राहुल ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद लगाई मुख्यमंत्रियों के नामों पर मुहर, MP-राजस्थान में ये हो सकते हैं नाम
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 12, 2018 05:08 AM2018-12-12T05:08:11+5:302018-12-12T05:08:11+5:30
सपा ने राहुल को भरोसा दिया है कि जरूरत पड़ने पर समाजवादी पार्टी के विधायक मध्य प्रदेश में कांग्रेस का समर्थन करेंगे, लेकिन मायावती से अभी ऐसा कोई ठोस आश्वासन कांग्रेस को नहीं मिला है.
समूची भाजपा जिस पर कई तंज कसती थी, आज उसी राहुल गांधी ने तीन प्रमुख राज्यों से भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया. जैसे ही मंगलवार सुबह जीत के संकेत मिलना शुरू हुए कांग्रेस अध्यक्ष सलाह लेने दस जनपथ पहुंच गए. सूत्रों के अनुसार उन्होंने पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से लगभग 40 मिनट तक चर्चा की. इस दौरान मुख्यमंत्री के नामों पर मुहर लगा दी गई है. सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद मंगलवार दिनभर राहुल गांधी वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करते रहे.
इस दौरान 2019 का लोकसभा चुनाव सबसे प्रमुख मुद्दा था. कांग्रेस अध्यक्ष क्षेत्रीय दलों के साथ गंठबंधन को लेकर गंभीर हैं. इसी के चलते राजस्थान और मध्य प्रदेश में पार्टी बसपा और सपा को साथ लेकर चल सकती है. इधर, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पार्टी पर्यवेक्षकों को भेजने का काम शुरू हो गया है. राजस्थान में आज विधायक दल की बैठक बुलाई गई है जिसमें विधायकों की राय जानने के बाद जानकारी कांग्रेस अध्यक्ष को दी जाएगी. मध्य प्रदेश में भी जल्द से जल्द नए नेता का चयन कर लिया जाएगा.
राजस्थान में अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश में कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के अलावा टी. एस. सिंह देव के नाम की भी चर्चा है. साथ ही यह भी संकेत मिल रहे हैं कि यदि इन दोनों नेताओं के बीच तालमेल नहीं बैठ पाता तो कांग्रेस वरिष्ठ नेता चरणदास मंहत पर भी विचार कर सकती है.
कोई अफसोस नहीं मिजोरम और तेलांगाना में सफलता न मिलने का कोई बहुत अधिक अफसोस कांग्रेस को नहीं है, क्योंकि तेलांगाना में यह जानते हुए कि तेलुगू देशम के खिलाफ माहौल है कांग्रेस ने गठबंधन किया यह सोचकर कि 2019 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को लेकर चंद्रबाबू नायडू की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है.
सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी, अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती के भी संपर्क में हैं. सूत्र बताते हैं कि सपा ने राहुल को भरोसा दिया है कि जरूरत पड़ने पर समाजवादी पार्टी के विधायक मध्य प्रदेश में कांग्रेस का समर्थन करेंगे, लेकिन मायावती से अभी ऐसा कोई ठोस आश्वासन कांग्रेस को नहीं मिला है. वहीं, कमलनाथ भी मायावती के संपर्क में हैं.
तीन राज्यों की जीत को कांग्रेस बड़ी उपलब्धि मान रही है, क्योंकि 11 दिसंबर 2017 को राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाला था और ठीक एक साल बाद 11 दिसंबर 2018 को तीन राज्यों में भाजपा को बाहरकर यह साबित कर दिया कि उनके बूते पर कांग्रेस चुनाव में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है. इतना ही नहीं विपक्षी दलों के बीच भी राहुल अब अपना नेतृत्व स्थापित करने में भी कामयाब हुए हैं.
(शीलेश शर्मा की रिपोर्ट)