बलिया में स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हमला, आरोपियों पर रासुका लगाने पर विचार
By भाषा | Updated: April 19, 2021 20:01 IST2021-04-19T20:01:47+5:302021-04-19T20:01:47+5:30

बलिया में स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हमला, आरोपियों पर रासुका लगाने पर विचार
बलिया (उप्र) 19 अप्रैल बलिया जिले के बैरिया थाना क्षेत्र के पासवान चौक गांव में रविवार को एक कोविड संक्रमित व्यक्ति को दवा देने व पृथक-वास की स्थिति का जायजा लेने गई स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हमला किया गया, जिसमें दो चिकित्सक सहित चार स्वास्थ्य कर्मी घायल हो गए।
पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और प्रशासन आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई पर विचार कर रहा है।
बलिया के अपर पुलिस अधीक्षक संजय यादव ने सोमवार को बताया कि जिले के बैरिया थाना क्षेत्र के पासवान चौक गांव में घनश्याम नामक व्यक्ति कोविड संक्रमित है। स्वास्थ्य विभाग की टीम रविवार को पासवान चौक गांव गयी थी।
चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नीरज कुमार सिंह द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग की टीम जब गांव पहुंची तो गांव की महिलाओं, बच्चों समेत करीब 60 लोगों ने सरकारी वाहन को घेर लिया और टीम पर हमला कर दिया।
यादव ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम किसी तरह से जान बचाकर मौके से भागने में सफल हुई। इस हमले में चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नीरज कुमार सिंह और डॉक्टर अमित कुमार गौतम, प्रयोगशाला सहायक उपेंद्र प्रसाद और वाहन चालक लाल बहादुर यादव घायल हो गए।
यादव ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों की शिकायत पर सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कर रविवार को जितेंद्र नामक आरोपी तथा सोमवार को उपेंद्र नामक एक अन्य आरोपी को सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार कर लिया गया।
जिलाधिकारी अदिति सिंह ने सोमवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि आरोपियों के विरुद्ध रासुका के तहत कार्रवाई करने पर विचार किया जायेगा।
उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हमला करने वाले कतई बख्शे नहीं जाएंगे।
सूत्रों ने बताया कि हमले में घायल डाक्टर नीरज कुमार सिंह को चिकित्सकों ने वाराणसी रेफर कर दिया है।
इस बीच, स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हमले के विरोध में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कोटवा के चिकित्सकों और कर्मचारियों ने सोमवार को कार्य बहिष्कार किया।
बैरिया थाना प्रभारी राजीव मिश्र ने बताया कि गांव पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कोविड-19 की जांच करने की बात कही और इसी को लेकर ग्रामीणों से विवाद शुरू हुआ जिसके परिणामस्वरुप यह हमला हुआ।
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