

Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha Ram Lala's life will be consecrated today at an auspicious time, know the complete schedule of the grand program | Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha: आज शुभ मुहूर्त पर होगी राम लला की प्राण प्रतिष्ठा, जानें भव्य कार्यक्रम का पूरा शेड्यूल

Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha: आज शुभ मुहूर्त पर होगी राम लला की प्राण प्रतिष्ठा, जानें भव्य कार्यक्रम का पूरा शेड्यूल

Highlights22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह होगाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे राम लला का अभिषेक दोपहर 12:15 बजे से 12:45 बजे के बीच होने वाला है

Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में आज राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई बड़ी हस्तियां कार्यक्रम का हिस्सा बनने जा रही हैं। उत्तर प्रदेश प्रशासन ने इस कार्यक्रम को लेकर कड़ी तैयारी की है। जो लोग राम मंदिर आज नहीं जा सकते उनके लिए लाइव प्रसारण की खास व्यवस्था की गई है। इस बीच, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कार्यक्रम का पूरा शेड्यूल शेयर किया है जिसमें कार्यक्रम की पूरी जानकारी दी गई है।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त 

रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा योग का शुभ मुहूर्त, पौष शुक्ल कूर्म द्वादशी, विक्रम संवत 2080, यानी सोमवार, 22 जनवरी, 2024 को है। इस शुभ कार्यक्रम के दौरान, मंदिर के भीतर राम लला का अभिषेक दोपहर 12:15 बजे से 12:45 बजे के बीच होने वाला है।

अधिवास प्रक्रिया एवं आचार्य

सामान्यत: प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में सात अधिवास होते हैं और न्यूनतम तीन अधिवास अभ्यास में होते हैं। समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य होंगे। श्री गणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे और काशी के श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे।

प्राण प्रतिष्ठा भारत के आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूजनीय सरसंघचालक श्री मोहन भागवत जी, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी, उत्तर प्रदेश के आदरणीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में होगी।

भारतीय आध्यात्मिकता, धर्म, संप्रदाय, पूजा पद्धति, परंपरा के सभी विद्यालयों के आचार्य, 150 से अधिक परंपराओं के संत, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत, नागा सहित 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तातवासी, द्वीपवासी आदिवासी परंपराओं के प्रमुख व्यक्तियों की कार्यक्रम में उपस्थिति रहेगी, जो श्री राम मंदिर परिसर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दर्शन हेतु पधारेंगे।

दर्शन का समय 

गर्भ-गृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पूर्ण होने के बाद, सभी साक्षी महानुभावों को दर्शन कराया जाएगा। वहीं, मंदिर दर्शन, या भक्तों के लिए दिव्य उपस्थिति पाने का अवसर, सुबह 7 बजे से 11:30 बजे तक उपलब्ध है। इसके अलावा, मंदिर दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक एक बार फिर दर्शन के लिए अपने दरवाजे खोलता है। यह विस्तारित समय-सीमा उपासकों को आध्यात्मिक चिंतन में संलग्न होने और पूरे दिन विभिन्न बिंदुओं पर पवित्र वातावरण से जुड़ने की अनुमति देती है, जिससे सुबह और दोपहर के सत्र के दौरान दिव्य अनुभव चाहने वालों के लिए पहुंच सुनिश्चित होती है।

आरती का समय

तीन दैनिक आरती समारोह क्रमशः सुबह 6:30 बजे, दोपहर 12:00 बजे और शाम 7:30 बजे निर्धारित किए जाते हैं। आरती समारोहों में भाग लेने के लिए निम्नलिखित अनुसूची के साथ पास की आवश्यकता होती है:

सुबह 6:30 बजे: श्रृंगार/जागरण आरती

दोपहर 12:00 बजे: भोग आरती

शाम 7:30 बजे: संध्या आरती

भक्तों को प्रदान की गई सूची से अपनी पसंदीदा आरती का चयन करने की सुविधा दी गई है जिससे वह अपने सुविधानुसार इसमें हिस्सा ले सकते हैं। 

बता दें कि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए हर जगह उत्साह का भाव है। इसे अयोध्या समेत पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाने का संकल्प किया गया है। समारोह के पूर्व विभिन्न राज्यों के लोग लगातार जल, मिट्टी, सोना, चांदी, मणियां, कपड़े, आभूषण, विशाल घंटे, ढोल, सुगंध इत्यादि के साथ आए हैं।

उनमें से सबसे उल्लेखनीय थे माँ जानकी के मायके द्वारा भेजे गए भार (एक बेटी के घर स्थापना के समय भेजे जाने वाले उपहार) जो जनकपुर (नेपाल) और सीतामढ़ी (बिहार) के ननिहाल से अयोध्या लाए गए। रायपुर, दंडकारण्य क्षेत्र स्थित प्रभु के ननिहाल से भी विभिन्न प्रकार के आभूषणों आदि के उपहार भेजे गए हैं।

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