अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने निचली अदालतों में रिक्तियां भरने पर जोर दिया
By भाषा | Updated: November 26, 2020 22:11 IST2020-11-26T22:11:48+5:302020-11-26T22:11:48+5:30

अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने निचली अदालतों में रिक्तियां भरने पर जोर दिया
नयी दिल्ली, 26 नवंबर अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने निचली अदालतों में रिक्तियों को भरने और लंबित मामलों की समस्या के समाधान पर जोर देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि न्यायपालिका ‘सबके आंसू पोंछ’ सके, इसके लिए सबको मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है।
वेणुगोपाल ने कहा कि राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के अनुसार, देश की विभिन्न अदालतों में करीब 3.61 करोड़ मुकदमे लंबित हैं और सबसे दुख की बात तो यह है कि करीब 4.29 लाख मुकदमे 30 साल से भी ज्यादा समय से लंबित हैं।
न्यायाधीशों के पद की स्वीकृत संख्या में भी वृद्धि करने पर जोर देते हुए देश के शीर्ष विधि अधिकारी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह राज्य सरकारों को तुरंत इस समस्या पर विचार करना चाहिए और केन्द्र सरकार को भी यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि राज्य सरकारें निचली अदालतों में रिक्तियों को भरें।’’
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित संविधान दिवस कार्य्रकम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए वेणुगोपाल ने त्वरित, सही और निष्पक्ष न्याय के महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि न्यायपालिका, सरकारों (केन्द्र और राज्य), बार के सदस्यों को भी अपनी-अपनी ओर से प्रयास करते हुए इस समस्या का समाधान करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो जनता को लगेगा कि न्याय प्रणाली धीरे-धीरे ध्वस्त हो रही है।’’ उन्होंने कहा कि संविधान का सर्वोच्च लक्ष्य सभी को न्याय देना है।
वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘देरी के कारण होने वाला अन्याय हर जगह न्यायपालिका के लिये जोखिम होगा, ऐसा ही मार्टिन लूथर किंग ने कहा था।
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