असम: एआईयूडीएफ विधायक ने कहा, "केंद्र नहीं लागू कर पाएगा यूसीसी, लव जिहाद के नाम पर हो रही तुष्टिकरण की राजनीति"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 14, 2023 12:50 PM2023-09-14T12:50:19+5:302023-09-14T12:56:11+5:30
असम की क्षेत्रीय पार्टी एआईयूडीएफ ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह पूरे देश में इसे नहीं लागू कर सकती है।

फाइल फोटो
गुवाहाटी:असम में सत्ताधारी भाजपा सरकार की प्रमुख विरोधी पार्टी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर केंद्रकी नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह पूरे देश में समान नागरिक कानून नहीं लागू कर सकती है।
इस संबंध में बीते बुधवार को समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एआईयूडीएफ विधायक करीम उद्दीन बरभुइया ने कहा कि पूरे देश में यूसीसी को लागू करना संभव नहीं है क्योंकि यह "जमीनी हकीकत" से कोसों दूर है।
उन्होंने कहा, "भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के लिए यूसीसी को पूरे देश में लागू करना संभव नहीं है क्योंकि यह उन परंपराओं और नियमों के अनुरूप नहीं है, जिनसे पूरे देश में अलग-अलग आस्थाओं को मानने वाले लोग या समुदाय आपस में बंधे हुए हैं। सच्चाई तो यह है कि हमारे देश की विशेषता है इसकी विविधता में एकता है।"
एआईयूडीएफ विधायक करीम उद्दीन बरभुइया ने आगे कहा, "धार्मिक आस्थाओं से जुड़े लोग संविधान द्वारा दिये गये प्रावधानों या नियमों का स्वयं पालन करते हैं। यही भारत की सुंदरता है। यह एक ऐसा पहलू है जिसके लिए हमारा देश विश्व स्तर पर जाना जाता है। हालांकि, भाजपा इसे नष्ट करने के लिए खुद को हिंदुत्व के ध्वजवाहक कहती है लेकिन वास्तव में वे न तो बहुसंख्यक समुदाय या अन्य धार्मिक विश्वासों से संबंधित लोगों के हितों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। वे केवल एक भावनात्मक कार्ड खेल रहे हैं। भारत को भूल जाओ, वे पूर्वोत्तर में भी यूसीसी भी लागू नहीं कर सकते हैं।"
मालूम हो कि इससे पहले बीते बुधवार को ही असम सरकार ने बहुविवाह और अन्य प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानूनी मसौदा तैयार करने के लिए राज्य के महाधिवक्ता देवजीत लोन सैकिया की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था, जिसमें समिति विवाह में फर्जी पहचान के आधार पर काजी द्वारा अंतर-धार्मिक विवाह कराने और बच्चे की देखभाल में उनकी कथित भूमिका की जांच करेगी।
इस समिति के गठन पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर हमलावर होते हुए एआईयूडीएफ विधायक ने कहा, "भाजपा केवल राजनीतिक लाभ के लिए एक के बाद एक विधेयक ला रही है।"
विधायक बरभुइया ने सवालिया रहजे में कहा, "इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएए लागू करने का दावा किया था। मैं असम के मुख्यमंत्री और केंद्र से पूछना चाहता हूं क्या सीएए वास्तव में लागू किया गया है? क्या तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया गया है? क्या वे लोगों को मूर्ख मानते हैं?"
इसके साथ एआईयूडीएफ विधायक ने भाजपा की असम सरकार के तहत राज्य में भ्रष्टाचार के कई मामले होने का दावा करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल लोगों से किए गए अपने वादों को पूरा करने में विफल रही।
उन्होंने कहा, "वे धीरे-धीरे जनता का समर्थन खो रहे हैं। यहां तक कि हाल के विधानसभा उप-चुनावों में भी भाजपा पिछड़ गई और उत्तर प्रदेश समेत चार सीटें हार गई, जहां वे सत्ता में हैं। भाजपा भारत की वैश्विक छवि को नुकसान पहुंचा रही है। वे धर्म और लव जिहाद के नाम पर तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं।''