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सीएबी को लेकर जारी विरोध पर असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनेवाल की लोगों से अपील, 'भ्रमित मत होइए'

By अभिषेक पाण्डेय | Updated: December 12, 2019 14:42 IST

Sarbananda Sonowal: असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने नागरिकता संशोधन बिल को लेकर जारी विरोध के बीच लोगों से की शांति बनाए रखने की अपील

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ठळक मुद्देअसम के सीएम सोनोवाल ने लोगों से की शांति बनाए रखने की अपीलसोनोवाल ने कहा कि असम के लोगों को सीएबी से डरने की जरूरत नहीं है

सीएबी को लेकर जारी विरोध पर असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनेवाल की लोगों से अपील, 'भ्रमित मत होइए'

असम में नागरिकता (संशोधन) बिल 2019, को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन के बीच मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुरुवार को लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। 

एएनआई के मुताबिक, सोनोवाल ने साथ ही लोगों से इस बिल को लेकर 'भ्रमित' न होने की भी अपील की। 

सीएम सोनोवाल की अपील, 'सीएबी को लेकर न हों भ्रमित' सोनोवाल ने कहा कि कैब एक राष्ट्रीय स्तर का बिल है और असम के लोगों को इससे डरने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं लोगों से शांति बनाए रखने और भ्रमित न होने की अपील करता हूं।'

इससे पहले प्रधानमंत्री ने सीएबी को लेकर असम में जारी भारी विरोध प्रदर्शनों के बीच असम के लोगों को आश्वासन दिलाया कि उनके अधिकार, विशेष पहचान और खूबसूरत संस्कृति को कोई भी छीन नहीं सकता है।  

असम में कई जिलों में लगा कर्फ्यू, 10 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक

बुधवार को राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल के पास होने के बाद जारी जोरदार विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए असम के सबसे बड़े शहरों गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। 

प्रशासन ने साथ ही राज्य के दस जिलों में बुधवार शाम 7 बजे से 24 घंटों के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है। इन जिलों में लखीमपुर, तिनसुकिया, धीमाजी, डिब्रूगढ़, चराइदेव, सिवासागर, जोरहाट, गोलाघाट, कामरूप (मेट्रो) और कामरूप शामिल हैं। 

भारतीय सेना के अधिकारियों के मुताबिक, असम में सेना की पांच टुकड़ियां जबकि त्रिपुरा में असम राइफल्स की तीन टुकड़ियां तैनात की गई हैं।

नागरिकता संशोधन बिल सोमवार को लोकसभा में पास होने के बाद बुधवार को राज्यसभा में भी पास हो गया। कुल 125 सदस्यों ने इस बिल के पक्ष में और 105 सांसदों ने बिल के खिलाफ वोटिंग की की। 

इस बिल में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होकर 31 दिसंबर 2014 तक भारत आने वाले छह धर्मों हिंदू, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। 

टॅग्स :नागरिकता संशोधन बिल 2019असमसर्बानंद सोनोवाल
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