असम सरकार के मंत्री हिमंत विश्व सरमा ने प्रदेश भर में हो रहे नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध के बीच कहा कि राज्य सरकार ने भारत सरकार से असमिया को राज्य भाषा के रूप में बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि असमी को राज्य भाषा का दर्जा देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 345 में संशोधन करने का अनुरोध किया है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हालांकि बराक घाटी, बोडोलैंड जैसे आदिवासी क्षेत्र और पहाड़ी जिलों में यह लागू नहीं हो सकता है।
हिमंत विश्व सरमा ने यह भी कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने अगले विधानसभा सत्र में स्वदेशी लोगों के लिए भूमि अधिकार हासिल करने के लिए एक नया विधेयक लाने का निर्णय लिया है। इस विधेयक के तहत, स्वदेशी लोग केवल स्वदेशी लोगों को अपनी जमीन बेच सकते हैं।