अयोध्या मामले के SC के फैसले पर मुस्लिम पक्षों ने जताई सहमति, RSS गदगद

By भाषा | Updated: September 28, 2018 02:41 IST2018-09-28T02:41:34+5:302018-09-28T02:41:34+5:30

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में शामिल मुस्लिम पक्षों ने गुरुवार को आए उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह ‘‘उनके पक्ष में है’’।

Ayodhya case: Muslim parties welcome SC verdict RSS | अयोध्या मामले के SC के फैसले पर मुस्लिम पक्षों ने जताई सहमति, RSS गदगद

अयोध्या मामले के SC के फैसले पर मुस्लिम पक्षों ने जताई सहमति, RSS गदगद

अयोध्या, 27 सितंबर: राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में शामिल मुस्लिम पक्षों ने गुरुवार को आए उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह ‘‘उनके पक्ष में है’’। फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए मामले के एक वादी मौलाना महफुजुर रहमान के प्रतिनिधि खालिद अहमद खान ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय में भूमि विवाद मामले में सुनवाई के दौरान विरोधी पक्ष ने हमेशा 1994 के फैसले का हवाला दिया। 

जिसके अनुसार मस्जिद इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है। अब न्यायालय ने साफ कर दिया कि 1994 में आया फैसला भूमि अधिग्रहण से जुड़ा हुआ है और उसका भूमि के मालिकाना हक के मामले से कोई लेना देना नहीं है। हमारा लक्ष्य पूरा हुआ क्योंकि उच्चतम न्यायालय केवल मालिकाना हक के मामले पर ही सुनवाई करेगा।’’

सुन्नी केन्द्रीय वक्फ बोर्ड के दूसरे वादी इकबाल अंसारी ने फैसले का स्वागत करते हुए, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने साफ कर दिया कि मामले पर सुनवाई गुण दोष के आधार पर होगी, भूमि के मालिकाना हक के दावे के आधार पर होगी न:न कि धार्मिक आस्थाओं के आधार पर जैसा कि उच्च न्यायालय ने किया।’’

उन्होंने कहा कि वे ‘‘भू राजस्व के रिकार्ड के आधार पर ही बाबरी भूमि मामला लड़ रहे हैं और उनका दावा है कि इस बात के कोई ऐतिहासिक तथ्य मौजूद नहीं है कि कोई मंदिर ढहाया गया और वहां बाबरी मस्जिद बनायी गयी।’’

उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या भूमि विवाद की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत के 1994 के एक फैसले में की गयी टिप्पणी से जुड़़ा सवाल पांच सदस्यीय संविधान पीठ को सौंपने से गुरूवार को इंकार कर दिया।  उच्चतम न्यायालय ने 1994 के फैसले में टिप्पणी की थी कि मस्जिद इस्लाम का अंग नहीं है।

शीर्ष अदालत ने 2:1 के बहुमत से अपने फैसले में कहा कि अयोध्या में रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में दीवानी वाद का निर्णय साक्ष्यों के आधार पर होगा और 1994 का निर्णय इस मामले में प्रासंगिक नहीं है। एक दूसरे वादी हाजी महबूब ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय का फैसला हमारे पक्ष में है।’’

उन्होंने इस दावे कि मुस्लिम कहीं भी नमाज अदा कर सकते हैं, को लेकर कहा, ‘‘हम कहीं भी नमाज अदा कर सकते हैं और इसका मतलब यह नहीं है कि मस्जिद इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है क्योंकि यह बात कुरान से साबित हो चुकी है कि मस्जिद बेहद जरूरी है।’’

Web Title: Ayodhya case: Muslim parties welcome SC verdict RSS

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